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Lota, “लोटा” Hindi motivational moral story of “Kabirdas” for students of Class 8, 9, 10, 12.

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लोटा Lota कबीरदास ने गंगा किनारे पर स्नान कर रहे ब्राह्मण को अपना लोटा देते हुए कहा, “आप इस लोटे की सहायता से आराम से स्नान कर लीजिए।” ब्राह्मण ने माथे पर बल डालते हुए कहा-“रहने दे ! ब्राह्मण जुलाहे के लोटे से स्नान करके अपवित्र हो जायेगा।” कबीर ने हंसते हुए कहा-“लोटा तो पीतल का है, जुलाहे का नहीं। रही अपवित्र होने की बात, तो मिट्टी से साफ कर कई...
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Hindi Prem, “हिन्दी प्रेम” Hindi motivational moral story of “Suryakant Tripathi Nirala” for students of Class 8, 9, 10, 12.

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हिन्दी प्रेम Hindi Prem एक बार कविवर सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला किसी ट्रेन में कहीं जा रहे थे। उसी ट्रेन में पंड़ित जवाहर लाल नेहरू भी सवार थे। निराला जी पंड़ित जी से मिलना चाहते थे। काफी कोशिश के बाद वे नेहरू जी तक पहुंचने में सफल हुए। वेशभूषा से नेहरू जी उनको बर्मी या बंगाली समझे। उन्होंने यह बताते हुए कि वे उत्तर-प्रदेश के हैं और कहा-“मुझे आप से एक बात...
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Mushaira, “मुशायरा” Hindi motivational moral story of “Raghupati Sahay Firaq” for students of Class 8, 9, 10, 12.

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मुशायरा Mushaira एक मुशायरे में रघुपति सहाय ‘फिराक’ के अलावा कई नौजवान शायर भी उपस्थित थे। फिराक साहब के कलाम पढ़ने के बाद एक नौजवान शायर को शेर पढ़ने के लिए बुलाया गया। उस नौजवान ने शेर पढ़ने के बजाय कहा कि, ‘इतने बड़े शायर के बाद मैं अपना कलाम कैसे पढ़ सकता हूँ?’ फिराक साहब बीच में बोल पड़े, ‘बरखुरदार ! जब आप मेरे बाद पैदा हो सकते हैं, तो...
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Jhutho ka Badhshah, “झूठों का बादशाह” Hindi motivational moral story of “Akbar Allahabadi” for students of Class 8, 9, 10, 12.

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झूठों का बादशाह Jhutho ka Badhshah अंग्रेज गवर्नर लार्ड कर्जन भारतीयों से नफरत करता था। एक सभा में कर्जन ने कह दिया कि “रूह-सिहाय (काला) हिन्दुस्तानी पहले दर्जे का झूठा और बेईमान होता है।” इस अपमानजनक बात से सारे देश में रोष फैल गया। हर नेता, हर संस्था विरोध करने लगी। प्रसिद्ध शायर अकबर इलाहाबादी ने कर्जन के कथन पर टिप्पणी की- “बेसक है झूठ-सच की छिड़ी बहस हिंद में, सच...
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Jungle ka Badshah, “जंगल का बादशाह” Hindi motivational moral story of “Josh Malihabadi” for students of Class 8, 9, 10, 12.

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जंगल का बादशाह Jungle ka Badshah जोश मलीहाबादी ‘आजकल’ मासिक पत्र के सम्पादक थे। एक बार उनके मित्र ने पूछा, “कहिए जोश साहब सरकारी नौकरी में कैसी गुजर रही है ?” जोश साहब ने थोड़ा ठहर कर उत्तर दिया, “क्या बतायें भैय्या, जंगल में बादशाह को तांगे के आगे जोत दिया है।”
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Naya Juta, “नया जूता” Hindi motivational moral story of “Mirza Ghalib” for students of Class 8, 9, 10, 12.

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नया जूता Naya Juta एक दिन कोई साहब मिर्जा गालिब से मिलने उनके घर आए। थोड़ी देर बैठने के बाद जब वह जाने लगे तो मिर्जा हाथ में शमादान लेकर उन्हें पहुँचाने नीचे आये। नीचे पहुंचकर आगन्तुक सज्जन ने शिष्टतावश कहा-“आपने क्यों तकलीफ की? मैं अपना जूता खुद पहन लेता।” मिर्जा गालिब ने अपने खास अंदाज में तुरन्त जवाब दिया- “मैं आपको जूता दिखाने के लिए शमादान नहीं लाया हूँ, बल्कि...
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Ghalib ka Udhar, “गालिब का उधार” Hindi motivational moral story of “Mirza Ghalib” for students of Class 8, 9, 10, 12.

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गालिब का उधार  Ghalib ka Udhar   प्रसिद्ध उर्दू शायर मिर्जा गालिब का जीवन सदा तंगी, बदहाली और उधारी में ही बीता। एक बार एक लेनदार वसूली के लिए उनके घर पहुँचा। मिर्जा गालिब ने उसका बहुत अच्छा सत्कार किया और उसके सामने मिठाइयाँ पेश की। लेनदार ने नाक-भौंह सिकोड़ कर कहा, “आपके पास मुझे देने के लिए पैसा नहीं हैं, लेकिन इतनी महंगी चीजें खाने-खिलाने के लिए पैसा है !”...
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Kurup Jayasi, “कुरूप जायसी” Hindi motivational moral story of “Malik Mohammad Jayasi” for students of Class 8, 9, 10, 12.

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कुरूप जायसी Kurup Jayasi मलिक मोहम्मद जायसी अनूठे कवि थे। उनकी लेखनी तथा वाणी इतनी प्रभावी थी कि बड़े-बड़े साहित्य प्रेमी उनके साथ के लिए लालायित रहते थे। साहित्य में उनके योगदान को आज भी बहुत याद किया जाता है। एक बार वह शेरशाह सूरी के दरबार में पहुँचे। शेरशाह ने जैसे ही एक आँख से हीन व कुरूप जायसी को देखा, उनको हंसी आ गयी। जायसी समझ गये कि बादशाह...
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