Hindi Essay on “Ka Barkha Jab Krishi Sukhane”, “का बरखा जब कृषि सुखाने” Complete Hindi Essay, Paragraph, Speech for Class 7, 8, 9, 10, 12 Students.
का बरखा जब कृषि सुखाने
Ka Barkha Jab Krishi Sukhane
- संकेत–बिंदु–लोकोक्ति का अर्थ ।
- समय का महत्त्व। समय का सदुपयोग।
समय बीत जाने पर किसी चीज की प्राप्ति कोई अर्थ नहीं रखती। खेती सूख जाने पर अमृत जैसा जल देने वाली वर्षा में भी सामर्थ्य नहीं कि वह फिर से पौधों को हरा कर सके। यह स्थिति जीवन में प्राप्त होने वाले अवसरों के विषय में कही जा सकती है क्योंकि अवसर किसी की प्रतीक्षा नहीं करता। समय कभी रुकता नहीं, समय हाथ से चला जाए तो हाथ मलने के अलावा कोई चारा नहीं। अतः आलस्य त्याग कर समय रहते अपने काम को अंजाम देना चाहिए। समय की उपेक्षा करने वालों के हाथ समय कभी नहीं आता वहीं समय का सदुपयोग करने वाले का वह अनुचर बन कर उनके लिए सभी साधन जुटा देता है। संसार के हर सफल व्यक्ति की उपलब्धियों का रहस्य केवल समय की पहचान और उसका सही उपयोग ही होता है। बीता हुआ एक पल भी सब कुछ दे देने से वापस नहीं लाया जा सकता। यहाँ तक कि विधान को बदलने में स्वयं ईश्वर भी सक्षम नहीं है। हमारे सपने कहीं अधूरे न रह जाएँ इसके लिए जरूरी है कि समय का लाभ उठाना सीखें अन्यथा
‘का बरखा जब कृषि सुखाने।
सम चुकि पुनि का पछताने।।‘