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Hindi Essay on “Ramneek Sthal ki Yatra”, “रमणीक स्थल की यात्रा” Complete Essay, Paragraph, Speech for Class 7, 8, 9, 10, 12 Students.

रमणीक स्थल की यात्रा

Ramneek Sthal ki Yatra

 

रमणीक स्थलों की यात्रा विद्यार्थियों के लिए बड़ी सुखद होती हैं। इन रमणीक स्थलों पर पहुंच कर हम स्वयं मानों इन्हीं का अंग बन जाते हैं। वह स्थल जीवित होकर हमारे सामने साकार हो उठता है। ऐसी यात्राओं द्वारा हम अपने देश के कोने-कोने को सही दृष्टि से देखते हैं, अपनी शक्ति और निर्बलता को पहचानते हैं।

भारत एक प्राचीन देश है इसकी संस्कृति बहुत पुरानी है। इतिहास भी पुराना है। यहां का प्रत्येक नगर,  प्रत्येक ग्राम कोई न कोई कथा संजोए हुए है। दिल्ली भारत की राजधानी है। भारत का दिल है। भारत की शक्ति है। इतिहास की दृष्टि से पुरानी दिल्ली का महत्व अधिक है जबकि नवीन परिवर्तनों के कारण नई दिल्ली सभी के आकर्षण का केन्द्र है।

जनवरी मास में हमें विद्यालय की ओर से दिल्ली जैसे रमणीक स्थल की यात्रा के लिए ले जाया गया। सबसे पहले हमने लाल किला देखा। यह किला लाल पत्थर से बना हुआ है इसलिए इसे लाल किला कहा जाता है। यह लाल किला मुगल वंश के इतिहास के साथ जुड़ा है। लाल किले के सामने चांदनी चौंक है। यह भी मुगलों के समय का महत्त्वपूर्ण बाज़ार है। इसका महत्त्व आज भी कम नहीं हुआ है। बहुत से इतिहासकारों का मत है कि कुतुबमीनार कुतुबदीन ऐबक द्वारा निर्मित करवाया गया था। इसके पास ही ‘जन्तर-मन्तर है। जन्तर-मन्तर को देखकर हम अपने पूर्वजों की वैज्ञानिक दृष्टि पर आश्चर्यचिकत रह गए। यहां की भूल भुलेंया बड़ी आनन्दमयी है।

फिर हम बिरला मन्दिर गए। इसी मन्दिर में प्रार्थना सभा में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की हत्या की गई थी। इस मन्दिर को सभी सम्प्रदायों के देवताओं और महापुरुषों से सम्बन्धित करके राष्ट्रीय एकता का प्रतीक बनाने की कोशिश की गई। हम लोग संसद् भवन, सचिवालय तथा राष्ट्रीय भवन भी देखने गए। सौभाग्य से राष्ट्रपति भवन के मुग़ल बाग दर्शकों के लिए खुले थे। इन्हें केवल फरवरी मास में ही खोला जाता है। असंख्य फूलों से भरे इस उपवन ने हमारे मन मोह लिए । हम राजघाट तथा शान्तिवन भी गए। यहां महात्मा गांधी और लाल बहादुर की समाधियां स्थापित हैं। लोग यहां अपने प्रिय नेताओं की स्मृति में नत-मस्तक होकर श्रद्धा सुमन अर्पित करते हैं। इन समाधियों को देखकर हम भी भाव-विमोर हो गए।

अब हम एक नए स्थल की ओर रवाना हो गए तथा वह था, ‘आगरा’ शहर । यह स्थल अपने आप में अद्वितीय है। ‘ताज’ के बारे में कौन नहीं जानता । इसकी प्रसिद्धी विश्व भर में है, इसीलिए विदेशों तक के लोग इसे बड़े चाव से देखने आते हैं। ताज की सुन्दरता देखने योग्य है। ‘ताज’ सफेद संगमरमर से बना हुआ है। इसे शाहजहां ने अपनी बेगम मुमताज के लिए बनवाया था। यहां मुमताज और शाहजहां की समाधियां स्थित है। शरदकालीन रात के चांद में इसकी शोभा अद्वितीय हो जाती है। यह चांद की चांदनी में धुला-धुला सा लगता है। हम ‘ताज’ देख कर बहुत खश थे। मुझे गर्व है कि मेरे देश में ताज विद्यमान है।

ताज के सामने ठीक बिलकुल सामने आगरे का किला है जो एक विशाल घेरे में स्थित है। इसमें एक दीवाने-आम है तथा एक दीवाने-खास । यहां पर जहांआरा, रोशनआरा के महल बने हैं। यहीं पर एक ‘शीश महल’ है जो शीशे से जड़ित है। इसी भवन में औरंगजेब ने अपने पिता शाहजहां को कैद किया था। यह भवन हीरों से जड़ा था। प्रत्येक हीरे में ताज की छवि उभरती थी। उन्होंने अपने अन्तिम दिन ताज की छवि देखकर व्यतीत किए थे। यहीं पर उनकी मृत्य हो गई थी।

यह स्थल भारत के ही नहीं विश्व के प्रमुख स्थल है। इन्हें देखकर सभी आनन्दित होते हैं। मुझे स्थलों की यात्रा ने बहुत ज्ञान प्रदान किया और शैक्षिक ज्ञान में वृद्धि की और मैंने यह निष्कर्ष निकाला कि सभी स्कूलों को विद्यार्थियों को रमणीक स्थल की यात्राओं पर ले जाने का आयोजन करना चाहिए ।

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