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Archive by category "Hindi (Sr. Secondary)" (Page 265)
भारत की वर्तमान शिक्षा नीति Bharat ki vartman Shiksha Niti निबंध नंबर : 01 शिक्षा किसी राश्ट्र अथवा समाज की प्रगति का मापदंड है। जो राष्ट्र शिक्षा को जितना अधिक प्रोत्साहन देता है वह उतना ही विकसित होता है। किसी भी राष्ट्र की शिक्षा नीति इस पर निर्भर करती है कि वह राष्ट्र अपने नागरिकों में किस प्रकार की मानसिक अथवा बौद्धिक जागृति लाना चाहता है। इसी नीति के अनुसार वह...
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October 13, 2017 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary)No Comment
संयुक्त राष्ट्र संघ और वर्तमान विश्व Sayukt Rashtra Sangh Aur Vartman Vishv अंतर्राष्ट्रीय परिदृश्य में द्वितीय विश्व युद्ध का सबसे बड़ा योगदान संयुक्त राष्ट्र संघ की स्थापना के रूप में सामने आया। 24 अक्तूबर 1945 ई. को स्थापित इस विश्व संस्था का मुख्यालय उत्तरी अमेरिका के न्यूयॉर्क शहर में है। इस संस्था के गठन में अमरीका, रूस, इंज्लैंड, फ्रांस, चीन आदि देशों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। तब से लेकर अब...
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October 13, 2017 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
जल ही जीवन है Jal hi Jeevan hai निबंध नंबर – 01 क्षिति, जल, पावक, गगन और समीर ये पांच तत्व हमारे धर्मग्रंथों में मौलिक कहे गए हैं तथा हमारी शरीर रचना में इनकी समान रूप से भूमिका होती है। इनमें वायु और जल ये दो ऐसे तत्व हैं जिनके बिना हमारे जीवन की कल्पना एक क्षण भी नहीं की जा सकती। जीवों को जिस वस्तु की जरूरत जिस अनुपात में...
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September 14, 2017 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), Languages2 Comments
भारत में पर्यटन व्यवसाय Bharat me Paryatan Vyavasaya पयर्टन आदिकाल से ही मनुष्यों का स्वभाव रहा है। घूमना-फिरना भी मनुष्य के जीवन को आनंद ससे भर देता है। इसका पता लोगो ंने पहले ही लगा लिया था। पहले लोग पैदल चलकर या समुद्र मार्ग से लंबी-लंबी दूरियां तय कर अपने भ्रमण के शौक को पूरा करते थे। कुद लोग ऊंटों, घोड़ों आदि पर चढक़र समूह यात्रा करते थे, हालांकि ऐसी...
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September 14, 2017 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
भारत का अंतरिक्ष अभियान Bharat ka Antriksh Abhiyan जोखिमों का सामना करना तथा अज्ञात की पर्तें उधेडऩा मनुष्य का जन्मजात स्वभाव माना जाता है। अंतरिक्ष मानव के लिए आदि काल से ही एक अबूझ पहली रही है, फिर भी अनेक विद्वानों और वैज्ञानिकों ने तारों, ग्रहों, उपग्रहों आदि के बारे में गणनांए की परंतु उनके अनुमानों को मूर्त रूप न दिया जा सकता क्योंकि न तो दूरबीन का अविष्कार हुआ था...
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September 14, 2017 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), Languages1 Comment
इक्कीसवीं सदी की चुनौतियां Ikkisvi sadi ki Chunotiya चुनौतियों को स्वीकार करना मानव का सहज स्वभाव है। मानव सभ्यता का इतिहास चुनौतियों से परिपूर्ण है। जब भी हमारे समक्ष कोई बड़ी बाधा आई हमने उसका डटकर मुकाबला किया। आदि मानव खूंखार जंगली जंतुओं के बीच रहकर भी उनसे भिन्नता कायम करने में तथा स्वतंत्र अस्तित्व स्थापित करने में सफल रहा। लंबे समय तक उसे पेड़ों और गुफाओं में सोना पड़ा परंतु...
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September 14, 2017 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
वीर कुंवर सिंह Veer Kunwar Singh वीर कुंवर सिंह का जन्म बिहार के भोजपुर जिले के जगदीशपुर नामक गांव में हुआ था। कुछ इतिहासकार उनकी जन्म-तारीख 12 अप्रैल 1782 बताते हैं तो कुछ 1778 के लगभग मानते हैं। उनके यहां जमींदारी चलती थी। सन 1826 में कुंवर सिंह पर अपने पैतृक जमींदारी संभालने का दायित्म आ पड़ा। उन्हें जमींदारी से प्रतिवर्ष 6 लाख रुपए नकददद की आमदनी हो जाया करती थी।...
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August 27, 2017 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), Languages2 Comments
मंगल पांडे Mangal Pandey मंगल पांडे का जन्म 19 जुलाई 1827 को फैजाबाद के ‘सुरहुरपुर’ नामक गाांव में हुआ। बहुत लोगों का मानना है कि मंगल पांडे का जन्म ‘नगवा’ नामक गांव में हुआ था। यह गांव बलिया जिले के अंतर्गत आता है। मंगल पांडे ने किसी स्कूल में पढ़ाई नहीं की। उनके दादा उन्हें लिखाया-पढ़ाया करते थे। भारतवासियों पर अंग्रेजों द्वारा ढाएए गए जुल्मों से वे तंग आ चुके थे।...
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August 27, 2017 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment