Hindi Essay on “Parvatraj Himalaya”, “पर्वतराज हिमालय” Complete Essay, Paragraph, Speech for Class 7, 8, 9, 10, 12 Students.
पर्वतराज हिमालय
Parvatraj Himalaya
हिमालय शब्द हिम+ आलय शब्दों के योग से बना है जिसमें हिम का अर्थ बर्फ और आलय का अर्थ घर अर्थात् हिमालय शब्द का अर्थ बर्फ का घर है। हिन्दू लोग इस पर्वत को बहुत ही आदर की दृष्टि से देखते हैं क्योंकि उनका मानना है कि इस पर्वत की चोटी पर शिव और पार्वती रहते हैं। ऐसा विश्वास किया जाता है कि हिमालय की पुत्री पार्वती के साथ शिवजी का विवाह हुआ था। पांडव भी परीक्षित को राज्य देकर इसी पर्वत पर महायात्रा को चले गए थे। कविश्रेष्ठ कालिदास ने भी अपने ग्रन्थ कुमारसम्भव में शिव-पार्वती के विवाह का वर्णन किया है।
इसकी लम्बाई लगभग 2400 किलोमीटर और चौड़ाई लगभग 270 किलोमीटर है। कहीं पर यह इतना ऊँचा है कि संसार भर के सभी पर्वतों में इसकी समता कोई नहीं कर सकता और कहीं पर पृथ्वी के समतल भी है। इसकी चार चोटियां प्रसिद्ध हैं-
(क) माऊंट एवरेस्ट जिसकी ऊँचाई लगभग 20000 फीट है।
(ख) माऊंट गुडविन आस्टन लगभग 28200 फीट ऊंची है।
(ग) किंचिन जंघा, लगभग 28100 फ़ीट ऊँची है।
(घ) धौलागिरि लगभग 26800 फीट ऊंची है।
इतनी ऊंचाई पर चढ़ना मनुष्य की शक्ति से परे है क्योंकि 17000 फ़ीट की ऊंचाई के ऊपर हमेशा बर्फ जमी रहती है। इसकी घाटियों का दृश्य बड़ा ही मनोहर है। दूर से इसके दृश्य को देखकर लोग मूक दर्शक बनकर प्रकृति की प्रशंसा तथा गुणगान करने में लीन हो जाते हैं। इस पर्वत के आस-पास कई ग्राम तथा नगर बसे हुए हैं। पहाड़ी लोग निष्कपट, सरल, हृष्ट-पुष्ट,परिश्रमी और बलवान होते हैं। इनका रंग गोरा होता है। यहां का जलवायु अत्यन्त स्वास्थ्य-वर्धक होता है। इसीलिए ग्रीष्म ऋतु में धनी लोग पर्वतों पर चले जाते हैं।
इस पर्वत में से गंगा, यमुना, सिंधु, ब्रह्मपुत्र आदि अनेकों नदियाँ निकलती हैं जिनके जल से हमारी भारत भूमि उर्वरा होती है। इसके आस-पास बहुत से जंगल पाए जाते हैं जिनकी लकड़ी जलाने तथा भवन निर्माण के काम आती है। इसमें ऐसे कई स्थान हैं जिन पर असाध्य रोगों वाले रोगी जा कर स्वस्थ हो जाते हैं। यह पर्वत उत्तर की ओर से आक्रान्ताओं से भारतवर्ष की रक्षा करता है। इसकी कन्दराओं में अनेक महात्मा लोग ईश्वर की उपासना करते हैं। जो मौनसून पवन हिन्द महासागर से उत्तर की ओर आती हैं वे इससे टकराकर भारतवर्ष में वर्षा करती हैं जिससे हमारी भारत भूमि सस्यश्यामला बनती है और फल-फूल उत्पन्न कर के धरती को हरी भरी बनाती है।
हिमालय हिन्दुओं के मुख्य मुख्य तीर्थों का घर है। प्रति वर्ष सहस्त्रों यात्री केदारनाथ, बद्रीनाथ और अमरनाथ आदि तीर्थों की यात्रा के लिए जाते हैं।