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Hindi Essay on “Jansanchar Madhyam”, “जनसंचार माध्यम” Complete Paragraph, Nibandh for Students

जनसंचार माध्यम

Jansanchar Madhyam

 

संकेत बिंदु-संचार का अर्थजनसंचार का स्वरूपजनसंचार के कार्यजनसंचार के विविध उपकरण

संचार दो या दो से अधिक व्यक्तियों के बीच सूचना, विचारों और भावनाओं का आदान-प्रदान है। संचार के कई प्रकार हैं जिनमें मौखिक और अमौखिक संचार के अलावा अंत: वैयक्तिक, अंतरवैयक्तिक, समूह संचार और जनसंचार प्रमुख हैं। जनसंचार सूचना, शिक्षा और मनोरंजन के अलावा एजेंडा तय करने का काम भी करता है। जनसंचार माध्यमों का लोगों पर सकारात्मक के साथ-साथ नकारात्मक प्रभाव भी पड़ता है। ‘संचार’ शब्द की उत्पत्ति ‘चर’ धातु से हुई है, जिसका अर्थ है-चलना या एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुँचना। संचार एक जटिल प्रक्रिया है। संचार प्रक्रिया में प्राप्तकर्ता (रिसीवर) की भी अहम् भूमिका होती है। संचार का सबसे महत्त्वपूर्ण प्रकार है- जनसंचार (मास कम्युनिकेशन)। जब हम व्यक्तियों के समूह के साथ प्रत्यक्ष संवाद की बजाय किसी तकनीकी या यांत्रिक माध्यम के जरिए समाज के एक विशाल वर्ग से संवाद कायम करने की कोशिश करते हैं तो इसे जनसंचार कहते हैं। इसमें संदेश को यांत्रिक माध्यम बहुगुणित किया जाता है ताकि उसे अधिक से अधिक लोगों तक पहुँचाया जा सके। इसके लिए हम अनेक उपकरणों का सहारा लेते है; जैसे-अखबार, रेडियो, टी.वी., सिनेमा या इंटरनेट। जनसंचार की सबसे मजबूत कड़ी पत्र-पत्रिकाएँ या प्रिंट मीडिया है। इसके बाद इलेक्ट्रॉनिक मीडिया की भूमिका आती है। इनमें रेडियो, टेलीविजन और इंटरनेट प्रमुख हैं। इंटरनेट जनसंचार का सबसे सबसे नया तथा तेजी से उभरा लोकप्रिय माध्यम है।

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