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Archive by category "Hindi (Sr. Secondary)" (Page 45)
साहित्य समाज का दर्पण है Sahitya Samaj ka Darpan hai समाज व साहित्य का संबंध भारतीय साहित्य निष्कर्ष साहित्यकार समाज का चितेरा होता है। वह उसकी भावनाओं को अभिव्यक्ति प्रदान करता है। साहित्य समाज का दर्पण इसलिए है क्योंकि किसी समाज को जानने-समझने के लिए उसके साहित्य को पढ़ लेना पर्याप्त समाज में अच्छा-बुरा जो भी घटित होता है, साहित्यकार उसे अभिव्यक्ति देता है। इसके साथ ही साहित्य में हम जातीय...
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November 28, 2022 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
राजनीति और मानव-समाज Rajniti aur Manav Samaj छल-छद्म का पर्याय राजनीति समस्याओं की जननी निष्कर्ष राजनीति एक ऐसा खेल है जिसने समूचे मानव समाज को प्रभावित तथा दूषित किया है। आज जीवन का कोई क्षेत्र ऐसा नहीं बचा है जहाँ राजनीति ने छल-छद्म का जाल न बिछाया हो। राजनीति भाई-भाई के बीच घृणा के बीज बोती है, धर्म के नाम पर मनुष्य को भ्रमित कर देती है तथा समाज को खंडित...
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November 28, 2022 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
परीक्षा प्रणाली में सुधार की आवश्यकता Pariksha Pranali me Sudhar ki Avyashayakta परीक्षा की उपादेयता सुधार की आवश्यकता निष्कर्ष । पाठ्यक्रम में निर्धारित पुस्तकों को अच्छी तरह पढ़कर अच्छे अंकों में परीक्षा पास कर लेने से किसी व्यक्ति की योग्यता की सही जाँच नहीं हो सकती। परीक्षाओं में सदैव प्रथम स्थान प्राप्त करने वाला व्यक्ति अनेक बार जीवन की दौड़ में पिछड़ जाता है। स्कूली परीक्षाएँ तो केवल इस तथ्य...
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November 28, 2022 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
पुस्तकें ज्ञान का साधन Pustake Gyan ka Sadhan ज्ञान का साधन सुख का साधन पुस्तकों के लाभ मानव-जाति ने जो कुछ किया, सोचा और पाया है, वह पुस्तकों के जादू भरे पृष्ठों में सुरक्षित है। मानव-सभ्यता तथा संस्कृति के विकास का समूचा श्रेय पुस्तकों को जाता है। पुस्तकों में निहित विचारों पर किसी एक व्यक्ति, जाति अथवा राष्ट का अधिकार नहीं होता, उन पर मानव मात्र का अधिकार होता है। पुस्तकों...
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November 28, 2022 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
सपने में अंतरिक्ष की यात्रा Sapne mein Antriksh ki Yatra कब कहाँ क्यों? अंतरिक्ष से धरती का दृश्य अंतरिक्ष के रोमांचक अनुभव स्वप्न-भग के पश्चात् की स्थिति एवं अनुभव। सपने देखना मानव का स्वभाव है। सपनों से ही मनुष्य नया करने की प्रेरणा पाता है। मैं भी एक दिन विज्ञान फांतासी देख रहा था। देखते-देखते नींद आ गई और में स्वयं को अंतरिक्ष में पाया। मैं एक वायुयान में सवार होकर...
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November 28, 2022 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
वर्षा ऋतु का दृश्य Varsha Ritu ka Drishya वर्षा ऋतु का महत्व सायंकालीन दृश्य मानव मन पर प्रभाव वर्षा ऋतु को ऋतु-रानी कहा जाता है। गरमी से जलती धरती को राहत देने के लिए काले-काले बादल घुमड़कर आते हैं तथा बरसकर प्रसन्नता प्रदान करते हैं। ऐसी ऋतु की संध्या कितनी सुंदर होगी, यह हम सिर्फ कल्पना कर सकते हैं। इस समय नदी, नाले, तालाब, खेत-पानी से भर जाते हैं। चारों तरफ...
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November 28, 2022 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
फूल की आत्मकथा Phool ki Atamakatha सुख-दुख में समान जीवन प्रकृति की शोभा और सुंदरता का अंग जीवन का अंत। मैं फल हूँ। आकाश के नीचे मेरा आवास है। ग्रीष्म, वर्षा, शीत को सहन करने का मुझे अभ्यास है। मैं वायु के मंद-मंद झोकों से नाचता हूँ, परंतु प्रचंड पवन के झोंको को भी हँसते-हँसते सहन करता हूँ। दूसरों को अपने रूप सौंदर्य, गंध तथा कोमलता द्वारा प्रसन्न करना ही मेरा...
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November 28, 2022 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
अगर खेल न होते Agar Khel Na Hote खेल मनोरंजन का साधन खेल व स्वास्थ्य खेल व सट्टेबाजी खेल मानव के मनोरंजन का साधन है। इससे जीवन की एकरसता नहीं रहती। अब अगर यह कल्पना करें कि अगर खेल न होते तो क्या होता? मनुष्य अपना मनोरंजन कैसे करता? अगर खेल न होते तो सबसे पहले मानव स्वभाव आलसी, अकर्मण्य व क्रोधी होता। मनुष्य एक ही कार्य को लगातार करके बोर...
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