Hindi Essay on “Chatra Anushasan” , ” छात्र-अनुशासन” Complete Hindi Essay for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.
छात्र–अनुशासन
Chatra Anushasan
विचार–बिंदु-• अनुशासन का अर्थ और महत्त्व • अनुशासन की प्रथम पाठशाला परिवार • व्यक्तिगत और सामाजिक जीवन के लिए अनुशासन आवश्यक • अनुशासन–एक महत्त्वपूर्ण जीवन–मूल्य।
अनुशासन का अर्थ और महत्त्व–अनुशासन का अर्थ है-नियम के अनुसार चलना, नियंत्रण या व्यवस्था। विद्यार्थी और अनुशासन का परस्पर गहरा संबंध है। अनुशासन के बिना विद्या ग्रहण करने का कार्य नहीं किया जा सकता।
अनुशासन की प्रथम पाठशाला परिवार–अनुशासन की पहली पाठशाला है-परिवार । बच्चा अपने परिवार में जैसा देखता है, वैसा ही आचरण करता है। जो माता-पिता अपने बच्चों को अनुशासन में देखना चाहते हैं, वे पहले स्वयं अनुशासन में रहते हैं।
व्यक्तिगत और सामाजिक जीवन के लिए अनशासन आवश्यक–विद्यार्थी जीवन में अनुशासन का होना अत्यंत आवश्यक है। विद्या-ग्रहण करने के मार्ग में अनेक बाधाएँ सामने आती हैं। उनमें सबसे बड़ी बाधा है-अव्यवस्था। छात्र अपनी दिनचर्या को निश्चित व्यवस्था में नहीं ढाल पाते। कभी-कभी वे व्यवस्था बनाते भी हैं तो उसका पालन नहीं करते। अन्य आकर्षण, चलचित्र, बरदशन के कार्यक्रम, खेल, मनोरंजन, गप्पें, आलस्य, कामचोरी आदि शत्रु उसे मार्ग से भटका देते हैं। इन शत्रुओं से लड़ने का मात्र उपाय है-कठोर अनुशासन। महात्मा गाँधी कहते थे- “अनुशासन अव्यवस्था के लिए वही काम करता है जो तूफान और बाढ़ के समय किला और जहाज़।“
आज भाग्य से शिक्षण–संस्थाओं में अनशासनहीनता का बोलबाला होता जा रहा है। अधिकतर सरकारी विद्यालयों में किसी प्रकार की व्यवस्था नहीं दिखाई देती। न अध्यापक कक्षा में पढाने में रुचि लेते हैं, न अधिकारी अनुशासन को महत्त्व देते हैं। परिणामस्वरूप इनके कारण विद्या-प्राप्ति का मूल लक्ष्य ही नष्ट होता जा रहा है।
मयय-लखन अनुशासन-एक महत्त्वपूर्ण जीवन-मूल्य-वास्तव में अनुशासन में रहना एक स्वभाव है, एक आदत है। यह जीवन जीने का ढंग है। जिस प्रकार मनुष्य गंदगी में नहीं रह सकता, उसी भांति सभ्य मनुष्य विना अनुशासन के नहीं रह सकता। आज सभ्यता और असभ्यता की पहचान ही यही रह गई है-अनुशासन। यही कारण है कि बड़े-बड़े विद्यालय अनुशासन को सर्वोच्च स्थान देते हैं। वे विद्यार्थियों की वेशभूषा, बोलचाल, नियमितता आदि का विशेष ध्यान रखते हैं। वे पुस्तकीय विद्या की बजाय सुशिक्षित व्यक्तित्व का सृजन करते हैं।
This is really helpful
Pagl
👍
Nice essay
Thank you so much