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Hindi Essay on “Accha Swasthya Mahavardan”, “अच्छा स्वास्थ्य महावरदान” Complete Hindi Essay, Paragraph, Speech for Class 7, 8, 9, 10, 12 Students.

अच्छा स्वास्थ्य महावरदान

Accha Swasthya Mahavardan

कहते है जीवन में से अगर धन चला जाए तो समझो कुछ भी नहीं गया, परन्तु स्वास्थ्य चला जाए तो सब कुछ चला जाता है इस बात का अर्थ यह है कि जीवन में स्वास्थ्य का महत्त्व बहुत अधिक है ।

जीवन एक दौड़ है, इस दौड़ में वही जीतेगा जो शारीरिक दृष्टि से हृष्ट-पृष्ट होगा । स्वस्थ शरीर में स्वस्थ मन का निवास होता है। जो शारीरिक दृष्टि से कमज़ोर है-वह अपने समाज पर, मां-बाप पर तथा स्वयं अपने लिए भी बोझ है । जो पूर्णतः स्वस्थ है वह अपने साथ-साथ दूसरों का बोझ भी अपने कन्धों पर उठा सकता है। अन्यथा स्थिति बदल जाती है, अस्वस्थ व्यक्ति कोई भी कार्य उचित ढंग से नहीं कर सकेगा।

विद्यार्थियों के लिए तो स्वास्थ्य का और भी अधिक महत्त्व है । उन्हें छोटी आयु में बहुत कुछ सीखना होता है । अनेकों प्रतियोगिताओं में भाग लेकर अपनी योग्यता का प्रदर्शन करना है । विद्यार्थियों को केवल अपने देश के ही नहीं विदेशी विद्यार्थियों के समक्ष भी अपनी योग्यता, दक्षता का प्रदर्शन करना है । यह सब काय निर्बलों द्वारा सम्भव नहीं हो सकता । एक स्वस्थ काया ही यह सब कर सकता है । हमें भारत के भविष्य को उज्जवल करना है । देश का बोझ कमज़ोर कन्धं नहीं उठा सकते । उसके लिए बलशाली भुजाओं की आवश्यकता है । परन्तु आज हमारे सामने स्थिति कुछ और ही है । आज हमारे बालक, विद्यार्थी छोटी आयु में ही दुबले पतले कमज़ोर हो रहे हैं । कुछ तो इतने दुर्बल हैं कि अपने बैग के बोझ से ही दोहरे हो रहे हैं । इसका क्या कारण है ? आज हम अपने जीवन मूल्यों को भूल रहे हैं ।

हमारे पूर्वजों का जीवन बहुत नियमबद्ध था । वह सुबह-सवेरे उठ जाया करते थे, कई प्रकार के बल-वर्द्धक व्यायाम किया करते थे । लम्बी सैर किया करते थे । स्कूटरों, गाड़ियों का प्रयोग करके अपने पैसों का प्रदर्शन नहीं करते थे । परन्तु आज के बच्चे व्यायाम करने में विश्वास नहीं करते भले “हैल्थ-कल्ब” के सदस्य बनकर अपने पैसे का दिखावा करते हैं । हम यह बात क्यों भूल जाते हैं कि व्यायाम शरीर के लिए वरदान है, स्वास्थ्य का एक हिस्सा है । अपने बच्चों को स्वस्थ्य बनाने के लिए हमें उनमें सुबह जागने और व्यायाम के लिए प्रेरित करना चाहिए ।

आज के बच्चों के खाने-पीने की आदतें बहुत बिगड़ चुकी हैं । वह दूध और उससे बनी वस्तुओं के महत्त्व को भूल चुके हैं । भोजन में अन्न का महत्त्व नहीं समझ पाते । हरी सब्जियों,दालों से उन्हें चिढ़ है जो कि हल्के फलके भारतीय खाद्य पदार्थ है । आज के बच्चों पर चाईनीस-फूड, नूडल्स, हॉट-डाग सॉफट डिंक्स का भूत सवार है । यह खाद्य पदार्थ स्वास्थ्य के लिए अभिशाप है।

