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Archive by category "Languages" (Page 183)
समाज और कुप्रथाएँ Samaj Aur Kuprathaye हम जहाँ रहते हैं, जिनके बीच में रहते हैं, वह समाज है। समाज मनुष्यों के मिल-जुलकर रहने का स्थान है। व्यक्ति अकेला नहीं रह सकता। आज व्यक्ति जो भी कुछ है, वह समाज के कारण हैं। तो व्यक्ति है, उसका विकास या पतन है। बिना समाज के व्यक्ति की कल्पना नहीं की की,जा सकती। सभ्यता, संस्कृति, भाषा आदि सब समाज की देन है। समाज...
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January 3, 2022 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
रेगिस्तान की यात्रा Registan Ki Yatra भारत में हिमालय भी है और रेगिस्तान भी, रेत के टीले ही टोले हैं रोगिस्तान में। पानी को तरसता है रेगिस्तान। नदियों का नितांत अभाव है वहाँ, मीलों तक जनहित प्रदेश वर्षों से सोया पड़ा है। दिन में तपता रेगिस्तान रात में अत्यन्त मधर हो जाता है। तपते हुए तीबे रात को ठण्डे हो जाते हैं। नंगे पाँव उन पर चलते हुए अद्भुत सुकून...
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January 3, 2022 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
रोजगार का अधिकार Rojgar Ka Adhikar आज रोजगार पाने की समस्या विकट रूप धारण कर चुकी है। लगभग सारी दुनिया इस समस्या से ग्रस्त हैं तीसरी दुनियाँ के देशों का इसका अभिशाप भोगना पड़ रहा है। भारत में इस समस्या ने विकराल रूप धारण कर लिया है। जनसंख्या में निरंतर तीव्रगति से संवर्द्धन महिलाओं का रोजगार में तेजी से प्रवेश, प्रौद्योगिकी का तेजी से मनुष्य का स्थान लेना, अकाल मृत्यु से...
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January 3, 2022 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
दहेजः एक दानव Dahej Ek Danav शायद ही कोई ऐसा दिन हो जब दहेज के कारण किसी वधू को जलाया या मारा नहीं गया हो दहेज की माँग अंधस्वार्थ का प्रतीक है और स्त्री-पुरूष की समानता का विरोधी स्वर है। दहेज लेना और देना दोनों ही अपराध माने जाते हैं। सरकार यह कानून बना चुकी है फिर भी सरेआम दहेज लिया जा रहा है और दिया जा रहा है। ताज्जुब तो...
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January 3, 2022 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
स्वास्थ्य ही जीवन है Swasthya Hi Jeevan Hai यदि हम स्वस्थ हैं तो हम एक साधारण भारत के नागरिक भी है। यदि हम अस्वस्थ हैं तो गरीब, अयोग्य और उपेक्षित भी है। किसी देश, जाति, समाज तथा सम्प्रदाय की उन्नति तभी संभव है, जबकि वे स्वस्थ और स्फूर्त है। संसार के इतिहास को उठाकर इस बात का अध्ययन करें कि कौन-सा देश कब उन्नतिशील, स्मृद्धिशाली, सभ्य तथा सुसंस्कृत रहा, तो...
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January 3, 2022 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
दीपावली दीपों का त्यौहार Deepawali Deepo ka Tyohar भारत त्यौहारों का देश है, यहाँ समय-समय पर विभिन्न जातियों समुदायों द्वारा अपने-अपने त्यौहार मनाये जाते हैं सभी त्यौहारों में दीपावली सर्वाधिक प्रिय है। दीपों का त्यौहार दीपावली, दीवाली जैसे अनेक नामों से पुकारा जाने वाला आनन्द और प्रकाश का त्यौहार है। यह त्यौहार भारतीय सभ्यता-संस्कृति का एक सर्वप्रमुख त्यौहार है। यह ऋतु परिवर्तन का सूचक है। इसके साथ अनेक धार्मिक मान्यताएँ भी...
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December 29, 2021 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
स्वयं पर विश्वास Swayam Par Vishvas संस्कृत में कहा गया है कि मन ही मनुष्य के बंधन ओर मोक्ष का कारण है-‘मन एवं मनुष्याणां कारण बंधा न मोक्ष्यों’। मन की स्थिति अत्यंत महत्वपूर्ण है। मन ही व्यक्ति को सांसारिक बंधनों से बाँधता है, मन ही उसे इन बंधनों से छुटकारा दिलाता है। मन ही मन उसे अनेक प्रकार की बुराइयों की ओर प्रवृत्त करता है, तो मन ही उसे अज्ञान से...
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December 29, 2021 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
अपने हाथ पर विश्वास Apne Haath Par Vishvash ‘खुदी को कर बुलंद इतना कि हर तकदीर से पहले खुदा बंदे से ये पूछे- बता तेरी रजा क्या है?’ शायर की उपर्युक्त पंक्तियाँ स्वावलंबी मनुष्य के बारे में है। जिनका आशय है कि स्वावलंबी या आत्मनिर्भर व्यक्तियों के सामने ईश्वर को भी झुकना पड़ता है। ऐसे व्यक्तियों का भाग्य लिखने से पहले ईश्वर को भी उनसे पूछना पड़ता है-‘बता तेरी रज़ा...
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December 29, 2021 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment