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Gatika Chhand Ki Paribhasha aur Udahran | गीतिका छन्द की परिभाषाऔर उदाहरण
गीतिका छन्द
Gatika Chhand
गीतिका छंद में चार चरण होते हैं। छब्बीस मात्राओं वाला यह सम मात्रिक छंद है। चौदह और बारह मात्राओं पर विराम होता है और अन्त में लघु गुरु होता है।
हे प्रभो आनंददाता, ज्ञान हमको दीजिये।
शीघ्र सारे दुर्गणों को, दूर हमसे कीजिये।।
लीजिये हमको शरण में, हम सदाचारी बनें।
ब्रह्मचारी, धर्मरक्षक, वीर, व्रतधारी बनें।।
साधु भक्तों में सुयोगी, संयमी बढ़ने लगे।
सभ्यता की सीढ़ियों पै, सूरमा चढ़ने लगे।
वेद मंत्रों को विवेकी, प्रेम से पढ़ने लगे।
वंचकों की छातियों में, सूल से गढ़ने लगे।