Hindi Essay on “Shri Krishan Janamashtami ” , ”श्रीकृष्ण जन्माष्टमी ” Complete Hindi Essay for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी
Shri Krishan Janamashtami
प्रस्तावना – जून्माष्टमी का पर्व भगवान श्रीकृष्ण की स्मृति में उनके जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है। यह त्यौहार भादो महीने में कृष्णपक्ष की अष्टमी के दिन मनायु जाता है। धार्मिक पांच हजार वर्ष पूर्व इसी दिन भगवान श्रीकृष्ण का रात्रि के समय उनके मामा कस की जेल की कोठरी में जन्म हुआ था। इस पर्व के दिन श्रद्धालुजन व्रत रखते हैं और रात्रि को भगवान के मन्दिर में जाकर पूजा और हरि कीर्तन करते हैं मध्यरात्रि के समय श्रीकृष्ण जन्म के उपलक्ष्य में श्रद्धालुओं द्वारा मन्दिरों में शंख छोटे-घड़ियाल बजाकर हर्ष प्रकट किया जाता है तथा प्रसाद वितरित किया जाता है। इस प्रसाद को खाकर भक्तजन अपना व्रत तोड़ते हैं।
जन्माष्टमी की सौन्दर्यता – जन्माष्टमी के दिन ग्रामों व नगरों में अनेक स्थानों । पर श्रीकृष्ण के झूले व इकियों का प्रदर्शन होता है। इस दिन मन्दिरों की शोभा देखते – ही बनती है। मथुरा और वृन्दावन में देखने (यह शोभा और भी देखने) योग्य होती है। वहां मन्दिरों में रंगीन बल्बों से रोशनी की जाती है।
श्रीकृष्ण महाभारत के युद्ध में पाण्डवों के सारथी बने थे तथा गीता का उपदेश दिया था। श्रीमद्भागवत गीता हिन्दुओं का पूज्य धार्मिक ग्रंथ है।
भगवान श्रीकृष्ण द्वारा प्रेरणा – भूगवान कृष्ण का संदेश कर्म का संदेश था। उन्होंने युद्ध-क्षेत्र में निराश, हताश अर्जुन को जो सन्देश दिया, वह केवल भारत को ही नहीं अपितु सरे संसार को अपने कर्तव्य पर अडिग रहने की प्रेरणा देता रहेगा | हमारे राष्ट्रिपिता महात्मा गांधी ने श्रीकृष्ण को अवतार पुरुष के रूप में मान्यता दी | वे उनके गीता के उपदेशों से बहुत प्रभावित थे |
उपसंहार – भारतीय जन-जीवन में इस महँ त्योहार का बहुत महत्व है | यह त्यौहार हमें अध्यात्मिक व लोकिक सन्देश देता है | अतः हमारे यह कर्तव्य है कि हम जन्माष्टमी के दिन भगवान श्रीकृष्ण के चरित्र के गुणों को ग्रहण करने का व्रत लें | यह पर्व श्रद्धा एवं अच्छे आदर्शो का प्रतिक है |