Hindi Essay on “Puara Yajana” , ”प्यूरा योजना ” Complete Hindi Essay for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.
प्यूरा योजना
Puara Yajana
Providing Urban Amenities to Rural Areas – अरबन एमिनिटीज इन रूरल एरिया का संक्षिप्त रूप है-प्यूरा। इसे हिन्दी में कहा जा सकता है। -’गा्रमीण क्षेत्रों में शहरी सुविधाएं उपलब्ध कराना’। इस योजना का उद्देश्य पहचाने गए गा्रमीण क्षेत्रों में शहरी सुविधाओं के सृजन और आधुनिक किफायती सम्पर्क के माध्यम से गा्रमीण-शहरी अंतर को दूर करना है। ’प्यूरा’ का मूल तथ्य है कि एक शहर के इर्द-गिर्द गांवों में विकास की अन्तर्निहित क्षमता है और यदि इन गांवों को आवश्यक आधारभूत सुविधाएं प्रदान की जाएं, तो वे आस-पास के क्षेत्र के लिए विकास केन्द्रों के ,रूप में उभर सकते हैं। इस योजना का उद्देश्य है- विकास की क्षमता रखने वाले चयनित नगरों के आस-पास गा्रमीण समूहों को पहचानना और उन समूहों से निम्नलिखित चार प्रकार की सम्पर्कता प्रदान करना-
1.सड़क, परिवहन और बिजली की उपलब्धता।
2.बाजार सम्पर्कता जिससे किसान एवं अन्य गा्रमीण उत्पादक अपने उत्पादों के लिए अधिकतम मूल्य प्राप्त कर सकें।
3.विश्वसनीय टेलिकॉम, इंटरनेट एवं सूचना प्रोद्योगिकी सुविधाओं के साथ इलेक्ट्रॉनिक्स सम्पर्कता।
4.अच्छी शैक्षिक एवं प्रशिक्षण संस्थाओं के रूप में ज्ञान उपलब्ध कराना। शहरों के आस-पास जिन गा्रमीण समूहों का चयन किया जाएगा उनके लिए अलग-अलग विस्तृत परियोजना रिर्पोट तैयार की जाएगी, जिससे कि वहां सृजित की जाने वाली विश्ष्टि आधारभूत सुविधाओं की पहचान की जा सके। वैसे सामान्य तौर पर प्रत्येक गा्रमीण समूह को निम्नलिखित सुविधाएं अवश्य उपलब्ध कराई जाएंगी-
सड़क एवं यातायात सुविधाओं का प्रावधान
पर्याप्त बिजली आपूर्ति का प्रावधान
जल आपूर्ति का प्रावधान
कृषि उत्पादों के लिए विपणन सुविधाएं
पर्याप्त दूरसंचार, इंटरनेट एवं आधुनिक सूचना प्रौद्यगिकी सेवाओं का प्रावधान
मौजूदा विद्यालयों को अगले उच्च स्तरीय विद्यालयों में बदलना
बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं को उपलब्ध कराना।
‘प्यूरा‘ के लिए जो नीति अपनाई गई है उसके अन्तर्गत ‘प्यूरा‘ समूहों में सृजित की जाने वाली आधारभूत सुविधाएं, योजना के पहले चरण में, भारत सरकार एवं राज्य सरकारों की मौजूदा योजनाओं के माध्यम से सृजित की जाएगी। ऐसी अनेक योजनाएं हैं जिनका उपयोग चुने हुए समूहों के विकास के लिए किया जा सकता है। आधारभूत सुविधाएं सृजित करने के अलावा स्वर्णजयंती गा्रम स्वरोजगार योजना जैसी योजनाओं का उपयोग इन समूहों के गरीबों को स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के लिए नए तरीके से किया जा सकता है। उदाहरणार्थ-लोगों को टैक्सी सर्विस, कृषि सेवा केन्द्र, विपणन सुविधाएं आदि शुरू करने के लिए वित्तिय सहायता दी जा सकती है। इस तरह दी गई सुविधाओं के अलावा समूह के विकास के लिए अन्य मंत्रालयों की योजनाओं का भी उपयोग किया जा सकता है। लेकिन आधारभूत सुविधा सम्बन्धी कमी को पूरा करने के लिए ‘प्यूरा‘ के अन्तर्गत सिर्फ अनुपूरक सहायता दी जाएगी।
’प्यूरा’ जैसी परियोजना देश में पहली बार शुरू की जा रही है, इसलिए यह जरूरी है कि इसे देश भर में चलाने से पहले कुछ प्रायोगिक परियोजनाओं के माध्यम से इसकी सफलता की जांच की जाए। इसी उद्देश्य से 2004-05 के दौरान इस तरह की केवल सात प्रायोगिक परियोजनाएं सात राज्यों में शुरू की जाएंगी। वे सात राज्य हैं- उत्तर -प्रदेश, राजस्थान, बिहार,उड़ीसा, महाराष्ट्र, असम और आंध्र प्रदेश। प्रायोगिक परियोजनाओं को 10-15 गांवों के एक समूह से शुरू किया जाएगा। प्यूरा के अंतर्गत परियोजनाओं की जांच उनकी स्वीकृति और कार्यान्वयन की निगरानी के लिए एक संचालन समिति गठित की गई। भारत सरकार के सचिव को इस समिति का अक्ष्यक्ष बनाया गया। समिति की पहली बैठक 11 जनवरी 2005 को बुलाई गई जिसमें निर्णय लिया गया कि प्रत्येक चयानित समूह को 4-5 करोड़ रूपये की वित्तिय सहायता उपलब्ध कराई जाएगी। प्रारभ्म के चरण में इन परियोजनाओं की कार्य अवधि 3 वर्ष की होगी