Hindi Application “Sampadak ko Dahej Pratha ka virodh patra”,”संपादक को दहेज प्रथा का विरोध पत्र” Hindi Letter for Class 10, 12.
संपादक को दहेज प्रथा का विरोध पत्र
Sampadak ko Dahej Pratha ka virodh patra
सेवा में,
श्रीमान संपादक महोदय,
‘नवभारत टाइम्स’ नई दिल्ली।
विषय : दहेज प्रथा का विरोध
महोदय,
मैं आपके दैनिक लोकप्रिय समाचारपत्र के माध्यम से दहेज प्रथा के विरोध में अपने विचार प्रस्तुत करना चाहती हूँ। आशा है, आप इसे जरूर प्रकाशित करेंगे। वर्तमान समय में दहेज की विभीषिका अपना विकराल स्वरूप बढ़ाती चली जा रही है। दहेज का विरोध केवल फैशन बनकर रह गया है। प्रत्येक व्यक्ति दहेज लेने की कोई न कोई युक्ति निकाल लेता है। दहेज के अभाव में अनमेल विवाह हो रहे हैं। अनेक युवतियों को दहेज की बलिवेदी पर अपने प्राण न्योछावर करने पड़ रहे हैं। इसको तुरंत रोकने की आवश्यकता है। दहेज न लेकर विवाह करने वाले युवकों को नौकरी में प्राथमिकता मिलनी चाहिए। इससे एक अच्छी शुरुआत हो सकेगी। इसके विपरीत दहेज-लोभियों का सामाजिक बहिष्कार किया जाना चाहिए तथा सरकार और समाज दोनों को अधिक सक्रिय होना चाहिए।
20 जून, 2012
भवदीय
शरद
तिलक नगर, दिल्ली