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Hindi Essay on “The Happiest Day of My Life” , ”मेरे जीवन का सबसे खुशी भरा दिन” Complete Hindi Essay for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.

मेरे जीवन का सबसे खुशी भरा दिन

The Happiest Day of My Life

निबंध नंबर :- 01

इंसान का जीवन सुखों तथा दु:खों का मिश्रण है। खुशी के पल उसके जीवन में बहुत कम आते हैं। जब भी कोई हंसी-खुशी वाला मौका आए तो व्यक्ति बाकी सब भूल जाता है। जीवन उसे एक मीठा स्वप्न लगता है। वह उसका अच्छी तरह आनंद उठाता है।

10 जून, 2008 मेरे जीवन का सबसे खुशी वाला दिन था। इस दिन मेरा फाइनल परीक्षा का नतीजा घोषित हुआ था। मैंने प्रथम स्थान प्राप्त किया था। उस वक्त मेरी खुशी का कोई ठिकाना न रहा। मेरे माता-पिता ने मुझे गले से लगा लिया। मेरे मित्र मेरे घर आकर मुझे बधाई दे रहे थे। मेरे लिए उनके प्रेम को देख कर मैं खुशी से भर गया। मैंने उन्हें चाय नाश्ता करवाया। वे सब यह जानना चाहते थे कि मैं आगे क्या करने वाला हूँ? |

दोपहर के समय मैं अपने मित्रों तथा रिश्तेदारों के बीच बैठा था। तभी उस समय एक कोरियर आया। उसमें एक पत्र था। जब उसे मैंने खोला तो मैं खुशी से गद्-गद् हो गया।

मैंने हरियाणा लाटरी जीती थी। यह पूरे 15 लाख का ईनाम था। एक झटके में मैं लखपति बन गया। हम सब भगवान् का धन्यवाद करने मंदिर गए। ईश्वर मुझ पर बहुत दयालु थे।

इस प्रकार शाम हो गई। मेरा बड़ा भाई दफ्तर से घर लौटा। उसने अपने हाथ में मिटाई का डिब्बा पकड़ा हुआ था। उसने बताया कि उसकी कंपनी उसे उच्च ट्रेनिंग के लिए विदेश भेज रही है। इसलिए वह अगले हफ्ते अमरीका जा रहा है। यह एक और खुशी वाली थी। यह दिन मेरे लिए बहुत शुभ था। इस दिन मुझे एक के बाद एक खुशी मिली। मैं इस को कभी भुला नहीं सकता। इस तरह यह मेरे जीवन का सबसे खुशी भरा दिन रहा।

निबंध नंबर :- 02

मेरे जीवन का सबसे खुशी का दिन

पाँच जून मेरे जीवन का सबसे प्रसन्नता का दिन था। इस दिन सी. बी.एस.ई. का दसवीं कक्षा का परिणाम घोषित हुआ था। मैंने परीक्षा की बहुत अच्छी तैयारी की थी। परन्तु अग्रणी विद्यार्थियों में सबसे आगे आने की आशा नहीं की थी। सामाजिक विज्ञान में अच्छे अंक आने का मुझे विश्वास नहीं था। मैं परिणाम के विषय में ज़्यादा आशावादी नहीं था। मेरे लिए यह बड़ी आश्चर्य की बात थी कि मैं सफल विद्यार्थियों की सूची में प्रथम थी।

यह मेरे जीवन का सबसे अधिक खुशी का दिन था। मेरे मित्रों और सहपाठियों ने मुझे बधाई दी। मुझे मेरे विद्यालय के मुख्याध्यापक और अध्यापकों ने भी बधाई दी। मैं उस दिन का सबसे महत्त्पूर्ण व्यक्ति बन गया था। मेरे माता-पिता मुझ पर अत्यधिक गर्व कर रहे थे। उन्होंने मुझे प्रेम और अश्रुपूर्वा आँखों के साथ गले से लगा लिया। वे खुशी से रो रहे थे। मेरे सभी प्रियजनों ने सम्मान किया। मुझे अनुभव हुआ कि यह सब है। मेरे अध्यापकों, माता-पिता और बड़ों के योग्य मार्गदर्शन के कारण हुआ

आगे मुझे कई संस्थाओं और ट्रेनिंग कोर्सों के आमन्त्रण मिले। अपने भविष्य के लिए किसी को चुनने में मुझे कठिनाई आ रही थी।

तब मुझे अलभ्य (अचानक कोई लाभ हो जाना) लाभ हुआ। मैंने एक रु. की लॉटरी की टिकट खरीदी थी। मुझे एक टेलिग्राम मिली। मैंने एक लाख रु. का पहला इनाम जीता था। यह समाचार सुनकर सभी प्रसन्नता से झूम गए, अब मैं अपनी इच्छा का कोर्स परिवार पर किसी बोझ के बिना चुन सकता था।

शाम को हम सब मिठाई लेकर हनुमान मन्दिर गए। हम घर वापिस आए और पड़ोसियों को प्रसाद बांटा। उन सब ने उज्जवल भविष्य के लिए मुझे आशीर्वाद दिया। यह मेरे जीवन का सबसे अधिक खुशी का दिन था। मैं बहुत खुश था। मेरे माता-पिता ने ईश्वर का धन्यवाद किया जिसके आशीर्वाद से मेरे जीवन का एक नया अध्याय शुरू हुआ। इस दिन की याद, जब तक मैं जीवित हूँ, सदा ताज़ी रहेगी।

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commentscomments

  1. Rashid says:

    All is right

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