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Archive by category "Hindi (Sr. Secondary)" (Page 231)
लोकतंत्र का महत्त्व Loktantra Ka Mahatva विश्व में अनेक शासन प्रणालियाँ हैं। उनमें लोकतंत्र सर्वश्रेष्ठ शासन-प्रणाली मानी जाती है। अब्राहम लिंकन ने लोकतंत्र या प्रजातंत्र की परिभाषा इस प्रकार दी है- ‘‘लोकतंत्र जनता के लिए, जनता द्वारा जनता का शासन हैं।’’ जाॅर्ज बर्नार्ड शाॅ के शब्दों में- ‘‘प्रजातंत्र एक सामाजिक व्यवस्था है, जिसका लक्ष्य सभी लोगों का यथासंभव अधिक से अधिक कल्याण करना है।’’ लोकतंत्रात्मक शासन-पद्धति में जनता...
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June 21, 2018 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
समाचार -पत्र और उनकी उपयोगिता Samachar Patra aur Unki Upyogita मनुष्य के हृदय में कौतूहल और जिज्ञासा दो ऐसी वृत्तियाँ हैं, जिनसे प्रेरित होकर वह संसार की नित्य नवीन घटने वाली घटनाओं से परिचित होना चाहता है। वह जानना चाहता है कि आज अपने देश में ही नहीं, अपितु विश्व के कोने-कोने में क्या हो रहा है। व्यापारी व्यापार के विषय में नए-नए भावों को, समाजशास्त्री समाज की नई व्यवस्थाओं को,...
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June 21, 2018 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
महानगरीय जीवन Mahanagriya Jeevan निबंध # 01 वर्तमान समय में भारत के अनेक प्रमुख नगर महानगरों में परिवर्तित होते जा रहे हैं। एक नई महानगरीय सभ्यता पनपती जा रही है। महानगरों का जीवन जहाँ एक ओर आकर्षित करता है, वहीं वह अभिशाप से कम नहीं है। आधुमिकता की चमक-कदम इन महानगरों में दृष्गिोचर होती है। यह आकर्षक समान्य नगर-कस्बे एवं गाँवों के लोगों को महानगर की ओर खींचता है, पर...
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June 21, 2018 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
आज की नारी Aaj ki Naari नरी क्या नही कर सकती अर्थात् सब कुछ कर सकती हैं नारी ने सभी क्षेत्रों में सफलता के झंडे़ गाडे़ है। आधुनिक काल में नारी समाजिक व्यवस्था में स्थान रखती है। पुरूषों की भांति ही वह उच्च शिक्षा ग्रहण करती है, सभी प्रकार की ट्रेनिग लेती है और घर की सीमाओं से बाहर निकलकर स्कूल, काॅलेजों, कार्यालयों, अस्पतालों आदि में अपनी कार्यक्षमतानुसार स्थान...
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June 21, 2018 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
फैंशन के नित नए रूप Fashion ke Nit Naye Roop परिवर्तित समय के अनुरूप स्वयं को ढालना ही फैशन है। वैसे फैशन शब्द का प्रयोग वेशभूषा के रूप में लिखा जाता है। वेशभूषा में नित नए रूप देखने को मिलते हैं। एक ही प्रकार के कपड़े ज्यादा देर तक प्रचलन में नहीं रहते। इससे हम ऊब जाते हैं। फैशन के कारण ही तरोताजा बने रहते हैं। फैशन को सदा गलत अर्थों...
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June 21, 2018 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
आतंकवाद की समस्या और समाधान Aatankvad ki Samasya aur Samadhan आज विश्व का आतंकवाद की समस्या से जूझ रहा है। आतंकवाद का सबसे क्रूर सितम्बर 2001 में अमेरिका पर हुआ जिसने सारे विश्व को हिलाकर रख दिया। इसकी परिणति अफगानिस्तान के साथ युद्ध से हुई। इस घटना के लिए ओसामा बिन लादेन को जिम्मेदार ठहराया गया, जिसके षड्यंत्र के फलस्वरूप अमेरिका के प्रसिद्ध ’ट्विन टावर’ ध्वस्त हो गए और हजारों...
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June 21, 2018 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
खेलों में पिछड़े होने का कारण Khelo me Pichde hone ka Karan ओलंपिक खेलोें की तालिका में भारत का पदक-तालिका मंे स्थान बहुत नीचे होता है। इस बार अभिनव बिंद्रा ने शूटिंग में एक स्वर्णपदक जीतकर भारत की लाच बचा ली। एक रजत और एक कांस्य पदक लेकर ही भारत को संतोष करना पड़ा। भारत जैस विशाल देश को इतने कम पदक ? अनेक छोटे-छोटे देश कई पदक बटोरने में...
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June 21, 2018 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
महँगाई की समस्या Mahangai ki Samasya महँगाई की समस्या आज विकट हो गयी है। कुछ धनाढ्यों को छोड़कर समाज का प्रत्येक वर्ग इससे प्रभावित है। जीवन की प्राथमिक आवश्यकताओं की पूर्ति में ही सबकी शक्तियाँ चुकी जा रही हैं। जब जीवन की प्राथमिक आवश्यकताओं को पूरा करने में ही व्यक्ति का ध्यान केन्द्रित हो, तो वह जीवन के अन्य कलात्मक, सांस्कृतिक, वैज्ञानिक, बौद्धिक, सौंदर्यबोध आदि ऐसे विविध पक्षों का कैसे...
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June 21, 2018 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment