Hindi Essay on “Himpat ka Drishya “, “हिमपात का दृश्य” Complete Paragraph, Nibandh for Students
हिमपात का दृश्य
Himpat ka Drishya
संकेत बिंदु –हिमपात का दृश्य –हिमपात का सौंदर्य –हिमराशि की श्वेतिमा
हिमपात का दृश्य बड़ा मोहक होता है। आकाश का तापमान शून्य से नीचे जाने पर ही पहाड़ों पर बर्फ पड़ती है। निम्न तापमान छोटे-छोटे नरम ओले के रूप में गिरती है। ठंडक बढ़ने पर हिम रुई जैसे फाहों के रूप में गिरती है। हल्की हवा में ये माती पर तिरछे गिरते हैं। चाँदनी रात की हिमवृष्टि का दृश्य अदभत होता है। बर्फ सौंदर्यपूर्ण है, परंतु उसका आनंद सब ले सकते। लोगों में इसका सौंदर्य देखने की इच्छा नहीं होती। हिम दर्शन साधारण आदमी के बस की बात नहीं है। इसके लिए ओवर कोट, मोटा गर्म स्वैटर, चमड़े की जर्सी या फतुई, मोटा ऊनी मोजा, फूल बूट, चमड़े या ऊन की टोपी तथा हाथों चमडे के दस्ताने चाहिए। हिमराशि की श्वेतिमा देखने में मोहक होती है। एक-दो दिन तक तो बर्फ बहुत नरम होती है। हिलते उसमें धंस सकते हैं। हाँ, धंसने से न कपड़े भीगते हैं और न गंदे होते हैं। अपरिचित स्थानों पर गहरे गड्ढे हो सकते हैं। यूरोप में गड़ों का खतरा नहीं होता वहाँ मैदानी इलाके हैं। हमारे यहाँ सर्दी के कारण ऊबड़-खाबड़ जमीन में चलने को मन नहीं करता। घर में ही आग सेंकने की इच्छा होती है।