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Archive by category "Hindi (Sr. Secondary)" (Page 258)
हमारे महानगर Hamare Mahanagar भारत में प्राचीनकाल में सिंधु घाटी की सभ्यता का जन्म हुआ था जो प्रायः नगरीय सभ्यता मानी जाती है। इससे स्पष्ट होता है कि भारतवासी नगरों की संस्कृति से पूर्ण परिचित थे। हालाँकि भारत मे गाँवों की आज भी अधिकता है परंतु साथ-साथ नगरीय संस्कृति का भी विकास हो रहा है। दिल्ली, कोलकता, चेन्नई और मुंबई ये चार हमारे देश के विशालतम नगर हैं जिनका...
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January 9, 2018 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
रेल दुर्घटना Rail Durghatna मनुष्य ने यातायात के अनेक साधन विकसित किए हैं। रेलगाड़ी आवागमन का एक प्रमुख साधन हैं। रेलगाड़ी द्वारा यात्रा करने का अपना अलग ही आनंद हैं। परंतु कभी-कभी लोगों की थोड़ी-सी असावधानी इस आनंद को एक बड़ी दुर्घटना का रूप दे देती हैं। यह बात पिछले वर्ष जनवरी माह की है जब मैं कालका मेल द्वारा इलाहाबाद से टुंडला की ओर यात्रा कर रहा...
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January 9, 2018 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
युद्ध के कारण व समाधान Yudh ke Karan va Samadhan युद्ध का इतिहास मानव सभ्यता के उदय के साथ ही प्रारंभ हो गया। युद्ध पहले भी होते थे और आज भी हो रहे हैं। यह सत्य है कि समय-समय पर कारक परिवर्तित होते रहे हैं। आदिकाल में जहाँ युद्ध जानवरों अथवा जमीन के लिए लड़े जाते थे वहीं आज के युग में युद्ध के तीन प्रमुख कारक पैसा, स्त्री एवं...
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January 9, 2018 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
ऊर्जा संरक्षण Urja Sanrakshan आधुनिक युग विज्ञान का युग है। मनुष्य विकास के पथ पर बड़ी तेजी से अग्रसर है। उतने समय के साथ स्वंय के लिए सुख के सभी साधन एकत्र कर लिए हैं। इतना होने के बाद और अधिक पा लेने की अभिलाषा में कोई कमी नहीं आई है बल्कि पहले से कही अधिक बढ़ गई है। समय के साथ उसकी असंतोष की पृवत्ति बढ़ती जा रही है।...
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January 9, 2018 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
भारत-अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेला Bharat Antar-Rashtriya Vyapar Mela विभिन्न स्थानों पर समय-समय पर अनेक मेलों अथवा प्रदर्शनियांें का आयोजन सरकार अथवा अन्य व्यापारिक संस्थानों द्वारा किया जाता है। देश की राजधानी में प्रतिवर्ष प्रगति मैदान में नवंबर माह में आयोजित व्यापार मेंला अत्यंत महत्वपूर्ण होता जा रहा है। यह देश में ही नहीं अपितु विदेशों में भी प्रसिद्धि पा रहा है जिसके कारण देश-विदेश के कोने-कोने में लोग इस आयोंजन...
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January 9, 2018 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
सिनेमा या चलचित्र Cinema or Chalchitra मनुष्य जैसे-जैसे विकास की राह पर आगे बढ़ता गया, उसने समय के साथ स्वयं की प्रत्येक आवश्यकता को पूरा करने का प्रयास किया। उसे आवागमन में कठिनाई महसूस हुई तो उसने यातायात के साधन विकसित किए। ज्ञान की खोज और उसे संचित करने की आवश्यकता का अनुभव किया तो छपाई की कला का प्रारंभ हुआ। इसी प्रकार बह्मांड के रहस्यों को जानना चाहा तो...
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January 9, 2018 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
छुट्टियों का सदुपयोग Chutiyon ka Sadupyog किसी ने सत्य ही कहा है कि श्परिवर्तन में ही वास्तविक आनंद होता है।श् मनुष्य जब एक ही कार्य को लगातार करता रहता है तो कुछ समय बाद उसकी ऊर्जा का ह्रास होना प्रारंभ हो जाता हैं। कार्य की एकरसता के कारण उसके जीवन में नीरसता घर कर लेती है। इन स्थितियिों में छुट्टी का दिन उसके लिए बहुत महत्वपूर्ण हो जाता है क्योंकि इससे...
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January 9, 2018 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), Languages1 Comment
भाग्य और पुरूषार्थ Bhagya aur Purusharth Best 4 Essay on ” Bhagya aur Purusharth” निबंध नंबर: 01 आधुनिक युग प्रतिस्पर्धा का युग है। विज्ञान अथवा तकनीकी क्षेत्र में मनुष्य की अभूतपूर्व सफलताओं ने उसकी इच्छाओं व आकांक्षाओं को पंख प्रदान कर दिए हैं। परंतु बहुत कम ही लोग ऐसे होते हैं जिन्हें जीवन में वांछित वस्तुएँ प्राप्त होती हैं अथवा अपने जीवन से संतुष्ट होते हैं। हममें से प्रायः अधिकंाश...
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January 9, 2018 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment