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Archive by category "Hindi (Sr. Secondary)" (Page 34)
मन की शुद्धि Mann ki Shudhi एक युवक संसार से विरक्त हो फिलस्तीन के संत मरटिनियस के पास आया और बोला, “भगवन्! मैं आपकी सेवा में आ गया हूँ। कृपया मुझे आश्रय दें।” संत बोले, “जाओ, पहले शुद्ध होकर आओ।” युवक स्नान करने गया। संत ने एक भंगिन को बुलाकर युवक के आने पर इस प्रकार झाड़ू लगाने को कहा, जिससे धूल युवक के शरीर पर उड़े। भंगिन ने वैसा ही...
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January 24, 2023 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
झूठे रिश्ते Jhuthe Rishte एक बार इटली के संत फ्रांसिस के पास एक सत्संगी युवक आया। संत ने उससे हाल-चाल पूछा, तो उसने स्वयं को अत्यंत सुखी बताया ! वह बोला, “मुझे अपने परिवार के सभी सदस्यों पर बड़ा गर्व है। उनके व्यवहार से मैं संतुष्ट हूँ।” संत बोले, “तुम्हें अपने परिवार के प्रति ऐसी धारणा नहीं बनानी चाहिए। इस दुनिया में अपना कोई नहीं होता। जहाँ तक माँ-बाप की सेवा...
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January 24, 2023 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
अपरिग्रह Aparigrah फारस के संत अपुरायन सीरिया में बस गए थे और एक छोटी-सी झोंपड़ी में वास करते थे। उनका रहन-सहन अत्यंत सादगीपूर्ण था । रूखी-सूखी रोटी उनका भोजन था और चटाई उनका बिस्तर। दिन-रात भगवत्-चिंतन में लगे रहते । एक बार सीरिया का राजकुमार उनसे मिलने आया। वे जब झोंपड़ी से बाहर आए, तो उसने उन्हें प्रणाम किया और कीमती वस्त्र भेंट किए। यह देख संत बोले, “राजकुमार ! यदि...
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January 24, 2023 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
दिव्य शिक्षा Divya Shiksha मिस्र के संत जू-उल-नून एक बार वुजू करने के लिए एक नहर के पास गए। सामने से एक सुंदर स्त्री आ रही थी। वे वुजू करते-करते उसकी ओर देखने लगे। जब वह पास आई, तो उन्होंने महसूस किया कि वह स्त्री उनसे कुछ कहना चाहती है। आखिर उन्होंने पूछ ही लिया, “क्या तुम कुछ कहना चाहती हो?” “हाँ! जू-उल-नून!” वह स्त्री बोली, “मैं जब इधर आ रही...
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January 24, 2023 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
स्वर्ग और नरक Swarg aur Narak एक बार जापान के संत हाकुइन के पास एक सैनिक आया और उसने प्रश्न किया, “महाराज ! स्वर्ग और नरक अस्तित्व में है या केवल उनका हौवा बना दिया गया है?” हाकुइन ने उसकी ओर आपादमस्तक देखकर पूछा, “तुम्हारा पेशा क्या है?” “जी, मैं सिपाही हूँ।” उसने उत्तर दिया। संत ने आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा, “क्या कहा, तुम सिपाही हो! मगर चेहरे से तो...
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January 24, 2023 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
जिन खोज, तिन पाइयाँ Jin Khoi, Tin Paiya एक बार बालक दादू अपने मित्रों के साथ खेल रहा था कि एक साधु वहाँ आया और उसने बालक दादू के मुख पर पान की पीक डाल दी। अबोध बालक की समझ में कुछ नहीं आया। बाद में संसार के प्रति उसे विरक्ति हो गई। वह संसार की अनित्यता और नश्वरता का विचार कर घर त्यागने की बात सोचता, पर उसे अमल में...
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January 24, 2023 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
जिस तन लागे, सो तन जाने Jis tan lago, So tan jane “अरे नामू! तेरी धोती में तो खून लगा हुआ है! कहीं चोट तो नहीं लगी?” माँ ने बेटे से पूछा । “हाँ, माँ! मैंने अपने पैर पर कुल्हाड़ी से वार किया है।” नामू ने उत्तर दिया। माँ ने धोती सरकायी तो पाया कि बेटे के पैर की चमड़ी छिली हुई है; बोली, “मूर्ख! कहीं कोई अपने ही पैर पर...
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January 24, 2023 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
झूठ की कमाई Jhooth Ki Kamai हजरत अबूबक्र मुसलमानों के पहले खलीफा थे। हजरत मुहम्मद साहब के बाद खलीफा के रूप में उन्हें ही चुना गया था। एक बार उनके एक गुलाम ने, जो कि उनका शिष्य था, उन्हें खाने के लिए मिठाई दी। उन्होंने जब मिठाई खायी तो उन्हें वह बड़ी ही स्वादिष्ट लगी। इन्होंने गुलाम से पूछा कि उसने इतनी बढ़िया मिठाई कहाँ से पायी? गुलाम ने बताया कि...
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January 24, 2023 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
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