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Hindi Essay on “Alas Kiya, Safalta Gayi”, “आलस किया, सफलता गई” Complete Paragraph, Nibandh for Students

आलस किया, सफलता गई

Alas Kiya, Safalta Gayi

 

संकेत बिंदुआलस क्या हैआलस की बुराइयाँसफलता के लिए क्या करें

आलस किसी काम के प्रति लापरवाह होना या जी चुराने का नाम है। जब हम किसी काम में तत्परता न दिखाकर उसे टालत जाते हैं और उसके प्रति अनिच्छा प्रकट करते हैं तब यह हमारा आलस ही होता है। आलस करने से अनेक बुराइयाँ उत्पन्न हो जाती है। आलस से हमारे काम बिगड़ जाते हैं। आलसी व्यक्ति भाग्यवादी होते हैं और कर्म करने में विश्वास नहीं करते। इसी कारण उनका कोई भी काम समय पर पूरा नहा होता। इससे शरीर में भी आलस छाया रहता है और हर समय अस्वस्थ अनुभव करते हैं। हमें सफलता प्राप्त करने के लिए आलस्य का दूर भगाकर परिश्रम करना चाहिए। परिश्रम करने से ही सभी प्रकार की सफलता प्राप्त होती है। पुरुषार्थी सक्ति ही परिश्रम कर सकता है। विश्व का इतिहास इस बात का गवाह है कि कठोर श्रम करने वालों ने ही सफलता के शिखर का जमा है। परिश्रम ही जीवन का सारभूत तत्त्व है। अत: व्यक्ति को जीवन में अकर्मण्यता का परित्याग करके कठोर परिश्रम करना चाहिए। ध्यान रहे आलस किया तो सफलता हाथ से चली गई।

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