Home » Languages » Archive by category "Hindi (Sr. Secondary)" (Page 260)

Hindi Essay on “Jeevan me Swachata ka Mahatva” , ”जीवन में स्वच्छता का महत्व” Complete Hindi Essay for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.

Hindi Essays
जीवन में स्वच्छता का महत्व Jeevan me Swachata ka Mahatva एक कहावत है ‘कुत्ता भी जब बैठता है तो पूंछ झाडक़र बैठता है।’ इसका अर्थ यह है कि जब कुत्ता किसी स्थान पर बैठता है तब सबसे पहले उसे पूंछ से साफ कर लेता है, अर्थात कुत्ता भी स्वच्छताप्रिय होता है। फिर मनुष्य को तो सफाई का ध्यान अवश्य रखना चाहिए। वास्तव में, स्वच्छता जीवन में अत्यंत आवश्यक है। प्रत्येक मनुष्य को...
Continue reading »

Hindi Essay on “Dahej ek Abhishap” , ”दहेज एक अभिशाप” Complete Hindi Essay for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.

Hindi Essays
दहेज एक अभिशाप Dahej ek Abhishap सदियां बीत जाने के बावजूद, आज भी, नारी शोषण से मुक्तन हीं हो पाई है। उसके लिए दहेज सबसे बड़ा अभिशाप बन गया है। लडक़ी का जन्म माता-पिता के लिए बोझ बन गया है। पैदा होते ही उसे अपनी ही मां द्वारा जन्में भाई की अपेक्षा दोयम दर्जा प्राप्त होता है। यद्यपि माता-पिता के लिए ममत्व में यह समानता की अधिकारिणी है, तथापि कितने ही...
Continue reading »

Hindi Essay on “Matsya Palan” , ”मत्स्य-पालन” Complete Hindi Essay for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.

Hindi Essays
मत्स्य-पालन Matsya Palan मत्स्य पालन अब एक बड़ा उद्योग बन चुका है। अन्य उद्योगों की तरह इसमें भी लाखों लोग लगे हुए हैं। तालाबों तथा अन्य जल क्षेत्रों में मछलियां पाली जाती हैं। पानी में छोटे-छोटे जंतु होते हैं, जो मछलियों के प्राकृतिक भोजन कहलाते हैं। मछलियां इन छोटे-छोटे जलीय जीवों को खाती हैं। इन जीवों को प्लवक कहते हैं। प्लवक जंतु के अंतर्गत आते हैं। प्लवक वानस्पतिक वर्ग में भी...
Continue reading »

Hindi Essay on “Vegyanik Vikas” , ”वैज्ञानिक विकास” Complete Hindi Essay for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.

Hindi Essays
वैज्ञानिक विकास Vegyanik Vikas ईसा के 3000 वर्ष पूर्व से 1500 वर्श तक मनुष्य अंकों का जोड़, घटाना, गुणा, भाग सीख चुका था। प्राचीन भारत में बोधायन, बाणभट्ट, वराहमिहिर, आर्यभट्ट, कणद, नागार्जुन, चरक, कात्यान और गार्गी ने विज्ञान के क्षेत्र में बहुत योगदान किया। ऋगवेद-काल के आर्यों ने 10 को गणना का आधान माना। ईसा-पूर्व तीसरी और चौथी शताब्दियों के गणितज्ञों ने इसी आधार पर अपनी अंक लिपि तैयार की। इस...
Continue reading »

Hindi Essay on “Hamare Jeevan me Vanaspatiyo ka Mahatva” , ”हमारे जीवन में वनस्पतियों का महत्व” Complete Hindi Essay for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.

Hindi Essays
हमारे जीवन में वनस्पतियों का महत्व Hamare Jeevan me Vanaspatiyo ka Mahatva   मनुष्य, पशु-पक्षी और यहां तक कि पेड़-पौधे भी हरियाली के आधार पर जीवित रहते हैं। पशु घास और पेड़ों के पत्ते खाते हैं। मनुश्य का आहार अन्न के दाने, शाक, फूल, फल और वनस्पतियां हैं। यदि ये सब खाने को न मिलें तो मानव का जीवित रहना संभव नहीं है। मांस खाने वाले प्राणी भी घास खाने वाले...
Continue reading »

Hindi Essay on “Vriksharopan ka Mahatva” , ”वृक्षारोपण का महत्व” Complete Hindi Essay for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.

Hindi Essays
वृक्षारोपण का महत्व Vriksharopan ka Mahatva वनों के संरक्षण के लिए यह अत्यंत आवश्यक है कि लोग वनों की उपयोगिता को गंभीरता से समझें। जब हम वन का नाम लेते हैं तब हमारी आंखों के सामने तरह-तरह के हरे-भरे चित्र उभरते लगते हैं। इनमें झाडिय़ां, घास, लतांए, वृक्ष आदि विशेष रूप से शामिल होते हैं। वे एक-दूसरे के सहारे जीते हैं और फैलते-फूलते हैं। मात्र यह सोचना कि वन केवल लकड़ी...
Continue reading »

Hindi Essay on “Tajmahal ka Sondarya” , ”ताजमहल का सौंदर्य” Complete Hindi Essay for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.

Hindi Essays
ताजमहल का सौंदर्य Tajmahal ka Sondarya  ताजमहल अपनी अदभूत और अद्वितीय वास्तुकला के लिए जगत-प्रसित्र है। ताजमहल के निर्माण को लगभग तीन शताब्दियां बीत गई हैं, किंतु आज भी इसकी भव्यता नई सी प्रतीत होती है। प्रकृति के भीषण घात-प्रतिघात तथा मानव के निर्मम क्रिया-कलाप इसके ऊपर अपना कुछ भी प्रभाव नहीं छोड़ सके। यह आज भी शांत, मौन साधक की भांति अविचल खड़ा है। ताजमहल के अपूर्व सौंदर्य को देखने...
Continue reading »

Hindi Essay on “Hamare Maulik Adhikar aur Kartavya” , ”हमारे मौलिक अधिकार और कर्तव्य” Complete Hindi Essay for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.

Hindi Essays
हमारे मौलिक अधिकार और कर्तव्य Hamare Maulik Adhikar aur Kartavya   व्यकित अपना विकास समाज में रहकर ही कर सकता है। समाज से बाहर हम इसकी कल्पना भी नहीं कर सकते। अब प्रश्न है कि व्यक्ति के विकास के लिए सुविधांए कौन देता है? उत्तर है-व्यक्ति को ये सुविधांए समाज देता है। समाज किसी सुविधा अथवा शक्ति को स्वीकार करता है। वैसा न करने पर उसे अधिकारों की श्रेणी में नहीं रखा...
Continue reading »