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Hindi Essay on “Mere Padosi”, “मेरा पड़ोसी” Complete Essay, Paragraph, Speech for Class 7, 8, 9, 10, 12 Students.

मेरा पड़ोसी

Mere Padosi

 

मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है। समाज में रह कर ही वह अपने व्यक्तित्व का सम्पूर्ण विकास कर सकता है। उसके सम्पूर्ण विकास में उसके वातावरण का बड़ा महत्व होता है। देखना यह है कि जहां वह रह रहा है वहां उसे कौन-कौन सी सुख सुविधाएँ मिल रही हैं ? उसने जैसा जीवन जीने की कामना की है-वह पूरी हो रही है ? संसार में हर प्राणी सुख की चाह रखता है। परन्तु प्रत्येक व्यक्ति को सुख कहां? सुख तो सौभाग्य से मिलता है। कहा जाता है ‘वह व्यक्ति बहुत सुखी है, जिसे अच्छा पड़ोसी मिल जाता है।’

मैं स्वयं को अति सौभाग्यशाली समझता हूँ कि मैं जिस कालोनी में रहता हूँ, वहां चारों ओर के निवासी उच्च गुणों वाले, मानव-प्रेमी, सुख-दुःख में सहयोग देने वाले हैं। मेरे पड़ोसी, मेरे परम मित्र बलदेव जी हैं। हम दोनों सहकर्मी भी हैं। उनका मकान 250 गज में बना है। घर में सभी आधुनिक सुविधाएँ विद्यमान है। उनकी पत्नी सुशिक्षित है तथा एक कालेज में लैक्चरार है। धनी होने पर भी वह घर के सारे कार्य अपने हाथों से करती है। उनका घर बड़ा साफ़-सुथरा और सुन्दर है। उन्होंने अपने घर में एक बहुत सुन्दर फुलवारी बना रखी है जिससे घर में ताज़गी का आभास होता है।

श्री बलदेव बड़े कोमल स्वभाव के हैं। बड़े-छोटे सभी को सम्मान देने वाले हैं। हर व्यक्ति उनके इस गुण से प्रभावित होता है। वह बड़े मिलनसार, मृदभाषी, विनम्र और योग्य व्यवहार करने वाले हैं। वह सबका आदर करके सम्मान प्राप्त करते हैं। वह अपना खाली समय समाज-सेवा में बिताते हैं। अपने सम्पर्क में आने वाले गरीब बच्चों को वह शाम के समय मुफ्त शिक्षण देते हैं। इससे उन्हें मानसिक शान्ति और तृप्ति मिलती है। इसी कारण वह ईश्वर का साक्षात् रूप माने जाते हैं। उनके शब्दों में मानव-सेवा ही ईश्वर-सेवा है। जीवन में उच्च गुणों को महत्व देते हैं। वह किसी की निन्दा नहीं करते तथा न ही अपनी प्रशंसा से प्रसन्न होते हैं। वह हर स्थिति में समान रहते हैं।

वह साहसी तो इतने हैं कि हर कठिनाई का सूझ-बूझ से सामना करते हैं। इन्होंने एक बार एक बच्चे को गाड़ी के नीचे आने से बचाया था। इस कार्य से उनकी भूरि-भूरि प्रशंसा हुई थी। वह श्रेष्ठ-नागरिक हैं, वह आयकर देते हैं। बाजार मे अस्त-व्यस्त पड़ी वस्तुओं पर दृष्टि रखते हैं। असामाजिक तत्वों की कड़ी निगरानी रखते हैं। इसी कारण हमारे मुहल्ले में कोई अवैध तत्व नहीं आ पाते। वह अति संयमी है तथा कभी झूठी गप्पे नहीं लगाते। न ही वह व्यर्थ की बातों में अपना समय गंवाते हैं। अपना मूल्यवान समय लेखन कार्य में लगाते हैं। बच्चों के लिए छोटी-छोटी कविताएं लिखकर उनका ज्ञानवर्द्धन करने के साथ-साथ उनका मनोरंजन भी करते हैं।

भगवान ने उन्हें तीक्ष्ण बद्धि दी है। वह “जज” तो नहीं है पर उनके पास निर्णायक बुद्धि है। अपने मुहल्ले के छोटे-बड़े झगड़ों को हल कराने के लिए लोग उनके पास आते हैं। हर कोई उनके न्याय से सन्तुष्ट होता है। वह ईश्वर भक्त हैं। भगवान् से डर कर चलने वाले हैं। पूजा-पाठ का ढोंग नहीं करते परन्तु यह बात मानते हैं कि ईश्वर कण-कण में समाया हुआ है। सबके हृदय में निवास करता है। उसे मानव से प्रेम करके पाया जा सकता है। वह बड़े निष्ठावान हैं। भाई-बन्धुत्व और मैत्रीपूर्ण सम्बन्धों का मान करने वाले हैं। इसीलिए वह साधारण से साधारण प्राणी को भी गले लगाते हैं। उनका जीवन अनुशासित है। अनुशासन में बंधे होने के कारण ही वह अपने जीवन में अधिक सफल रहे हैं।

कहते हैं -“हमसाया मां जाया” अर्थात् पड़ोसी भाई-बहन के समान होता है। किसी विपत्ति में जब आप अकेले होते हैं तो सबसे पहले पड़ोसी ही आपके काम आता है। अत: यदि आपका पड़ोसी सहयोगी एवम् सदाचारी है तो आपके दुख कुछ सीमा तक कम हो जाते हैं। मुझे खुशी है कि मुझे अच्छा पड़ोसी मिला है जो सुख दुख में मेरा साथी है तथा भाई की भान्ति है। भगवान ऐसे पड़ोसी सभी को दें।

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