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Sajjanta ki Pehchan, “सज्जनता की पहचान” Hindi motivational moral story of “Swami Vivekananda” for students of Class 8, 9, 10, 12.

सज्जनता की पहचान

Sajjanta ki Pehchan

गेरूए वस्त्र, सिर पर पगड़ी, कन्धों पर चादर डाले स्वामी विवेकानन्द शिकागों की सड़कों से गुजर रहे थे। उनकी यह वेषे-भूषा अमेरिका निवासियों के लिए एक कौतूहल की वस्तु थी। पीछे-पीछे चलने वाली एक महिला ने अपने साथ के पुरुष से कहा- “जरा इन महाशय को तो देखो, कैसी अनोखी पौशाक है ?”

स्वामी जी को समझते देर न लगी कि ये अमेरिका निवासी उनकी वेष-भूषा को हेय नज़रों से देख रहे हैं। वे रुके और अपने पीछे आने वाली महिला को सम्बोधित कर बोले-“बहन, मेरे इन कपड़ों को देखकर आश्चर्य मत करो। तुम्हारे इस देश में कपड़े ही सज्जनता की कसौटी हैं, पर जिस देश से मैं आया हूँ, वहाँ सज्जनता की पहचान मनुष्य के कपड़ों से नहीं, उसके चरित्र से होती हे।“

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