आज की युवा पीढ़ी कई प्रकार के नशों की शिकार हो चुकी है । धूम्रपान तम्बाक. भोग विलास की वस्तुओं का अधिक से अधिक प्रयोग करके अपना स्वास्थ्य नष्ट कर रहे हैं और अपने पैसे की भी बरबादी कर रहे हैं । यही पैसा यदि वह अच्छे भोजन की व्यवस्था करने में खर्च करें स्वामी बन सकेंगे।

अच्छा स्वास्थ्य भगवान की देन है जिसकी देखभाल है । जिसका स्वास्थ्य ठीक नहीं उससे पूछिए कि स्वास्थ्य की क्या कीमत है ? उसका जीवन नरक से भी बुरा है अच्छे स्वास्थ्य के लिए भोजन को संतुलित बनाना होगा। अपनी दिनचर्या निश्चित करनी होगी भोजन में विटामिन, प्रोटीन, फैटस का ध्यान रखना चाहिए, याद रखें सदा अपनी भूख से थोड़ा कम खाएं। ठूस-ठूस कर खाने से चर्बी बढ़ जाती है, तौंद निकल आती है, वज़न बढ़ जाता है जिससे अनेक बिमारियों का जन्म होता है ।

आलस्य भी सेहत के लिए हानिकारक है। अतः जीवन में स्फूर्ति होनी चाहिए परन्तु भाग दौड़ से बचना चाहिए। दिखावे से बचे। टी. वी. कम देखें, अगर देखें तो कम से कम तीन गज की दरी से देखें इससे आंखों पर कम जार पडेगा । पढ़ते समय कमरे में प्रकाश की व्यवस्था ठीक होनी चाहिए । अपना हर काम स्वयं अपने हाथों से करें, इससे मन आनन्दित होता है जो स्वास्थ के लिए अति उत्तम है । स्वस्थ मन से शरीर में स्वस्थ रक्त प्रवाहित होता है ।

हर स्कूल में बच्चों के डाक्टरी परीक्षण दी व्यवस्था होनी चाहिए जहां महीने में एक बार बच्चों का डाक्टरी परीक्षण हो । बच्चों को स्वास्थ्य के प्रति जागरुक बनाया जाए । उन्हें अपनी शारीरिक सफाई का ध्यान रखना सिखाया जाए तथा आँखें, नाक, कान, दांतों, हाथों पैरों की सफाई रखने का प्रशिक्षण दिया जाए । अच्छा स्वास्थ्य महा वरदान है, इसके लिए रसोई घर साफ स्वच्छ होना चाहिए । खाने की हर वस्तु को ढक कर रखें । किसी भी प्रकार का जीव, जन्तु रसोई में न आने दें । एक स्वस्थ व्यक्ति ही इस सुन्दर संसार में आनन्दमय जीवन जी सकता है । अस्वस्थ व्यक्ति तो चलता-फिरता पुतला है ।

प्रकृति में मनुष्य ही सबसे अधिक बुद्धिमान प्राणी है, वह ही अपने शरीर का तथा स्वास्थ्य का महत्त्व समझता है । प्रकृति ने हमें बहुत कुछ दिया है । उसका सन्तुलित प्रयोग करके हमें स्वयं को इस प्रकृति का एक अंग बनाना है । जीवन मूल्यवान है, स्वास्थ्य उससे भी अधिक मूल्यवान है । ज़रा सा स्वास्थ्य बिगड़ने से जीवन निरर्थक हो जाता है । अतः स्पष्ट है हमारा स्वास्थ्य हमारे लिए महावरदान है।

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commentscomments

  1. Motivation says:

    बहोत अच्छा लिखा है धन्यवाद

  2. Achcha swasthya maha vardan says:

    आपका बहुत बहुत आभार आपका पोस्ट पढ़ के बहुत कुच्छ सीखने को मिला

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