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Archive by category "Hindi (Sr. Secondary)" (Page 9)
रेलवे स्टेशन का दृश्य Railway Station ka Drishya रेलवे स्टेशन का दृश्य बहुत रोचक होता है। परन्तु उस दिन मैंने एक बिल्कुल असाधारण दृश्य ‘देखा। एक तूफानी रात थी और मूसलाधार वर्षा हो रही थी। बिजली गुल हो गई थी और प्लेटफार्म पर सभी तरफ अन्धेरा था। मेरी माताजी तूफान एक्सप्रेस से आने वाली थीं। गाड़ी के आने का ठीक समय प्रातः काल 2 बजे था। इसलिए मैं एक घण्टा पहले...
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May 9, 2024 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
भारतीय संविधान की पुनर्संरचना Bhartiya Samvidhan ki Punarsanrachna 26 जनवरी 1950 को हमारे राष्ट्र में जिस संविधान को लागू किया गया था, वर्तमान बदलती अंतर्राष्ट्रीय स्थिति में उसमें कहीं न कहीं परिवर्तन करना अनिवार्य हो गया है। संविधान को सामान्यतः विधि सम्मत प्रभुतासम्पन्न राज्य की प्रक्रियाओं को सुनिश्चित करने के लिए लिखित प्रमाणों एवं अलिखित प्रमाणों वाले वादयोग्य राष्ट्रीय ढाँचे के समूह के रूप में परिभाषित किया जाता है। हमारे देश...
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May 9, 2024 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
प्रदर्शनी का दृश्य Pradarshni Ka Drishya भारत विभिन्न संस्कृतियों का देश है। इस देश में प्रदर्शनी आयोजित करने का विचार हमारे लिए कोई नया नहीं बल्कि पुराने समय से आयोजित किया जाने वाला एक विशेष कार्य रहा है। प्राचीनकाल में भी देश में हस्तशिल्प को बढ़ावा देने के लिए राजाओं और शहंशाहों द्वारा मीना बाजारों का आयोजन किया जाता था। भारत में ग्रामीण मेलों और धार्मिक उत्सवों में छोटी-छोटी प्रदर्शनियाँ लगाना...
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May 9, 2024 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
ज्ञान ही शक्ति है Gyan Hi Shakti Hai प्राचीन काल से यह कहा जाता रहा है कि जिसके पास वृद्धि है, उसी के पास बल है। शक्ति प्राप्त करने की इच्छा मानव की मूल प्रवृति होती है। इस इच्छा का कारण यह है कि मानव को इस बात का बोध है कि वह मानसिक और नैतिक दृष्टि से सृष्टि के अन्य जीवों से श्रेष्ठ है। अतः यह स्वाभाविक ही है कि...
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May 9, 2024 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
शिक्षा के लिए यात्रा का महत्त्व Shiksha ke Liye Yatra Ka Mahatva हिन्दी साहित्यकार राहुल सांकृत्यायन ने ज्ञान वृद्धि में भ्रमण को महत्वपूर्ण स्थान दिया। विशेष रूप से अंग्रेज, महाद्वीप की यात्रा किये बिना अपनी शिक्षा को पूर्ण नहीं मानते थे। यात्रा मानव का सबसे अधिक आनन्ददायक अनुभव होता है। लोगों को हमेशा ही एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाने, दूसरे लोगों और स्थानों को देखने से आनन्द मिलता रहा...
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May 9, 2024 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
सादा जीवन और उच्च विचार Sada Jeevan Uch Vichar “सादा जीवन उच्च विचार” की अवधारणा व्यक्तित्व विकास तथा सहयोग का परिचायक है। विश्व-इतिहास की अधिकांश महान् हस्तियों ने इस सिद्धान्त को पूरी तरह से अपना कर ही महानता प्राप्त की थी। महात्मा गाँधी, गुरु नानक और भगवान बुद्ध जैसे सभी महापुरुष, जिन्होंने आध्यात्मिक महानता प्राप्त करके अपनी बौद्धिक विचारधारा से विश्व को झकझोर दिया था, इस सिद्धान्त के उदाहरण हैं। अनादि...
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May 9, 2024 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
व्यवसाय का चुनाव करना Vyavasaaya ka Chunav आज के समय में व्यवसाय का चुनाव एक जटिल समस्या बन गई है। अमरीका में एक राष्ट्रीय बुद्धि परीक्षा कार्यालय है जहाँ प्रत्येक व्यक्ति की बुद्धि की परीक्षा की जाती है। यह परीक्षा बड़े पैमाने पर की जाती है। ऐसी परीक्षा के उपरान्त किसी व्यक्ति के लिए सबसे उपयुक्त व्यवसाय का चुनाव करना बहुत आसान हो जाता है। इस तरीके से, स्वतः ही हमारी...
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May 9, 2024 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
शिष्टाचार Shishtachar शिष्टाचार का अर्थ होता है, व्यक्ति का सौहार्दपूर्ण व सभ्य आचरण। अच्छे आचरणों वाला व्यक्ति जहाँ समाज का आभूषण है वहीं अशिष्ट व्यक्ति समाज के लिए कलंक है। किसी कार्य में शिष्टाचार अलंकार के समान होता है, क्योंकि यदि कोई बात भली प्रकार से या मीठी बोली में कही जाए तो इसका महत्त्व बहुत बढ़ जाता है। विश्व में शिष्टाचार श्रेष्ठ महापुरुषों के आचरण की एक प्रमुख विशेषता रही...
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May 9, 2024 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
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