Mere Jeevan Ka Lakshya “मेरे जीवन का लक्ष्य” Hindi Essay 700 Words for Class 10, 12.
मेरे जीवन का लक्ष्य
Mere Jeevan Ka Lakshya
व्यक्ति के लिए आदर्श जीवन का एक लक्ष्य होना चाहिए क्योंकि, बिना किसी लक्ष्य के जीवन वैसा ही है जैसा बिना पतवार के जहाज; और किसी लक्ष्य का चुनाव करना भी एक कठिन कार्य है। अलग-अलग व्यक्तियों की, उन रुचियों और इच्छाओं के अनुसार, भिन्न-भिन्न महत्त्वाकांक्षाएँ होती हैं क्योंकि कोई भी कार्य अच्छा या बुरा नहीं होता, केवल निजी धारणाएं ही उन्हें ऐसा बना देती हैं। हर विचारशील व्यक्ति में महत्त्वाकांक्षा होती है।
मेरे जीवन का सबसे बड़ा लक्ष्य है देश की सेवा करना। जबकि मैं जानता हूँ कि वर्तमान समय में राष्ट्र सेवा जैसा पवित्र कार्य काफी जटिल हो गया है। मैं यह भी जानता हूँ कि अपने देश की सेवा करने के कई तरीके हैं। यह कह देना भर ही पर्याप्त नहीं है कि मेरे जीवन का सबसे बड़ा लक्ष्य देश-सेवा है। मैं किस प्रकार से सेवा करना चाहता हूँ, इसके सम्बन्ध में मेरे सामने स्पष्ट धारणा होनी चाहिए। यह भी जानता हूँ कि देश-सेवा के लिए सबसे पहली शर्त आदर्श नागरिक बनना है। मैं चाहे अध्यापक बनना चाहूँ या इंजीनियर अथवा डाक्टर या व्यापारी या राजनैतिक क्षेत्र में जाऊँ, परन्तु, जो कुछ भी बनूँ, मैं तब तक अपने देश के लिए उपयोगी नहीं बन सकूँगा जब तक कि मैं अपने अधिकारों और कर्त्तव्यों को अच्छी प्रकार से समझ नहीं लेता।
इसलिए, अपने जीवन के लक्ष्य की प्राप्ति के लिए मेरा पहला कदम यह होगा कि मैं अपने आपको एक आदर्श नागरिक बनाऊँ। मैं कभी भी भ्रष्ट नहीं बनूँगा और न ही अन्य लोगों द्वारा किए गए भ्रष्टाचार को सहन करूंगा क्योंकि इससे राष्ट्रीय विकास में विभिन्न प्रकार के अवरोध आएँगे। मैं सदा दूसरों के साथ उचित तथा निष्कपटतापूर्ण व्यवहार करूँगा। सभी कार्यों में मैं पहले समाज के सामान्य हित को देखूँगा। जहाँ कहीं भी मेरे व्यक्तिगत स्वार्थ और सामाजिक हितों के बीच टकराव होगा, वहाँ मैं अपने स्वार्थ की पूर्ति पर जोर नहीं दूँगा। यदि मैं इस आदर्श को अपना सका तो इसका अन्य सभी पर स्वस्थ प्रभाव पड़ेगा। मैं तब तक अन्य लोगों में सुधार नहीं कर सकता जब तक कि हमारे विचार व कार्य अच्छे नहीं होगें। जहाँ तक महान राष्ट्र नेताओं की बात है तो उन्होंने सामाजिक और राजनीतिक कार्यों को हाथ में लेकर और अपना सारा जीवन इन पर लगा कर अपने देश की सेवा की। ऐसा करना हर व्यक्ति के लिए तो सम्भव नहीं है। मैं एक डाक्टर बनकर और अपने व्यवसाय को निष्ठापूर्वक अपनाकर अपने देश की सेवा करना चाहूँगा। डाक्टर के रूप में मैं अपनी सारी शक्ति अपने देशवासियों की सहायता करने में लगा दूंगा। मेरा उद्देश्य धन बटोरना नहीं अपितु, रोगियों को सुविधाएँ प्रदान कराना होगा। मैं अपनी आय को सामाजिक कार्य को करने के लिए एक साधन के रूप में मानूँगा ।
मैं एक अन्य प्रकार से भी अपने देश की सेवा करूँगा। अपने व्यवसाय के अलावा मैं सदा सभी अच्छे कार्यों को अपना कल्याणकारी समर्थन दूँगा। मैं अपने देशवासियों की गरीबी और अज्ञान को दूर करने का हर संभव प्रयास करूँगा। यदि मुझमें सामर्थ्य हुआ तो मैं ऐसे कार्य करने वाले संगठनों को वित्तीय सहायता भी दूँगा। मैं ऐसे क्रियाकलापों के लिए अपना कुछ समय निकालने का प्रयास अवश्य करूँगा ।
मैं जानता हूँ कि मेरे द्वारा देश-सेवा करना संगठन के अभाव में सम्भव नहीं होगा। कोई भी व्यक्ति चाहे कितना भी बड़ा क्यों न हो, अकेले ही अपने देश की सेवा नहीं कर सकता। आज की दुनिया में केवल संयुक्त प्रयासों द्वारा ही महान् परिवर्तन लाये जा सकते हैं। इसलिए मैं देश के राजनैतिक घटनाक्रम में गहरी रुचि लूँगा। मैं राजनैतिक दलों के कार्यक्रमों का गहन अध्ययन करूँगा और देखूँगा कि इनमें से कौन-सा दल वास्तव में हमारे देश के कल्याण के लिए कार्य कर सकता है। अब तक मैं यह फैसला नहीं कर पाया कि कौन-सा दल राष्ट्र का हितैषी है, परन्तु मैं अच्छी प्रकार सोच-विचार करके इसका चुनाव करूँगा और उस दल को यथासम्भव अपना पूर्ण सहयोग दूँगा।
मेरे जीवन का लक्ष्य ऐसा नहीं है जिसे मेरे जैसे साधारण व्यक्ति के द्वारा आसानी से प्राप्त न किया जा सके। मैं जानता हूँ कि मैं इस लक्ष्य के अनुरूप अपने जीवन को ढाल सकता हूँ। यदि हमारे देश के हर व्यक्ति में इसी प्रकार की आकांक्षा हो तो बहुत थोड़े समय में ही हमारा देश तेजी से प्रगति कर सकेगा। अतः, यदि मैं अन्य लोगों को भी इसी प्रकार से अपने जीवन को ढालने के लिए प्रेरित कर सका तो मैं अपने जीवन के लक्ष्य को प्राप्त करने में पूरी तरह से सफल हो जाऊँगा। वे सभी लोग जो मेरे सम्पर्क में आयेंगे उन्हें मेरे जीवन से प्रेरणा मिलेगी। केवल यही सबसे अच्छा उपाय है जिससे हम अपने देश की सेवा कर सकते हैं।