Hindi Essay on “Computer ke badhte Kadam”, “कम्प्यूटर के बढ़ते चरण” Complete Essay, Speech for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.
कम्प्यूटर के बढ़ते चरण
Computer ke badhte Kadam
निबंध नंबर : 01
प्रस्तावना : आधुनिक ज्ञान-विज्ञान ने आज के मानव-समाज को दैनिक उपयोग में आ सकने वाले कई तरह के महत्त्वपूर्ण आविष्कार प्रदान किए है कहा जा सकता है कि कम्प्यूटर उनमें से अभी तक का अन्तिम बहुआयामी एवं बहुपयोगी आविष्कार है। इसने आज के व्यस्त-त्रस्त मानव को कई प्रकार की सुविधाएँ-सरलताएँ प्रदान की है। पहले के मानव को जिन अनेक कार्यों को करने के लिए घण्टों माथापच्ची करनी पड़ती थी, कम्प्यूटर की सहायता से अब वह आरम्भ करते ही सम्पन्न भी हो जाया करते है।इससे मानव के बहुत सारे श्रम, समय और शक्ति की बचत हो सकी है। जिनका उपयोग वह कई अन्य तरह के उत्पादक कार्यों में कर सकता है।
विज्ञान की महत्त्वपूर्ण देन : उपयोगिता एवं उपलब्धियों की दृष्टि से कम्प्यूटर आज के विज्ञान की एक अत्यन्त महत्त्वपूर्ण देन है। यह बात, हम ऊपर भी कह आए है। ध्यान रहे विज्ञान की पहुँच वही और उन्हीं पदार्थों-तत्त्वों तक है या हो सकती है कि जिन्हें सहज ही छुआ या फिर नापा-तोला जा सकता है। सो विशेष कर नापने, आँकड़े इकट्ठे करके उनके सुख-दु:खद परिणाम झटपट बना देने के क्षेत्र में आज इस आविष्कार ने सचमुच क्रान्ति ला दी है। इसकी सहायता से आज तत्काल ही यहाँ-वहाँ की स्थितियों की जानकारी एक साथ प्राप्त करके, एक साथ कई कार्य किये जा सकते है।इसका महत्त्व स्पष्ट करने के लिए हम यहाँ एक उदाहरण देना चाहेंगेरेलवे निकट आरक्षित कराने के लिए पहले यात्री को, तो घंटों लाइन में लगना पड़ता थाटिकट बाबू को भी कई रजिस्टर खोलने बन्द करने पड़ते थे, तब कहीं जाकर सही स्थिति का पता चल पाता थाआज मात्र बटन दबाने से यात्रा आरम्भ करने वाले और गंतव्य स्थान की स्थिति का समुचित ज्ञान हो जाता है। पहले रजिस्टर खोलने बन्द करने के अन्तर में टिकट बाबू लाभ कमाने की इच्छा से हेरा-फेरी भी कर लिया करता था, आज उसकी भी गुंजाइश नहीं रह गईएक ही स्थान से जाने-आने दोनों की बुकिंग की सुविधा हो गई है। इस प्रकार की सुविधाएँ अन्य क्षेत्रों में भी प्रदान करके कम्प्यूटर ने संभव भ्रष्टाचार पर भी प्रहार किया है। इसी कारण इसे महत्त्वपूर्ण देन माना और स्वीकारा गया है।
बढ़ता प्रचलन : सरकारी-गैरसरकारी सभी क्षेत्रों में आज कम्प्यूटर का प्रचलन लगातार बढ़ रहा है। ; क्योंकि एक तो वह अकेला कई आदमियों का काम कर सकता है। , दूसरे अत्यन्त साफ़-सुथरे और प्राय: एकदम सही ढंग से कर पाने में समर्थ है। , उसके बढ़ते प्रचलन या निरन्तर बढ़ते कदमों का यह एक महत्त्वपूर्ण कारण है। आज जिस किसी भी विभाग में बिल बनाने का कार्य हुआ करता है। , उसका कम्प्यूटरीकरण या तो हो चुका है। या फिर निरन्तर हो रहा है। रेलवे की तरह डाक तार और विद्युत् प्रदाय आदि विभागों में भी इससे कार्य लिया जाने लगा है। इससे काम के अनुशासन और गति की तीव्रता में अभूतपूर्व वृद्धि सम्भव हो सकी है। , ऐसा सभी का स्पष्ट मत है।
सुविधाएँ और लाभ : कम्प्यूटर के अनवरत बढ़ते और विस्तृत होते कदमों से प्राप्त हो सकने वाली सुविधाओं और कई लाभों की ओर ऊपर स्पष्ट संकेत किया जा चुका है। उनके अतिरिक्त आज अन्य कई प्रकार के कार्य भी सुविधापूर्ण ढंग से इस के द्वारा किए जाने लगे है।आज कम्प्यूटरीकृत कम्पोंजिग मुद्रण के बड़े अच्छे परिणाम ला रहा है। इसके द्वारा लोगों की जन्मकुण्डलियाँ ठीक-ठीक बनाई और वर-वधू की कुण्डलियाँ मिलाकर उन की विवाह योग्य समानता की जाँच-परख की जाने लगी है। घड़ियों तथा अन्य कोमल कल-पुर्जा वाले यंत्रों की मरम्मत का कार्य भी इनसे किया जाने लगा है। क्रेता को वस्तु की गुणवत्ता बताना और तत्काल वस्तुओं का ठीक बिल प्रदान कर सन्तुष्ट कर देने का काम भी इनसे लिया जा रहा है। वायुयानों की उड़ानों पर नियंत्रण आदि कौन-सा ऐसा कार्य है। जो कम्प्यूटर की सहायता और सुविधापूर्ण ढंग से लाभदायक परिणाम के साथ संभव नहीं हो पा रहा है। इसके सहारे यानि इसके संचालन आदि की विधा का प्रशिक्षण पाकर आज हज़ारों शिक्षित बेरोजगार रोजगार पाने में भी सफल हो सके एवं हो रहे है।इस प्रकार आँकड़ों के खेल के माहिर इस कम्प्यूटर ने सचमुच मानव-मस्तिष्क होने का कथन सच्चा कर दिखाया है।
उपसंहार : कम्प्यूटर से गिनाए गए तथा अन्य कई प्रकार के चाहे कितने ही काम क्यों न प्राप्त हो रहे या हो सकते हों; आखिर है। , तो वह एक बेजान मशीन हीइस कारणं कई बार उसके आँकड़े मानव के मन-मस्तिष्क को चकरा कर रख देने, स्तब्ध-स्तम्भित कर देने वाली सीमा तक गलत भी हो जाया करते है।सात रुपये सत्तर हजार या सत्तर लाख भी हो सकते है।सो इसके बढ़ते प्रयोग या कार्य प्रणाली से बहुत खुश न होकर बहुत सावधान रहना भी आवश्यक है। उसकी कोई गलत सूचना या आकलन अर्थ का अनर्थ कर बहुत बड़ी मुसीबत भी खड़ी कर सकता है। पूर्ण सावधानी और कुशल संचालन ही बचाव का एकमात्र उपाय है।
निबंध नंबर : 02
कम्प्यूटर के बढ़ते चरण
Computer ke Badhte Charan
विगत कई वर्षों से आज के युग को यंत्रों का युग कहा जाता रहा है; पर अब यह युग इस से भी अगले चरण या अन्तर्युग में प्रवेश कर चुका है। इस कारण आज के युग की ‘कम्प्यूटर का युग’ कहा और माना जाने लगा है। कम्प्यूटर मानव तक का निर्माण हो चुका है। वायुयान, मिसाईल, अन्य सभी तरह के प्रक्षेपास्त्रों तक पर कम्प्यूटर का नियंत्रण हान लगा है। कहा जाने लगा है कि सैंकड़ों मनुष्य मिल कर जो कार्य महीनों में नहीं कर सकते, कम्प्यूटर उसे कुछ ही क्षणों में कर के दिखा सकता है और वह भी एकदम निर्दोष ढंग से। इसी कारण आज कम्प्यूटर के चरण किसी एक ही क्षेत्र तक सीमित न रह, प्रत्येक क्षेत्र में निरन्तर प्रवेश कर रहे हैं।
आरम्भ में इस मानव-मस्तिष्क का नाम देकर गणित या हिसाब-किताब स सम्बन्धित कुछ विशेष उलझने सुलझाने के कार्य में ही लाया जाता था। परन्तु अब ता २स से हर तरह का काम लिया जाता है। हिसाब-किताब जोडना, बिल बनाना. लिव-औरक्षण, कम्युनिकेशन्स, समाचार-प्रेषण, अपराध और अपराधिया का कार्य भी इस से लिए जाने लगे हैं। यहाँ तक कि आज व्यक्ति की जन्मप स बना कर उसके भूत-भविष्य का निर्णय भी किया जाने लगा है। इतना ही नही,वर-वधू की खोज, दोनों की कुण्डलियों का मिलान, गुण-दोषों का मिलान कर विवाह-अविवाह का निर्णय भी कम्प्यूटर करने लगे है। इस प्रकार स्पष्ट है कि कम्प्यूटर कार्य आज आयामी हो गया है। इसके चरण जीवन में हर तरफ निरन्तर बड़ी तीव्र गति से बढ़ रहे हैं.
