Home » Languages » Hindi (Sr. Secondary) » Murakh aur Gadha, “मूर्ख और गधा” Hindi motivational moral story of “Ishwar Chandra Vidyasagar” for students of Class 8, 9, 10, 12.
Murakh aur Gadha, “मूर्ख और गधा” Hindi motivational moral story of “Ishwar Chandra Vidyasagar” for students of Class 8, 9, 10, 12.
मूर्ख और गधा
Murakh aur Gadha
ईश्वरचन्द्र विद्यासागर बंगाल के विख्यात विद्वान थे। बड़ी सादगी से अपना जीवन व्यतीत करते थे। एक बार उन्हें कहीं जाना था। रेलगाड़ी के एक डिब्बे में चढ़े। वहाँ देखा, एक सीट पर दो अंग्रेज बैठे थे, जिनके बीच में एक आदमी के बैठने की जगह खाली है। वे वहीं बैठ गये।
अंग्रेजों को एक काले आदमी के साहस पर आश्चर्य हुआ और क्रोध भी आया। एक ने गुर्राते हुए अंग्रेजी में कहा-‘मूर्ख !’ दूसरा भी उसी भांति अंग्रेजी में बोला-‘गधा!’
विद्यासागर जी ने बारी-बारी से दोनों की ओर देखकर शान्त स्वर में कहा-‘हां, मैं उन दोनों के बीच बैठा हूँ।