Hindi Essay on “Meri Priya Film” , ”मेरी प्रिय फिल्म” Complete Hindi Essay for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.
मेरी प्रिय फिल्म
Meri Priya Film
फिल्में मनोरंजन का एक सस्ता साधन हैं। ये हमारी रोज़ाना की बोरियत को खत्म करती हैं। यह कुछ समय के लिए हमारे मन से सभी चिंताओं को दूर कर देती हैं। जब कभी भी कोई नई फिल्म लगती है तो सिनेमा हाल के सामने भारी भीड़ लग जाती है। मैं फिल्मों के लिए पागल नहीं हूँ। परंतु जब भी कभी कोई अच्छी फिल्म लगती है तब मैं उसे किसी भी कीमत पर देखना पसंद करता हूँ।
पिछले हफ्ते मुझे ‘बैजू बावरा’ फिल्म देखने को मिली। यह पुराने जमाने की एक बढ़िया फिल्म है। इसकी कहानी मुगल बादशाह अकबर के समय की है। उसके दरबार में तानसेन नाम का एक शास्त्रीय संगीतकार था। वह अपने कमाल के संगीत के कारण जाना जाता था। उसका मुकाबला कोई नहीं कर सकता था। इस फिल्म की कहानी में यह बताया गया है कि कैसे बैजू नामक एक कम दर्जे का संगीतकार, तानसेन को संगीत की प्रतियोगिता में हरा देता है।
फिल्म की कहानी बहुत अच्छे से पेश की गई है। भारत भूषण तथा मीना कुमारी इसके मुख्य कलाकार हैं। भारत भूषण ने बैजू का किरदार निभाया है। मीना कुमारी का इस फिल्म में नाम गौरी रखा गया है। गौरी के लिए बैजू का प्रेम उसे शास्त्रीय संगीत में निपुण बना देता है। जो अंत में उसे तानसेन को हराने में सहायता करता है तथा तानसेन संगीत में बैजू की काबलियत को मान लेता है। बैजू भी तानसेन के इस सम्मान को प्राप्त करने के लायक होता
इस फिल्म में अनेक शास्त्रीय गीत हैं। इसमें लता तथा रफी द्वारा गाए गए गीत भी शामिल हैं। इन गीतों की धून बहत प्यारी है। ये श्रोताओं को प्रेम तथा सुंदरता की दुनिया में ले जाते हैं। ये गीत आज भी गाए जाते हैं। मुझे यह फिल्म बहुत पसंद आई। ये उस समय की याद दिलाती है जब फिल्में पूर्ण मनोरंजन के लिए बनाई जाती थीं। इस फिल्म में कोई आपत्तिजनक दृश्य नहीं है। यह कला का एक नमूना है। मुझे यह फिल्म देख कर बहुत आनंद मिला।