Hindi Essay on “Holi Festival” , ”होली पर्व” Complete Hindi Essay for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.
होली पर्व
Holi Festival
भारत की धरती पर पूरा वर्ष त्यौहार मनाए जाते हैं। ये त्यौहार महान् लोगों तथा एतिहासिक घटनाओं से संबंध रखते हैं। होली भी इन्हीं त्यौहारों में से एक है। इसे रंगों का त्यौहार कहा जाता है। यह आमतौर पर मार्च के महीने में आता है। यह बसन्त ऋतु के आगमन का संकेत देता है।
कई महान लोग इस दिन से सम्बन्ध रखते हैं। प्रह्लाद ईश्वर का एक बहुत बड़ा भक्त था। उसके पिता जो कि एक राजा थे, उन्हें ये सब पसन्द नहीं था। उसने अपनी बहन होलिका को प्रह्लाद को खत्म करने का आदेश दिया। होलिका ने उसे अपने साथ जलाने का प्रयास किया किन्तु इसमें वह खुद जल गई तथा प्रह्लाद बच गया। ऐसा भी कहा जाता है कि पूतना ने इस दिन श्री कृष्ण को मारने का प्रयास किया था किन्तु कृष्ण ने उसे ही मार डाला। यह दिन दो शैतान औरतें पूतना तथा होलिका को मारने की खुशी में मनाया जाता है।
होली वाले दिन लोग टोलियां बना कर बाहर जाते हैं। वे एक-दूसरे पर रंग डालते हैं। एक दूसरे के चेहरों पर रंग लगाते हैं। नौजवान लड़के तथा बच्चे रंगीन पानी एक दूसरे पर फैंक कर उनके कपड़े खराब करते हैं। लेकिन लोग बुरा नहीं मानते। वे बुरी भावनाएं तथा नफरत को भूल जाते हैं। लोग मन मोटाव भुला कर एक दूसरे के करीब आ जाते हैं। त्यौहार के एक दिन पहले लोग आग जला कर उसके आस-पास नृत्य करते हैं।
कई लोग होली को गंदा त्यौहार मानते हैं। ऐसे कुछ शरारती लोग होते हैं जो इस त्यौहार की खूबसूरती को खराब करते हैं। वे इस दिन जवान लड़कियों को छेड़ने के लिए प्रयोग करते हैं। वे स्कूटर तथा मोटरसाईकिल पर घूम कर लड़कियों को तंग करते हैं। कुछ ऐसे भी लोग हैं जो रंगों का इस्तेमाल ही नहीं करते। वे मिट्टी तथा गोबर का इस्तेमाल कर लोगों का चेहरा मलते हैं। इस प्रकार के कार्य लड़ाई-झगड़ों को अंजाम देते हैं जिससे सारा कार्यक्रम खराब हो जाता है। इसलिए इस त्यौहार को दोस्ती बढ़ाने के लिए खेलना चाहिए।