Hindi Essay, Paragraph on “पुस्तकें ज्ञान का साधन”, “Pustake Gyan ka Sadhan” 200 words Complete Essay for Students of Class 9, 10 and 12 Exam.
पुस्तकें ज्ञान का साधन
Pustake Gyan ka Sadhan
ज्ञान का साधन
सुख का साधन
पुस्तकों के लाभ
मानव-जाति ने जो कुछ किया, सोचा और पाया है, वह पुस्तकों के जादू भरे पृष्ठों में सुरक्षित है। मानव-सभ्यता तथा संस्कृति के विकास का समूचा श्रेय पुस्तकों को जाता है। पुस्तकों में निहित विचारों पर किसी एक व्यक्ति, जाति अथवा राष्ट का अधिकार नहीं होता, उन पर मानव मात्र का अधिकार होता है। पुस्तकों में निहित विचारों को पढकर मनुष्य का जानवर्धन होता है। उसकी सोचने-समझने की शक्ति पैनी होती है, उसका दृष्टिकोण उदार तथा व्यक्तित्व संतुलित हो जाता है। सद्ग्रंथों के संबंध में लोकमान्य तिलक ने कहा था-‘ मैं नरक में भी सद्ग्रंथों का स्वागत करूंगा क्योंकि इनमें वह शक्ति है कि जहाँ ये होंगे वहाँ आप ही स्वर्ग बन जाएगा।’ सद्ग्रंथों के अध्ययन से मनुष्य का अंत:करण उज्ज्वल हो जाता है। पुस्तकों में निहित विचार संपूर्ण समाज की काया पलटने की शक्ति रखते हैं। पुस्तकें ही एकमात्र ऐसी संपत्ति है जिनको आने वाली संतति नष्ट नहीं कर सकती। श्रेष्ठ पुस्तकें मनुष्य, समाज तथा राष्ट्र का मार्गदर्शन करती हैं। वे ही मनुष्य की सदवृत्तियों को जागृत करता है तथा उनके मन-मस्तिष्क पर स्थायी भाव उत्पन्न कर उसे देवत्व की ओर अग्रसर करती हैं।