Hindi Essay on “Delhi Metro-Meri Metro”, “दिल्ली मेट्रो: मेरी मेट्रो” Complete Nibandh for Students
दिल्ली मेट्रो: मेरी मेट्रो
Delhi Metro-Meri Metro
संकेत बिंदु –प्रारंभ –विभिन्न रूट –आरामदायक –विकास की संभावनाएँ
दिल्ली मेट्रो का प्रारंभ 25 दिसंबर, 2002 को हुआ। तब केवल एक रूट सीलमपुर से तीस हजारी तक का शुरू किया गया था। आज दिल्ली में मेट्रो का जाल बिछ गया है। तीस हजारी से रिठाला, कश्मीरी गेट से दिल्ली विश्वविद्यालय, द्वारका से कनॉट प्लेस (राजीव चौक) तथा चाँदनी चौक तक के कई रूटों पर मेटो टेन कशलतापूर्वक संचालित हो रही है। सन् 2012 तक अन्य कई नए रूट भी शुरू हो जाएंगे। मेट्रो ट्रेन ने दिल्ली परिवहन व्यवस्था में क्रांतिकारी परिवर्तन ला दिया है। इससे दिल्ली विश्व स्तर का शहर बनने की ओर अग्रसर है। मेट्रो ट्रेन वातानुकूलित होने के कारण अत्यंत आरामदेह है। इसमें यात्रा करना सुरक्षित एवं आरामदायक है। इससे समय की बचत भी होती है। मेट्रो ट्रेन जमीन पर भी चलती है, जमीन के नीचे भी चलती है और खंभों पर भी चलती है। यह विश्व स्तर की सेवा है। इन ट्रेनों में ऑटोमैटिक ट्रेन प्रोटेक्शन सिस्टम लगाया गया है। इसी सिस्टम के कारण यह संभव हो सका है कि मेटो ट्रेन को हर दो मिनट के बाद चलाया जा सके। इस सिस्टम से ट्रेन को चलाने के लिए ड्राइवर की भी जरूरत नहीं होती। इन ट्रेनों के लिए कंप्यूटरीकृत कंट्रोल सेंटर भी बनाया गया है। यह सेंटर अत्याधुनिक सिस्टम से लैस है। कुछ ही समय में मेट्रो ट्रेन एन.सी.आर. को जोड़ने वाली है। इसके विकास की अपार संभावनाएं हैं।