Hindi Essay on “Aadharsh Nagrik”, “आदर्श नागरिक” Complete Essay, Paragraph, Speech for Class 7, 8, 9, 10, 12 Students.
आदर्श नागरिक
Aadharsh Nagrik
साधारण भाषा में किसी देश में रहने वाले व्यक्ति को नागरिक कहते हैं। सीमित शब्दों में नगर में रहने वाले व्यक्ति को नागरिक और गांव में रहने वाले को ग्रामीण कहते हैं। परन्तु आज गांव या शहर में रहने वाला प्रत्येक व्यक्ति देश का नागरिक है।
आदर्श-नागरिक राष्ट्र की शान होता है। आदर्श नागरिक वह है जो पढ़ा लिखा, योग्य, परिश्रमी, उत्साही और निस्वार्थी हो। देश में रहने वाला प्रत्येक नागरिक देश का हिस्सा होता है। उसके कुछ कर्त्तव्य होते हैं। वह उनका ठीक पालन करके ही आदर्श नागरिक बन सकता है। किसी राष्ट्र के नागरिक स्वस्थ होंगे तो वह राष्ट्र फले फूलेगा। अत: आदर्श नागरिक का यह कर्त्तव्य है कि वह अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखे। वह नीरोग रहे तथा अपने वस्त्र एवम् शरीर की सफाई पर ध्यान दे। वह अपने आस-पास के वातावरण को साफ रखे। असामाजिक तत्वों पर दृष्टि रखे। कानून का साथ दें। वह न्यायप्रिय हो तथा ज़रूरतमन्द लोगों की सहायता करे।
आदर्श नागरिक का व्यवहार शुद्ध सोने जैसा होता है। वह अपने परिवार वालों से अच्छा व्यवहार करता है। वह बड़ों का आदर करता है। माता-पिता को मानसम्मान देता है। छोटों से प्रेम करता है। उनकी सहायता करता है। अपने पड़ोसियों के सुख-दुख में काम आता है और उनमें सद्गुणों को जगाता है। आदर्श नागरिक सबसे प्रेम-पूर्ण व्यवहार करता है। वह नगर के लोगों से झगड़ा नहीं करता। वह आपस में लड़ रहे लोगों को शान्त करता है। झगड़े की गहराई तक पहुंच कर दोनों पक्षों में सुलह करवा देता है और शान्ति का वातावरण बनाने में सहायता करता है। वह दलबन्दी से ऊपर उठा रहता है। उसका व्यवहार निष्पक्ष होता है। अपनी निरपेक्षता से वह सबका प्रिय बनता है।
एक आदर्श नागरिक समाज और राष्ट्र के नियमों का दृढ़ता से पालन करना यह नियमबद्धता उसके घर, गली और नगर में शुरु होती है। वह नगरपालिका अथवा ग्राम पंचायत के नियमों का पालन सुचारु रूप से करता है। वह अपने के और राज्य के प्रति कृतज्ञ होता है। वह टैक्स देने वाला होता है। वह चोर-बाजा काले धन्धे आदि से दूर रहता है। वह अपने पैसे की उचित रूप से बचत करके की अच्छे कार्यों में लगाता है। वह सरकारी नियमों का कभी उल्लंघन नहीं करता कानून और न्याय व्यवस्था का सम्मान करता है। वह दुष्ट, बदमाश, लुटेरे आदि समाज विरोधी व्यक्तियों को पकड़ने में पुलिस की सहायता करता है।
आदर्श नागरिक देश के सुधार में सहायक होते हैं। वह बुराईयों को फैलने से रोकते हैं। अच्छाईयों का प्रचार करते हैं। आदर्श-नागरिक देश की उन्नति में। सहायक होते हैं। आदर्श-नागरिक की स्वतंत्र भारत को बड़ी आवश्यकता है। यदि सारे देश के नागरिक आदर्श बन जाएं तो यह धरती स्वर्ग बन जाएगी।
अतः हमें आदर्श नागरिक बनने की कोशिश करनी चाहिए ताकि हम अपने देश की सच्ची सेवा कर सकें।