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Archive by category "Hindi (Sr. Secondary)" (Page 106)
बीती ताहि बिसार दे Biti Tahi Bisar De बच्चन जी की कविता की एक पंक्ति में सुखमय जीवन का मंत्र निहित है-‘अंधेरी रात है पर दीवा जलाना कब मना है?’ जीवन में कितनी भी निराशाजनक स्थितियों से क्यों न गुजरना पड़े उन्हें भूलकर आगे बढ़ना ही श्रेयस्कर है। जिस प्रकार ठहरा हुआ जल विषाक्त हो जाता है उसी प्रकार अतीत के दुखद क्षणों में डूबे रहने से जीवन नरकतुल्य बन जाता...
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October 31, 2020 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
जो तोको काँटा बुवै, ताहि बोव तू फूल Jo Toko Kanta Buve, Tahi Bove Tu Phool प्रत्येक व्यक्ति चाहता है कि उसका जीवन फल-सा सुंदर हो, उसमें आनंद की महक हो। वह नहीं चाहता कि जीवन इतना कष्टों और दुखों से भर जाए कि काँटों की सेज प्रतीत होने लगे। ऐसा जीवन तभी संभव है, जब हम अपने हृदय से घृणा, द्वेष, ईर्ष्या जैसे अवगुण त्यागकर: क्षमा सहनशीलता और परोपकार जैसे...
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October 31, 2020 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
अब पछताए होत क्या, जब चिड़ियाँ चुग गईं खेत ‘मैं समय हूँ, देख मुझको, लौट कर न आऊँगा। कद्र कर मेरी हे मानव! सर्वस्व तुझे दे जाऊँगा।‘ कवि की इन पंक्तियों में ऐसा सत्य निहित है कि व्यक्ति चाहे तो समय का सदुपयोग कर सर्वस्व प्राप्त कर सकता है और उसका दरुपयोग कर जो है, उसे भी खो सकता है। समय की धारा बस आगे ही आगे ही आगे बहती...
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October 31, 2020 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
प्राकृतिक आपदा: कारण और निवारण Prakritk Aapada-Karan aur Nivaran प्राकृतिक आपदा के प्रकार–प्राकृतिक आपदा का अर्थ है-प्रकृति की ओर से आए संकट। यह धरती, जिसे मनुष्य अपनी भाषा में आपदा या संकट कहता है, वास्तव में धरती की व्यवस्था है। पहाड़ों का टूटना, समुद्र का अनियंत्रित होना, तूफान आना, बाढ़ें आना, भूकंप आना-ये प्रकृति की अंगड़ाइयाँ हैं। निरंतर घूमती हुई पृथ्वी जब भी करवट लेती है तो बड़े-बड़े भूकंप आते हैं...
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October 18, 2020 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
उत्तराखंड में जलप्रलय Uttarakhand me Jalpralay उत्तराखंड में जलप्रलय–16 जून, 2013 रात लगभग 8 बजे का समय था। केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री के तीर्थयात्री अपने-अपने परिवारों के साथ हमेशा की तरह उत्साह और खुशी से चारों धामों की यात्रा में मग्न थे। अचानक बारिश शुरू हुई। कहीं बादल फटे। सवा आठ बजे पहाड़ टूट-टूट कर मानो धरती पर लुढ़कने की होड़ करने लगे। चारों ओर से पत्थर, चट्टानें और गाद-भरा...
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October 18, 2020 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
वन और हमारा पर्यावरण Van aur Hamara Paryavaran वन और पर्यावरण–वन और पर्यावरण का गहरा संबंध है। ये सचमुच जीवनदायक हैं। ये वर्षा लाने में सहायक होते हैं और धरती की उपजाऊ-शक्ति को बढ़ाते हैं। वन ही वर्षा के धारासार जल को अपने भीतर सोखकर बाढ़ का खतरा रोकते हैं। यही रुका हुआ जल धीरे-धीरे सारे पर्यावरण में पुनः चला जाता है। वनों की कृपा से ही भूमि का कटाव रुकता...
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October 18, 2020 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
रेल के अनारक्षित डिब्बे में यात्रा Rail ke Anarakshit Dibbe me Yatra यात्रा का प्रयोजन–मुझे अपने मित्र के विवाह में दिल्ली से भोपाल जाना था। विवाह अचानक तय हुआ। अतः निमंत्रण भी अचानक मिला। मित्र बहुत ही प्रिय था। इसलिए विवाह पर जाना निश्चित हो गया। मैंने बहुत कोशिशु की कि रेलगाड़ी में टिकट आरक्षित हो जाए। परंतु टिकट मेरी किस्मत में नहीं थी। ‘तत्काल’ में भी टिकट नहीं मिल पाई।...
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October 18, 2020 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
मोबाइल फोन संपत्ति और विपत्ति Mobile Phone Sampatti aur Vipatti मोबाइल फोन–एक सुविधा या संपत्ति-मोबाइल फोन मनुष्य के हाथों में खेलने वाला चौबीसों घंटों का नौकर है। आज इसका उपयोग बहुत सस्ता हो गया है। केवल कुछ रुपयों में देश-विदेश में बातें हो सकती हैं। संदेश भेजना तो लगभग मफ्त है। कोई व्यक्ति एक-साथ सैकड़ों लोगों को कुछ ही मिनटों में संदेश भेज सकता है, वह भी बहुत कम मूल्य पर।...
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October 18, 2020 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment