Hindi Essay on “Cricket Match” , ” क्रिकेट मैच ” Complete Hindi Essay for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.
क्रिकेट का एक मैच
Cricket Match
5 Best Essay on “Cricket Match”
निबंध नंबर : 01
क्रिकेट भारत का एक अत्यन्त लोकप्रिय खेल है | संसार के जिन देशो में क्रिकेट खेला जाता है उनमे भारत एक प्रमुख देश है | भारत में यह खेल बहुत वर्षो से खेला जाता रहा है | सन 1928 में भारत की पहली क्रिकेट –टीम इंग्लैण्ड का दौरा करने गई थी | आजकल क्रिकेट का खेल भारत के शहरों , देहातो व कस्बो में बड़े चाव से खेला जाता है | क्रिकेट का मैच जब खेला जाता है तो इसे देखने से मन नही भरता है | क्रिकेट का मैच दो प्रकार से होता है – एक पांच दिन का टैस्ट मैच तथा दूसरा एक दिन का अन्तर्राष्ट्रीय मैच | इनमे से आजकल एक दिन का अन्तर्राष्टीय मैच अधिक पसंन्द किया जा रहा है , क्योकि इसका निर्णय उसी दिन हो जाता है | इसी प्रकार के एक मैच का वर्णन निम्न प्रकार है :-
पिछले रविवार को एक दिन का अन्तर्रष्ट्रीय मैच लक्ष्मीबाई नगर स्कूल के मैदान पर सरोजनी नगर स्कूल व नेताजी नगर स्कूल की टीमो के बीच खेला गया था | दोनों स्कूलों की टीमें बहुत मजबूत थी | ज्यो ही खेल प्रारम्भ होने का समय हुआ , दोनों टीमे अपनी – अपनी वेश – भूषा में खेल के मैदान में एकत्रित हो टॉस सरोजनी नगर स्कूल की टीम ने जीता | उसने पहले बैटिग करने का निर्णय लिया और खेल प्रारम्भ हो गया |
नेताजी नगर स्कूल की टीम कजे कप्तान ने अपनी पारी को फील्डिग के लिए मैदान में खड़ा कर दिया | सरोजनी नगर स्कूल की टीम बैटिग के लिए मैदान में उतरी | सरोजनी नगर स्कूल की टीम ने अपनी पारी खेलकर 50 ओवरों में पाँच विकेट खोकर 228 रन बना लिए | ये सभी रन उन्होंने तिन छक्के और 20 चौको की सहायता से बनाए थे | इसके बाद नेताजी नगर स्कूल की टीम बैटिग करने के लिए मैदान में उतरी | उनकी पहली जोड़ी ने बहुत तेजी से पहले 20 ओवरों में एक छक्का और 15 चौको की सहायता से 108 रन बना लिए | इनके आउट होने पर बाकी के खिलाडी जल्दी से आउट होते चले गए | अंतत : पूरी टीम 47 ओवरों खेल स्की और कुल 212 रन ही बना सकी |
इस प्रकार सरोजनी नगर स्कूल की टीम नेता जी नगर स्कूल की टीम से 16 रन से विजयी घोषित कर दी गई | तत्पश्चात खेल के प्रबंधको ने विजयी टीम के कप्तान को ट्राफी देकर पुरस्कृत किया तथा अच्छे खिलाडियों को भी निशिचत राशि के चैक प्रदान किए | जिस खिलाड़ी को ‘मैं आफ दी मैच’ घोषित किया गया उसे विशेष पुरस्कार प्रदान किया गया | इस खेल को खेलने वाले खिलाड़ी को बड़े धैर्य तथा एकाग्रता की आवश्यकता होती है | फील्डिग करते समय तो प्रत्येक खिलाडी को और भी चुस्त , चौकन्ना तथा सावधान रहना पड़ता है | सरोजनी नगर स्कूल टीम में ये सभी गुण विद्दमान थे इसीलिए वह टीम विजयी रही |
क्रिकेट मैच
Cricket Match
निबंध नंबर : 02
आज विश्व में सब से बढ़ कर जोश, उत्साह, प्रसिद्धि और व्यापकता का, लोकप्रियता का भाव यदि किसी खेल के प्रति देखने को मिलता है तो वह है फुटबॉल। यही एक ऐसा खेल है, जो संसार के प्रायः हर देश में खेला जाता है। यही वह खेल है कि जिसमें एक-दूसरी टीम के समर्थक लोगों में अक्सर मारा-मारी और सिर फुटवल का दौर भी चलता रहता है। यह सब सत्य होते हुए भी जहाँ तक लोकप्रियता के उन्माद की स्थिति तक पहुँचने का प्रश्न है, सारे काम-काज छोड़ कर, यहाँ तक कि खाना-पीना भी भल कर सारा-सारा दिन खेल के मैदान में बैठे रहने, टेलिविजन से चिपके रहने या ट्रॉजिस्टर को कानों से चिपकाए रखने का प्रश्न है, क्रिकेट का वास्तव में कोई जवाब नहीं।
क्रिकेट बहुत ही कम देशों में खेला जाता है। ऑस्ट्रेलिया, हालैण्ड, वेस्टइण्डीज भारत, पाकिस्तान, श्रीलंका, बाँग्ला देश, दक्षिण अफ्रीका, और जिम्बावे मात्र दस देशों में ही क्रिकेट का प्रचलन है। अब शरजाह में हुए विश्व कप क्रिकेट के अवसर पर संयुक्त अरबों की एक नई टीम भी सामने आई है; परन्तु उसका स्वरूप अभी निर्धारित होना है और भविष्य में क्या रूप लेता है, आज कुछ कहा नहीं जा सकता। बाकी देशों के पास क्रिकेट खेलने वालों की अच्छी टीमें मौजूद हैं। जब भी दो या अधिक टीमों में विश्व में कहीं भी क्रिकेट का मौसम आरम्भ हुआ करता है, क्रिकेट-प्रेमियों पर वास्तव में एक तरह का पागलपन-सा सवार हो जाया करता है; इस बात में तनिक भी सन्देह नहीं। छोटे-बड़े सभी उसी की धुन में मग्न दिखाई देते हैं। यहाँ तक कि लोगों को रास्तों में चलते और बसों में यात्रा करते हुए भी ट्रांजिस्टर कानों से चिपकाए हुए, एक-दूसरे से स्कोर पूछते हुए देखा-सुना जा सकता है। खिलाड़ियों को धन-प्राप्ति की दृष्टि से भी टेनिस के बाद क्रिकेट का ही नाम आता है।
क्रिकेट का खेल कब आरम्भ हुआ, ठीक से कुछ कहा नहीं जा सकता। सन् 1478 में फ्रांस में जो खेल खेले जाते थे, उनमें इस की चर्चा भी मिलती है, जबकि आज का फ्रांस यह खेल नहीं खेलता। ऐसा माना जाता है कि नियमानुसार पहली बार यह खेल सन् 1850 ई० में गिलफोर्ड नामक स्कूल में खेला गया था। सब से पहला टेस्ट मैच क्लेक कामन नामक स्थान पर खेला गया था, ऐसा उल्लेख मिलता है। उसके बाद क्रिकेट का खेल सिखाने के लिए विदेश के विभिन्न देशों में विशेष क्लबों की स्थापना की जाने लगी थी। तब इस खेल को अच्छा धन्धा कराने वाला माना जाने लगा था। सन् 1926 से उत्तर एवं दक्षिण क्षेत्रों में बाकायदा क्रिकेट मैचों के आयोजन होने लगे थे। इस प्रकार धीरे-धीरे यह खेल प्रचार और प्रसार तो पाता ही गया, इसके रंग-रूप और नियमों आदि का भी परिष्कार होता गया।
जहाँ तक भारत में क्रिकेट के आने का सवाल है, अठारहवीं शताब्दी में बम्बई में इस का पहला क्लब स्थापित किया गया था। वहाँ के गवर्नर की आर्थिक सहायता से चलने वाले इस क्लब ने ही पहले वहीं पर एक टूर्नामैण्ट का आयोजन किया, फिर सन् 1927 में सारे भारत का दौरा कर एक प्रकार से इस खेल का प्रचार-प्रसार किया। इसके एक वर्ष बाद यानि सन् 1928 ई० में ही भारत की पहली क्रिकेट टीम मैच खेलने इंग्लैण्ड गई। तत्पश्चात् निरन्तर लोकप्रियता प्राप्त कर के भारत में इस खेल ने जो माहौल बनाया, उसका वर्णन हम ऊपर तो कर ही आएँ, सभी इसी से अच्छी तरह परिचित भी हैं।
आज क्रिकेट का खेल आयोजकों के लिए एक लाभदायक व्यापार तो है ही खिलाड़ियों को भी मालाभाल कर देने वाला है। महँगे-से महँगा टिकट होने पर भी अक्सर सभी इच्छुकों को नहीं मिल पाता। खुले मैदानों में पहले दिन के उजाले में ही खेला जाता था, अब रात के समय विशेष प्रकार के दूधिया प्रकाश में भी खेला जाता है। खेलने के लिए खुले मैदान के बीच 22 मीटर के लगभग लम्बा पिच बनाया जाता दोनों सिरों पर “3-3′ की दूरी पर तीन-तीन विकिट खड़े किए जाते हैं। इसी पिच पर इन्ही विकिटों के भीतर ही खेल होता है। खेलने वाली दोनों टीमें अपने ग्यारह-ग्यारह खिलाड़ी लेकर मैदान में उतरती हैं। टॉस करके यह निर्णय किया जा कि कौन-सी टीम पहले बैटिंग और कौन-सी बॉलिंग करेगी, ग्यारह खिलाड़ियों के टीम में में एक कप्तान, एक विकेट-कीपर और आजकल चार-पाँच ऑलराउण्डर अर्थार्त अच्छी बॉलिंग के साथ-साथ बेटिंग कर पाने में भी समर्थ खिलाड़ी रहा करते हैं। दो अम्पॉयर खेल में नियंत्रण करने के लिए होते हैं। ग्यारह में से दस खिलाड़ियों को समय के भीतर आउट कर अधिक रन बनाने वाली टीम को विजयी घोषित किया जाता है टैस्ट मैच के लिए पाँच दिन का समय निर्धारित रहता है, इसमें प्रतिदिन कम-से-कम फेंके जाने वाले ओवरों की संख्या भी निर्धारित रहा करती है। एक दिन के मैच में अधिक-से अधिक दोनों टीमें पचास-पचास ओवर ही खेला करती हैं।
यदि बैटिंग कर रहा खिलाड़ी बल्ले से मार गेंद को सीमा-रेखा तक पहुँचा दे. अब उसे बिना दौडे चार रन. सीमा से बाहर पहुँचने पर 6 रन प्राप्त हो जाते हैं। बाकी पाड़कर जितने बना लें। खिलाड़ियों का नियमों से भलीभाँति परिचित और खेल में माहिर लाना चाहिए। अम्पॉयरों का निर्णय हर हाल में मानना ही पड़ता है। न मानने वाले य विरोध करने वाले खिलाडी को अयोग्य करार दिया जा सकता है या फिर जुर्माना लगाय। जा सकता है। यह सब अन्तर्राष्ट्रीय नियमों के अनुसार ही होता है।
आज क्रिकेट का प्रचलन अभी तक न खेलने वाले देशों में भी होने लगा है। अतः इसका भविष्य और भी उज्ज्वल कहा जाएगा।
एक क्रिकेट मैच
निबंध नंबर : 03
खेल और मैच सभी के लिये प्रेरणादायक होते हैं। मैं मैच देखने का बहुत शौकीन हूं और उसमें मुझे बड़ा आनन्द मिलता है। हमारे कालेज के प्रिंसिपल ने एक दिन घोषणा की कि शीघ्र ही हमारे कालेज के क्रीड़ा-स्थल में एस. डी. कालेज, पानीपत और हमारी टीम के बीच एक मैच होने वाला है। इस घोषणा से मुझे बड़ी खुशी हुई और मैं उस दिन का उत्कण्ठा से इन्तजार करने लगा।
अन्त में मैच का पूर्व निर्धारित दिन आया। ठीक आठ बजे सवेरे दोनों टीमों के खिलाड़ी खेल की पोशाकों में क्रीड़ा-स्थल में आ डटे। काफी बड़ी संख्या में दोनों कालेजों के दर्शक छात्र भी आ जमा हुए। साथ में अध्यापक भी आ पहुंचे। सभी की आंखें दोनों टीमों के खिलाड़ियों पर जमी हुई थीं, जो बहुत ही चुस्त और फुर्तीले दिखाई दे रहे थे। दोनों टीमों के शारीरिक शिक्षा के निदेशकों ने मैच में अम्पायर का दायित्व संभाला।
एकाएक खिलाडियों के मध्य काफी उत्साह दिखाई देने लगा। अम्पायर ने सीटी बजाई और दोनों टीमों के कप्तान मैदान के बीचों-बीच पहुंच गए। तत्पश्चात् सिक्का उछालकार ‘टॉस’ का निर्णय किया गया। हमारी टीम ने ‘टॉस’ जीता और विरोधी टीम ने मैदान (फील्ड) संभाला।
खेल की शुरुआत सुबह 8.10 पर हुई। जैसे ही खेल शुरू हुआ, तालियों की गड़गड़ाहट से वातावरण गूंजने लगा। दो खिलाड़ी खेल में पहल करने के लिये आगे बढ़े। उनका खेल बहुत ही अच्छा रहा। साफ झलकता था कि दोनों को अपनी-अपनी सफलता पर पूरा विश्वास है। वे बहुत अच्छे बल्लेबाज थे। उन्होंने 50 रन बनाए, लेकिन इसके बाद अचानक उनमें से एक आउट हो गया। अब हमारी टीम का एक और खिलाड़ी आगे बढ़ा। वह भी बहुत अच्छा साबित हुआ। आउट होने तक उसने हमारी टीम की रन संख्या 110 तक पहुंचा दी। जैसे ही स्कोर की घोषणा की गई, तालियों और सीटियों से एक बार फिर वातावरण गूंज उठा।
अब हमारी टीम का कप्तान आगे आया। वह एक बहुत अच्छा खिलाड़ी था और क्रिकेट के खेल में अनेक पदक व प्रशंसा-पत्र अर्जित कर चुका था। वह इतना अच्छा खेला कि रन-स्कोर 199 तक पहुंच गया। एक बार फिर दर्शकों में उत्साह की लहर दौड़ गई, क्योंकि अभी भी उसमें थकान का नाम नहीं था और स्कोर आगे ही आगे बढ़ता जा रहा था। भोजन के समय तक हमारा स्कोर 212 तक पहुंच गया और इसके बाद दोनों टीमें खेल समाप्त करके भोजन करने चली गई।
भोजनोपरान्त खेल पुनः शुरू हुआ। इस बार खेलने की बारी विरोधी टीम की थी। उस टीम के पहले दो खिलाड़ी तो बहुत अच्छा खेले और उन्होंने 79 रन बनाए, किन्तु दुर्भाग्य से अन्य खिलाड़ी अच्छा नहीं खेल सके। वे 154 रन ही बना पाए थे। खेल टीम के नियन्त्रण से बाहर जाने लगा। एक के बाद एक धड़ाधड़ विकेट गिरने लगीं। अगला खिलाड़ी तुरन्त आउट हो गया। हम बड़ी उत्सुकता के साथ मैच देख रहे थे और समय जल्दी-जल्दी खिसकता जा रहा था। किन्तु सबसे अन्तिम खिलाड़ी ने एक बार फिर सन्तुलन बनाने की कोशिश की और अपना स्कोर 170 तक पहुंचा दिया। खेल इतनी चतुराई के साथ और इतना अच्छा खेला गया था कि लगातार ऐसा महसूस हो रहा था कि विरोधी टीम को हरा पाना आसान नहीं है। हम अपनी विजय पर बहुत शंकालु थे, किन्तु 180 रनों के बाद जब उनका अन्तिम खिलाड़ी भी आउट हो गया तो दर्शकों के बीच ताली बजने का अटूट सिलसिला चल पड़ा। चारों ओर प्रसन्नता और उत्साह ही नजर आ रहा था, अब कोई अन्य रन बनने की आशा नहीं थी। विरोधी टीम की हार हो गई थी।
समय समाप्त हो गया था। चारों ओर तालियों की गड़गड़ाहट थी। उत्साह और उमंग से भरे हुए हमारे कालेज के साथियों ने अपनी टीम के कप्तान को अपने कंधों पर उठा लिया। मैच जीतने की हमें बड़ी खुशी थी। खुशी में उत्साह व आश्चर्य का ऐसा वातावरण था कि एक दूसरे की आवाज सुनाई नहीं दे रही थी। कानों को बहरा कर देने वाला कोलाहल रह-रहकर दर्शकों को विस्मित कर रहा था और हम एक अवर्णनीय आनन्द में डूबे हुए थे।
यह हमारे कालेज के इतिहास में एक अत्यन्त महत्त्वपूर्ण दिन था, क्योंकि हमारी टीम ने एक बहुत ही मार्के का नैच जीता था। वैसे तो विभिन्न शिक्षा संस्थाओं की टीमों के बीच हरदम कोई-न-कोई मैच होता रहता है, किन्तु जितनी खुशी और उत्साह का अनुभव मुझे इस मौके पर हुआ, जीवन में पहले कभी नहीं हुआ था।
एक क्रिकेट मैच
Ek Cricket Match
निबंध नंबर : 04
क्रिकेट आज के समय के प्रसिद्ध खेलों में से एक है। अधिक से अधिक देश इसके साथ जुड़ते जा रहे हैं। क्रिकेट में दो प्रकार के मैच खेले जाते हैं। एक को टैस्ट मैच कहा जाता है जो कि पाँच दिनों तक खेला जाता है। दूसरा सीमित ओवरों का मैच होता है. टेस्ट मैच दूसरे वाले के मुकाबले कम दिलचस्प होता है। इसलिए अधिकतर लोग सीमित ओवरों वाला मैच देखना पसन्द करते हैं।
पिछले हफ्ते मुझे एक सीमित ओवरों वाला मैच देखने का मौका मिला। यह फिरोजशाह मैदान में भारत तथा पाकिस्तान के बीच खेला गया था। मैच सुबह 9:30 बज शुरू हो था। भारतीय कप्तान टॉस जीत गया तथा उन्होंने फिल्डिंग करने का निर्णय लिया। पाकिस्तान के शुरूआती बल्लेबाजों ने एक बहुत मज़बूत शुरुआत की। उन्होंने बारह आवरों में केवल एक विकेट के नुकसान पर 70 रन बना लिए। जब भारतीय कप्तान ने स्पिन्नरों के हाथ में खेल सौंपा तो स्थिति बदल गई। पंद्रह ओवरों में पच्चास रनों पर ही भारत ने पाकिस्तान के चार महत्वपूर्ण विकेट गिरा दिए। केवल 46 ओवरों में ही पूरी पाकिस्तानी टीम 192 रन बना कर आऊट हो गई।
दोपहर के खाने के बाद मैच फिर से शुरू हुआ। भारत के शुरुआती बल्लेबाज बुरी तरह से आऊट हो गए। स्कोर बोर्ड पर केवल 80 रन थे तथा भारत के चार बल्लेबाज पैविलियन में थे। पांचवें तथा छठे खिलाड़ी ने बहुत ही अच्छे से खेल खेला। खिलाड़ियों ने 40 आवरों में 150 रन बना लिए। तब तक छ: खिलाड़ी बाहर हो चुके थे। खेल बहुत मुश्किल लग रहा था। पाकिस्तानी गेंदबाज़ बहुत नाप तोल कर गेंदबाजी कर रहे थे। पिछले बल्लेबाजों ने बहुत सतर्कता से खेल को खेला। उन्होंने 2 विकटें हाथ में रखते हुए 192 रनों को पार कर लिया। इस प्रकार भारत पाकिस्तान को पछाड़ने में कामयाब हुआ।
मैच के अन्त में, पुरस्कार वितरण समारोह किया गया। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड का चैयरमैन मौके पर उपस्थित था। उन्होंने भारतीय कप्तान को ट्रोफी प्रदान की। मैन आफ दा मैच का ईनाम भी भारतीय कप्तान को उसके कमाल के प्रदर्शन के लिए दिया गया। जिसने 64 रन बनाए थे। यह मैच बहुत ही दिलचस्प था।
