Hindi Essay on “Paryavarniya Pradushan”, “पर्यावरणीय प्रदूषण” Complete Paragraph, Nibandh for Students
पर्यावरणीय प्रदूषण
Paryavarniya Pradushan
संकेत बिंदु –प्रदूषण का अर्थ –इसके कारण –प्रदूषण के विविध रूप –रोकथाम के उपाय
प्रदूषण का अर्थ है-जल, वायु और भूमि को गंदा करने वाली अवांछित गंदगी और कूड़ा-कचरा। पर्यावरण में छोड़ा गया पदार्थ जो किसी भी जीव को हानि पहुँचाने की क्षमता रखता है, प्रदूषक कहलाता है। प्रदूषण का सीधा संबंध मनुष्य के उन क्रिया-कलापों से है जो प्रकृति को ध्यान में रखे बिना ही पूरे किए जाते हैं। भूमि पर ठोस कूड़ा-कचरा फेंकने से गंभीर पर्यावरणीय समस्या उत्पन्न हो जाती है। प्लास्टिक जैव प्रक्रियाओं से नष्ट नहीं होता। रसायन भूमि प्रदूषण का गंभीर पक्ष हैं। ये स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव डालते हैं। नदियों, झीलों
और समुद्रों में बहाए गए अनुपचारित मानव और औद्योगिक अपशिष्ट जल को प्रदूषित करते हैं। इससे जल में आवसीजन की कमी हो जाती है। इसके परिणामस्वरूप मछलियाँ और अन्य जीव मर सकते हैं। वायु प्रदूषण मुख्य रूप से जीवाश्म ईंधनों के जलाने तथा मोटर वाहनों से निकले धुएँ से होता है। इससे वायुमंडल की ओजोन परत तेजी से खत्म हो रही है। किसी भी प्रकार के प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए लोगों की सक्रिय भागीदारी आवश्यक है। पर्यावरण को प्रदूषण से बचाने के लिए अधिक से अधिक संख्या में वृक्ष लगाए जाने चाहिए। जल की गुणवत्ता को भी बनाए रखना जरूरी है। ध्वनि प्रदूषण पर भी नियत्रण किया जाना आवश्यक है।