Home »
Articles posted by evirtualguru_ajaygour (Page 2)
क्या छात्रों को राजनीति में हिस्सा लेना चाहिए? Kya Chatra ko Rajniti me hissa lena chahiye? राजनीति को दुर्जनों का अन्तिम आश्रय कहा जाता है। वह व्यक्ति जिसे सभ्य समाज ने अस्वीकार कर दिया हो या वह जो अपने आप को समाज के मानदण्डों और मूल्यों के अनुकूल नहीं बना सका हो प्रायः राजनीति में हिस्सा लेता है। अधिकतर राजनीतिज्ञ, आत्मकेन्द्रित, चरित्रहीन और तुच्छ होते हैं। आज समाज में व्याप्त बहुत-सी...
Continue reading »
May 13, 2024 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
गंगा नदी Ganga Nadi भारत की सभी नदियों में गंगा सबसे अधिक महत्त्वपूर्ण है। यह लगभग 2500 किमी लम्बी है। हिन्दुओं की ऐसी धारणा है कि यह भागीरथी द्वारा स्वर्ग से धरती पर उतारी गई थी इसलिए वे इसका काफी आदर करते हैं। यह गंगोत्री से निकलती है। हिमालय से गुजर कर यह हरिद्वार के मैदानी इलाकों में प्रवेश करती है। इलाहाबाद में इसमें यमुना नदी भी मिल जाती है। यहाँ...
Continue reading »
May 13, 2024 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
मेरे जीवन का सबसे दुःखद दिन Mere Jeevan ka Sabse Dukhad Din जिन्दगी विभिन्न घटनाओं और परिणामों के योग के अतिरिक्त और कुछ नहीं है। इनमें से कुछ घटनाएँ और परिणाम हमें प्रसन्नता और सन्तोष प्रदान करती हैं। हम उन्हें अपनी स्मृति में संजोये रखना चाहते हैं, जबकि कुछ ऐसी होती हैं जो उदासी और निराशा लाती हैं। हर व्यक्ति ऐसी घटनाओं को भूल जाना चाहता है। किसी दिन का महत्त्वपूर्ण...
Continue reading »
May 13, 2024 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
रेलगाड़ी से यात्रा Railgadi Se Yatra रेलगाड़ी की यात्रा एक बहुत ही लाभदायक अनुभव है। इसमें हम विभिन्न प्रकार के लोगों से मिलते हैं। यात्रियों के लिए जातियाँ अर्थहीन हो जाती हैं। वे एक दूसरे के प्रति सहानुभूतिशील हो जाते हैं। रेलगाड़ी की यात्रा हमारे दृष्टिकोण को बढ़ाती है। इससे एकता और एक होने की भावना पैदा होती है। मुझे भी एक रेल यात्रा करने का अनुभव प्राप्त हुआ था। मुझे...
Continue reading »
May 13, 2024 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
शैक्षिक भ्रमण Shekshik Bhraman यात्राएँ शिक्षा के साधन के रूप में सभ्यता जितनी ही पुरानी हैं। हम यह अक्सर पढ़ते हैं कि विदेशी पर्यटक भारत के पुरातन स्थानों पर अध्ययन के लिए आ रहे हैं। यूरोप के मध्यकाल के विद्वान अपनी शिक्षा की प्यास बुझाने के लिए यूनान और इटली की यात्रा किया करते थे। विश्व के अधिकांश धर्म अपनी प्रगति का श्रेय मिशनरी यात्रियों को देते हैं। शैक्षिक भ्रमण का...
Continue reading »
May 13, 2024 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
उपन्यास में मेरा प्रिय चरित्र Upanyas mein mera charitra कल्पना या उपन्यास जिन्दगी का प्रतिबिम्ब होता है। कल्पना के चरित्र वास्तव में काल्पनिक होते हैं, हालांकि वे निश्चित रूप से समाज में हम जो जिन्दगी जी रहे हैं उसका प्रतिनिधित्व करते हैं। यही वे कारण हैं जो हममें कुछ काल्पनिक चरित्रों के प्रति आकर्षण पैदा करते हैं। मेरा प्रिय चरित्र डिकेन्स के उपन्यास डेविड कापरफिल्ड का नायक डेविड है। उपन्यासकार के...
Continue reading »
May 13, 2024 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
भारत-पर्यटकों का स्वर्ग Bhrat Paryatakon ka Swarg इसमें कोई सन्देह नहीं है कि भारत पर्यटकों का स्वर्ग है। दुनिया में कुछ देश ऐसे भी हैं, जिनके पास गौरवान्वित करने वाली कोई चीज नहीं है। वहाँ कोई ऐतिहासिक इमारत, मन्दिर, कला या वास्तुकला सम्बन्धी, कोई खूबसूरत प्राकृतिक दृश्य या जगह नहीं है। कुछ देशों में एक-दो ऐसी या दूसरी चीजें हैं। किन्तु भारत इन चीजों के मामले में धनी है। यह वास्तव...
Continue reading »
May 13, 2024 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
चरित्र निर्माण में खेल-कूद की भूमिका Charitra Nirman main Khel-Kood ki Bhumika वाटरलू के मैदान में नेपोलियन को पराजित करने के बाद वेलिंगटन के ड्यूक अपने पुराने विद्यालय को देखने एटन गए और उन्होंने छात्रों को सम्बोधित करते हुए कहा “वाटरलू के युद्ध को एटन के खेल के मैदान में जीता गया।” इसके द्वारा वे कहना चाहते थे कि अनुशासन का ज्ञान और साहचर्य की मनोवृत्ति, जो उन्होंने इस खेल के...
Continue reading »
May 13, 2024 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
Page 2 of 1460« Prev
1
2
3
4
5
…
1,460
Next »