कहते हैं कि भविष्य में यदि कभी कोई विश्वयुद्ध हुआ, तो कब कहाँ किस तरह से, किस शस्त्र से आक्रमण या प्रत्याक्रमण करना है। इस बात का निर्णय भी कंप्यूटर ही करेंगे। यहाँ तक कि आक्रमण-प्रत्याक्रमण भी सैनिकों द्वारा नियंत्रित या न किया कर कम्प्यूटर द्वारा ही किया जाएगा। यह तो रही भविष्य की बात। या यों कहा जा सकता। है कि यह प्रक्रिया प्रायः आरम्भ हो चुकी है। जो हो, कम्प्यूटर ने आज छपाई के क्षेत्र में भी क्रान्ति ला दी है। आज मैटर कम्पोज करने का कार्य तो कम्प्यूटरीकृत हो ही चुका। है, छपाई भी उसी की सहायता से होने लगी है। इस कारण छपाई का रंग-रूप और सौन्दर्य काफी सुन्दर एवं आकर्षक हो गया है। कहने का तात्पर्य यह है कि कम्प्यूटर महोदय के चरण जिस किसी भी क्षेत्र में पड़े हैं, वहाँ एक तरह से नवीनता तो आ गई है, सुन्दरता एवं आकर्षण का भी नवीन आयाम होने लगा है।
कम्प्यूटर के इन निरन्तर गतिशील हो रहे चरणों को लेकर कई तरह की आशंकाएँ । भी प्रकट की जा रही हैं कि कम्प्यूटर का प्रयोग बढ़ते जमाने पर इसका प्रभाव मानव-शक्ति और उसके कार्यों पर भी पड़ेगा। इस का प्रयोग होने से जरूरतमन्द लोगों को नौकारियाँ और काम मिलने बन्द हो जाएँगे। कम्प्यूटर आम लोगों के लिए बेकारी का सन्देश और कारण बन जाएगा। जब एक कम्प्यूटर अनेक लोगों का कार्य अकेला करने लगेगा. तो स्वभावतः अनेक लोगों की बेकार होने की सम्भावना रहेगी ही। इस तरह से मानव-शक्ति क्रमशः त्रसित होते हुए एक दिन उसे लुंज-पुंज बना कर रख देगी। लेकिन कम्प्यूटर समर्थक लोग इस तरह की आशंकाओं को प्रायः निर्मूल बताते हैं। फिर अभी तक इस तरह का कोई प्रभाव या परिमाण देखने में आया भी नहीं।
एक और बात कही जाती है और वह काफी हद तक सही भी साबित हो रही है। वह यह कि कम्प्यूटर में तनिक-सी गलत जानकारी भर देने पर जो परिणाम प्राप्त होगा, वह बड़ा ही गलत और विषम होगा। वह अच्छे-भले व्यक्ति को दोषी, कलंकित सिद्ध कर देगा जबकि दोषी और कंलकित को सर्वथा निर्दोष और निष्कंलक । दूसरे कम्प्यूटर जो गलती करेगा, वह भी जान लेवा तक हो सकती है। जैसे छत्तीस रुपये के बिल को छत्तीस हजार और छत्तीस लाख का बना देना वास्तव में प्राण लेवा गलतियाँ हैं। कम्प्यूटरी कृत बिजली-पानी और दूरभाष के बिलों में अक्सर इस तरह की गलतियाँ सामने आती ही रहती हैं। अक्सर समाचारपत्रों में इस तरह की गलतियों की चर्चा पढ़ने को मिलती ही रहती है।
जो हो, अब कंप्यूटर जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में प्रवेश कर ही चुका है। एक बार जो चीज आज कल जीवन-समाज और बाजार में आ जाया करती है, प्रायः वह वापिस नहीं हुआ करती। सो आवश्यकता इस आत का ध्यान रखने की है कि इसका दुष्प्रभाव मानव-जीवन पर न पड़े, इसकी गलतियों प्रभावों खमियाजा मनुष्यों को न भोगना पड़े.