Hindi Essay, Paragraph on “दहेज प्रथा एक सामाजिक समस्या”, “Dahej Pratha ek Samajik Samasya” 200 words Complete Essay for Students of Class 9, 10 and 12 Exam.
दहेज प्रथा एक सामाजिक समस्या
Dahej Pratha ek Samajik Samasya
समाज का अभिशाप
लड़कियों को तिरस्कृत समझना
जिंदा जलाने का चलन
प्रत्येक समाज में विभिन्न प्रकार के रीति-रिवाज चलन में आते हैं, लेकिन कुछ समय बाद इनमें कई प्रकार की बुराइयाँ आ जाती हैं। दहेज प्रथा भी एक ऐसा ही रिवाज है, जो आज समाज के लिए अभिशाप बन गया है। दहेज प्रथा के कारण ही बेईमानी, रिश्वतखोरी, भ्रष्टाचार, कालाबाजारी, चोरबाज़ारी, जमाखोरी एवं तस्करी आदि बुराइयाँ समाज में पनपने लगी हैं। यदि किसी के कई लड़कियाँ हुई तो उसका जीवन नरक के समान हो जाता है। दहेज के लिए कुछ कर्जा उठाते हैं, जिसे उतारने के लिए वे उम्र भर चिंता में चिता की तरह जलते रहते हैं। कुछ लड़कियाँ अपने माता-पिता को कष्ट से बचाने के लिए आत्महत्या कर लेती हैं। कुछ लड़कियाँ सुंदर एवं कार्यकुशल होते हुए भी समुचित दहेज के अभाव में कुँवारी रहकर अभिशप्त जीवन बिताती हैं। कुछ लड़कियों को विवाहोपरांत दहेज न लाने के कारण जला दिया जाता है। कुछ लड़कियों को मायके से धन लाने के लिए कहा जाता है और जीवनभर उनसे घृणा की जाती है। इस दहेज प्रथा से ही हजारों लोग बर्बाद हुए हैं, लाखों लड़कियों को जिंदा मार डाला है और करोड़ों लोगों को बेईमान बनाया है। कहने की आवश्यकता नहीं कि आज दहेज प्रथा समाज के लिए अभिशाप बन गई है।