क्रिकेट मैच
Cricket Match
निबंध नंबर : 05
प्रवेश-हमारे देश में जो खेल खेले जाते हैं। उनको हम दो भागों में विभाजित कर सकते हैं-(1) भारतीय खेल (2) पश्चिमी खेल। भारतीय खेलों के अंतर्गत गिल्ली डंडा, गेंदबाजी, कबड्डी, खो-खो, आँख-मिचौनी आदि-आदि हैं तथा पश्चिमी खेलों के अंदर हॉकी. फटबॉल. क्रिकेट वालीबॉल, बास्केट बॉल, टेनिस, बैडमिंटन आदि खेल आते हैं।
परिचय-क्रिकेट का प्रारंभ इंग्लैंड में हुआ। क्रिकेट खेल में दो टीमें होती हैं। प्रत्येक टीम (दल) में ग्यारह-ग्यारह खिलाड़ी होते हैं। एक बार में एक दल बल्लेबाजी करता है, तो दूसरा दल क्षेत्ररक्षण करता है। खेल खेलने के पूर्व दो अंपायर नियुक्त किए जाते हैं जिनका कर्तव्य यह है कि वे जाँच करें कि खिलाड़ी खेल को निर्धारित नियमों के अनुसार खेल रहे हैं। वे निर्णायक होते हैं। उनका निर्णय खिलाड़ियों को मानना ज़रूरी होता है। हार-जीत का निर्णय दोनों टीमों दवारा प्राप्त स्कोर को गिनकर किया जाता है। जिस टीम का स्कोर अधिक होता है, वह टीम विजयी होती है।
खेल-पद्धति-इस खेल में एक ओर से गेंद को दूसरी ओर गड़ी हुई लकड़ी की बल्लियों को निशाना कर फेंका जाता है। दोनों ओर एक खास दूरी पर लकड़ियों की तीन-तीन बल्लियाँ गाड़ी जाती हैं, जिन्हें विकेट कहते हैं। बीच का स्थान ‘पिच’ कहलाता है। पिच के दोनों ओर बैट लिए एक टीम के दो खिलाड़ी रहते हैं। बल्लेबाज खिलाड़ी
द्वारा बल्ले से मारकर गेंद मैदान में ही या बाहर फेंकने की कोशिश की जाती है। बल्लेबाज गेंद को मैदान में फेंककर पिच की दूरी अधिक से अधिक बार दौड़कर पूरी करते हैं। इसे रन बनाना कहते हैं। यदि बल्लेबाज द्वारा ताकत से गेंद को मारकर मैदान से बाहर फेंका जाता है, तो चार रन बनते हैं। यदि गेंद हवा में ऊपर ही ऊपर मैदान के पार चली जाती है, तब छः रन बनते हैं।
खेलने वाले देश और भारत-क्रिकेट का मैच अब पाँच दिन, तीन दिन, एक दिन और अब बीस-बीस ओवर के होने लगे हैं। एक दिन का मैच पचास या बीस ओवर को होता है। इन निश्चित ओवर में जिस टीम के खिलाड़ी अधिक रन बनाते हैं वह टीम विजयी होती है। क्रिकेट मैच देखने में बड़ा मजा आता है, एक टीम के खिलाड़ी प्रहार कर अधिक से अधिक रन बनाना चाहते है और दूसरी टीम के खिलाड़ी चुस्ती-फुर्ती से गेंद रोकना चाहते हैं।
इंग्लैंड, आस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, श्रीलंका, साउथ अफ्रीका, भारत आदि देशों में क्रिकेट बहुत प्रसिद्ध हैं भारत में तो आज यह सबसे लोकप्रिय खेल है। सचिन तेंदुलकर, धोनी, सहवाग, युवराज, इरफान पठान भारत के प्रसिद्ध क्रिकेट खिलाड़ी हैं।
उपसंहार-इस खेल में तेजी नहीं, पर कला है। अनुशासन कड़ा है। यह सुख-सुविधा वालों का खेल है, लेकिन आज यह खेल विश्व का सबसे प्रसिद्ध खेल है। अब सभी जगहों पर यह खेल खेला जाता है।