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Archive by category "Languages" (Page 127)
निर्मल और निराला Nirmla aur Nirala महाकवि निराला और सम्पादक निर्मल जी में अक्सर नोंक-झोंक हुआ करती थी। एक बार निराला जी ने निर्मल जी से कहा, “यह आपने अपने नाम के आगे क्या ‘निर-निर’ लगा रखा है।” निर्मल जी बोले, “आपके नाम के साथ भी तो यही ‘निर’ है। “ निराला जी ने व्यंग्य कसा, “मेरे नाम से ‘निर’ निकाल दो, तो मैं ‘आला’ बन जाऊँगा, लेकिन आपके नाम से...
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December 29, 2022 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
कवि गंग की निर्भयता Kavi Gang ki Nirbhayata कवि गंग की प्रसिद्धि दूर-दूर तक फैली हुई थी। वे बहुत लोकप्रिय भी थे। एक बार बादशाह अकबर ने उन्हें अपने पास बुलाया और कुछ कविताएं सुनाने के लिए कहा; लेकिन कवि गंग की इच्छा न थी। कवि स्वभाव से ही स्वतंत्रताप्रिय और विद्रोही होता है। गंग को बादशाह का तानाशाही आदेश अच्छा न लगा और उन्होंने मना कर दिया। इस पर अकबर...
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December 29, 2022 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
बड़ा कवि कौन? Bada kavi kaun? एक नवोदित लेखक महाकवि निराला से मिलने गया। वह बड़ा बातूनी था। बातों-बातों में बोला. “निराला जी, इस समय हिन्दी का सबसे बड़ा कवि कौन है?” निराला जी ने इस प्रश्न का कोई उत्तर नहीं दिया। उन्होंने बातचीत का विषय बदल दिया। उसने फिर पूछा तो निराला जी इस बार भी टाल गये। अवसर देखकर उसने तीसरी बाद फिर आग्रह किया तो निराला जी भड़क...
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December 29, 2022 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
अक्षर अनन्य Akshar Ananya ज्ञानाश्रयी शाखा के कवि अक्षर अनन्य कुछ दिनों तक दतिया के राजा पृथ्वीचंद के दीवान थे। बाद में वे विरक्त होकर पन्ना में रहने लगे। छत्रसाल इनके शिष्य थे। एक बार ये छत्रसाल से अप्रसन्न होकर जंगल में चले गये। पता लगने पर महाराज छत्रसाल जब क्षमा प्रार्थना के लिए इनके पास गये, तब उन्होंने अक्षर अनन्य को झाड़ी के पास पैर फैलाकर लेटे हुए पाया। महाराज...
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December 29, 2022 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
लोटा Lota कबीरदास ने गंगा किनारे पर स्नान कर रहे ब्राह्मण को अपना लोटा देते हुए कहा, “आप इस लोटे की सहायता से आराम से स्नान कर लीजिए।” ब्राह्मण ने माथे पर बल डालते हुए कहा-“रहने दे ! ब्राह्मण जुलाहे के लोटे से स्नान करके अपवित्र हो जायेगा।” कबीर ने हंसते हुए कहा-“लोटा तो पीतल का है, जुलाहे का नहीं। रही अपवित्र होने की बात, तो मिट्टी से साफ कर कई...
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December 29, 2022 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
हिन्दी प्रेम Hindi Prem एक बार कविवर सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला किसी ट्रेन में कहीं जा रहे थे। उसी ट्रेन में पंड़ित जवाहर लाल नेहरू भी सवार थे। निराला जी पंड़ित जी से मिलना चाहते थे। काफी कोशिश के बाद वे नेहरू जी तक पहुंचने में सफल हुए। वेशभूषा से नेहरू जी उनको बर्मी या बंगाली समझे। उन्होंने यह बताते हुए कि वे उत्तर-प्रदेश के हैं और कहा-“मुझे आप से एक बात...
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December 29, 2022 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
मुशायरा Mushaira एक मुशायरे में रघुपति सहाय ‘फिराक’ के अलावा कई नौजवान शायर भी उपस्थित थे। फिराक साहब के कलाम पढ़ने के बाद एक नौजवान शायर को शेर पढ़ने के लिए बुलाया गया। उस नौजवान ने शेर पढ़ने के बजाय कहा कि, ‘इतने बड़े शायर के बाद मैं अपना कलाम कैसे पढ़ सकता हूँ?’ फिराक साहब बीच में बोल पड़े, ‘बरखुरदार ! जब आप मेरे बाद पैदा हो सकते हैं, तो...
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December 29, 2022 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
झूठों का बादशाह Jhutho ka Badhshah अंग्रेज गवर्नर लार्ड कर्जन भारतीयों से नफरत करता था। एक सभा में कर्जन ने कह दिया कि “रूह-सिहाय (काला) हिन्दुस्तानी पहले दर्जे का झूठा और बेईमान होता है।” इस अपमानजनक बात से सारे देश में रोष फैल गया। हर नेता, हर संस्था विरोध करने लगी। प्रसिद्ध शायर अकबर इलाहाबादी ने कर्जन के कथन पर टिप्पणी की- “बेसक है झूठ-सच की छिड़ी बहस हिंद में, सच...
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December 29, 2022 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment