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Hindi Essay, Moral Story “Ya Allah, Gour me bhi Gour” “या अल्लाह, गौड़ में भी गौड़” Story on Hindi Kahavat for Students of Class 9, 10 and 12.

या अल्लाह, गौड़ में भी गौड़

Ya Allah, Gour me bhi Gour

प्रयाग में एक ब्राह्मण और एक फकीर पास-पास रहते थे। दोनों में बहुत अच्छी मित्रता थी। दोनों ही भीख मांगकर गुजारा करते थे। नगर में आए दिन ब्रह्मभोज होते रहते थे, इसलिए ब्राह्मण लगभग 12 दिन ब्रह्मभोज की दावतें उड़ाता था और शेष दिन भीख मांगकर गुजारा करता था। इस तरह पूरा महीना निकल जाता था, लेकिन फकीर का गुजारा पूरे महीने बड़ी मुश्किल से होता था।

एक दिन ब्राह्मण और फकीर, दोनों एक साथ बैठे हुए थे। फकीर ने ब्राह्मण के सामने अपना गुजारा न होने की समस्या रखी। दोनों बैठे-बैठे बड़ी देर तक विचार करते रहे। एक विचार ब्राह्मण की समझ में आया। उसने फकीर से कहा कि तुम ब्राह्मण का वेश बना लो और मेरे साथ ब्रह्मभोजों में चला करो। जब कोई पूछे कि कौन से ब्राह्मण हो? तो बता दिया करना कि मैं गौड़ हूं।” फकीर बोला, “नहीं यार, तुम मरवाओगे मुझे? यह ठीक नहीं है।”

लेकिन ब्राह्मण के अधिक कहने पर फकीर मान गया। सिर पर केवल मोटी चोटी के लिए केश छोडकर बाल कटवा दिए। दाढ़ी-मूंछे बनवा लीं। एक मोटा-सा जनेऊ ब्राह्मण ने लाकर दे दिया। अब तो दोनों ब्रह्मभोजों में साथ-साथ दावतें उड़ाने लगे। फकीर ब्राह्मण के साथ तो बेफिक्र होकर दावतें उड़ता था, लेकिन जब कभी उसे अकेले जाना पड़ता था, तो हमेशा डरा-डरा रहता था। अब ब्रह्मभोजों में वह दावत करते समय किसी से बोलता नहीं था और दावत समाप्त होते ही वहां से जल्दी ही निकल आता था।

एक दिन वह अन्य दिनों की तरह ब्रह्मभोज की दावत में बैठा हुआ खाना खा रहा था। तभी पूरी पोसने वाला पूरियां परोसते-परोसते जब ब्राह्मण बने फकीर के पास आया, तो पूरी लेने के लिए पूछा। उसने कुछ कहा नहीं बल्कि हाथ से पूरी रखने के लिए इशारा किया। पूरी परोसने वाले को कुछ शक हुआ तो पूछ बैठा, “आप कौन से ब्राह्मण हैं?”

फकीर ने रटा-रटाया उत्तर दिया, “गौड़ ब्राह्मण हूं।” पूरी परोसने वाले को जब तसल्ली नहीं हुई, तो उसने उससे फिर पूछ लिया, “कौन से गौड़?”

अब तो ब्राह्मण बना फकीर सकते में आ गया। उसके साथी ब्राह्मण ने यह तो बताया नहीं था कि गौड़ कितने प्रकार के होते हैं? वह बहुत घबरा गया और उसके मुंह से अनायास ही निकल पड़ा,

‘या अल्लाह, गौड़ में भी गौड़?’

फिर क्या था, लोगों को पता चलने पर ब्रह्मभोज में अफरातफरी मच गई। लोग इकट्ठे हो गए और ब्राह्मण बने फकीर की खूब फजीहत हुई।

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