Home »
Languages »
Archive by category "Hindi (Sr. Secondary)" (Page 265)
पयर्टन-उद्योग Paryatan Udyog आज के युग को उचित ही उद्योग-व्यापार युग कहा जाने लगा है। क्योंकि आज के युग में प्रत्येक मानवीय कदम उद्योग बनता जा रहा है। है न विचित्र बात कि सैर-सपाटा भी उद्योग और गया है। पर्यटन यानी भ्रमण। भ्रमण भी कभी उद्योग हो सकता है? होता है। आजकल पर्यटन का विकास भी एक उद्योग की तरह हो रहा है। जैसे अन्य सभी प्रकार के उद्योग अपनी प्रसिद्धि...
Continue reading »
July 28, 2017 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
वह लोमहर्षक दिन Vah Lomharshak Din उफ! वह दिन! वह लोमहर्षक दिन! वह दिन याद आकर आज भी तन-मन में कंपकंपी ला देता है। लगने लगता हे कि हमारा जीवन भी कितना क्षणिक, कितना अस्थिर है। उफ! कई बार जीवन में ऐसी-ऐसी घटनांए घट जाती हैं, जो भुलाए नहीं भूलती औश्र याद आ-कर अक्सर रोंगटे खड़े कर दिया करती हैं। ऐसी ही एक घटना दो-तीन वर्ष पहले मेरे सामने भी घटी...
Continue reading »
July 28, 2017 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
प्लेटफॉर्म का एक दृश्य Platform Ka Ek Drishya हमारा जीवन वास्तव में बड़ा विचित्र है। अपने प्रतिदिन के जीवन में हमें अनेक विचित्र लगने वाले दृश्यों से दो-चार होना पड़ता है। जिंदगी एक निरंतर सफर है। यह सफर सुहाना है या नहीं, इसके बारे में प्रत्येक व्यक्ति का अपना अलग-अलग अनुभव हुआ करता है। खैर, इस कथन के भावात्मक अर्थ की ओर न जा, जब हम भौतिक और व्यावहारिक अर्थ...
Continue reading »
July 28, 2017 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
श्रीमती महादेवी वर्मा Mahadevi Verma अपने को ‘नीर भरी दुख की बदली’कहने के कारण आधुनिक मीरा के नाम से जानी और मीरा ही मानी जाने वाली, प्रेम और वेदना की अनुभूति-भरी कवयित्री श्रीमती महादेव वर्मा हिंदी-साहित्य की एक महानतम उपलब्धि हैं। इनका जन्म सन 1907 में फर्रूखबाद के एक धार्मिक और एक संपन्न परिवार में हुआ था। पिता नामी वकील थे और माता ममता करूणा से भरी सह्दय गृहस्थ नारी। इनकी...
Continue reading »
July 28, 2017 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’ Suryakant Tripathi ‘Nirala’ शताब्दियों बाद ऐसी प्रतिभांए जन्म लिया करती हैं कि जिनकी गुणवत्ता जन-जीवन में एक कहानी बन जाए। सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’ ऐसे ही व्यक्ति थे। अपने स्वभाव के निराले महाप्राणत्व से हिंदी-कविता के एक युग पर छाए रहने वाले महाकवि सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’ अपने उपनाम के अनुरूप ही वास्तव में नए-निराले थे। इनका जन्म बंगाल प्रांत के महिषादल राज्य के जिला मेदिनीपुर में सन 1889 में...
Continue reading »
July 21, 2017 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), Languages3 Comments
सुमित्रानंदन पंत Sumitranandan Pant प्रकृति और शरीर-स्वभाग से सुकुमार, कोमल-कान्त व्यक्तित्व के महाकवि-पंत। छायावादी काव्यधारा के प्रमुख और प्रतिनिधि कवि सुमित्रानंदन पंत का जन्म उत्तर प्रदेश (वर्तमान उत्तराखंड) के अल्मोड़ा जिले में बसे कॉलोनी नामक ग्राम में, सन 1900 में हुआ था। वह स्थान प्रकृति की गोद में बसा हुआ है। प्रकृति ने ही पंत जी को पाल-पोसकर बड़ा किया था। अभी अबोधा शिशु में ही इनकी माता का स्वर्गवास हो...
Continue reading »
July 21, 2017 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
जयशंकर प्रसाद Jaishankar Prasad निबंध नंबर :- 01 महाकवि और नाटककार ‘प्रसाद’ वस्तुत: मां सरस्वती के अमर प्रसाद ही थे। हिंदी काव्य के क्षेत्र में गोस्वामी तुलसीदास के बाद सशक्त एंव महान गंभीर प्रतिभा वाले किसी व्यक्ति का अगर नाम लिया जा सकता है, तो वह नाम है महाकवि जयशंकर प्रसाद। इनका जन्म सन 1889 में काशी के प्रसिद्ध ‘सुंथनी साहू’ परिवार में हुआ था। पिता श्री देवीप्रसाद सुंगधित तंबाकू के...
Continue reading »
July 21, 2017 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त Maithili Sharan Gupt निबंध नंबर :- 01 राष्ट्रीय सभ्यता-संस्कृति के सभी रूपों का गायक ही राष्ट्रकवि होने का गौरव प्राप्त किया करता है। अपनी कविता के माध्यम से भारतीय सभ्यता और संस्कृति के नवीन-प्राचीन विभिन्न रूपों और अंगों का गायन कर जनता और सरकार, दोनों से सहज ही राष्ट्रकवि होने का गौरव पाने वाले कविवर गुप्त जी का जन्म चिरगांव, झांसी में सन 1886 में हुआ था। उनके...
Continue reading »
July 21, 2017 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment