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Hindi Essay/Paragraph/Speech on “Alfred Dreyfus” , ”अलफ्रेड ड्रेफस” Complete Hindi Essay for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.

अलफ्रेड ड्रेफस

Alfred Dreyfus

 

फ्रांस प्रसिद्ध ‘ड्रेफस केस’ का नायक

जन्म : 1859 मृत्यु : 1935

 

उन्नीसवीं शताब्दी के अंतिम दशक में फ्रांस में एक ऐसा जबर्दस्त हंगामा मचा, जिसकी चर्चा

यूरोप की राजनीति में वर्षों तक चलती रही। इतिहास में यह घटनाक्रम ‘ड्रेफस केस’ के नाम से जाना जाता है।

अलफ्रेड ड्रेफस फ्रांसीसी सेना का एक कर्तव्यनिष्ठ यहूदी कैप्टन था। उसकी साफगोई एवं सुखी जीवन से कई उच्चाधिकारी ईर्ष्या करते थे। सितंबर, 1894 में हेनरी नामक अधिकारी को कचरे की टोकरी में एक पत्र

मिला, जिससे फ्रांस की कुछ सैन्य सूचनाएं प्रशा (जर्मनी) जाने की पुष्टि होती थी। इस पत्र की लिखावट ड्रेफस से मिलती थी। इसलिए 19 दिसंबर, 1894 में उसपर बंद कमरे में झूठा मुकदमा चलाया गया। इसी बीच

फ्रांसीसी प्रेस नित नई अफवाहें उड़ाता रहा। ड्रेफस से सारी पदवियां आदि छीनकर उसे चार वर्ष का देश निकाला देकर फ्रेंच गुयाना में कोढ़ियों की बस्ती भेज दिया गया।

उधर फ्रांस में मेजर पिकार ने इस मामले की जांच की तो पता चला कि ऐस्टरहेजी नामक मेजर जर्मन जासूस है और ड्रेफस निर्दोष। उच्च अफसर इस सच्चाई को दबाना चाहते थे। इसलिए उन लोगों ने पिकार को

ट्युनिशिया के मोर्चे पर भेज दिया। पिकार ने एक पत्र के माध्यम से मामला फिर उछाल दिया। जल्दी ही राजनीतिज्ञ पत्रकार ज्योर्जिस क्लेमेन्सो तथा लेखक एमिल जोला ड्रेफस के पक्ष में आ गए। सरकार ने जोला

पर मुकदमा चलाया तथा पिकार को सेना से बर्खास्त कर दिया गया।

अपनी बर्खास्तगी के बाद पिकार ने कई और धमाके किए। उन्होंने ड्रेफस केस के कई कागजातों को जाली सिद्ध किया। फलस्वरूप फ्रांस में ड्रेफस के पक्ष-विपक्ष में एक गृह-युद्ध-सा छिड़ गया। 3 जून, 1899 को ड्रेफस

पर फिर मुकदमा प्रारंभ हुआ। तब वह काफी जर्जर हो चुका था। 19 सितंबर, 1899 में उसे क्षमादान मिला, परंतु उसके समर्थक उसे निष्कलंक सिद्ध करना चाहते थे। आखिरकार 15 जुलाई, 1906 को उसे अदालत ने

‘निर्दोष’ घोषित करते हुए ससम्मान सेना में बहाल कर दिया। इस संपूर्ण घटनाक्रम का मुख्य दोषी हेनरी था, जिसने आत्महत्या कर ली, युद्धमंत्री को इस्तीफा देना पड़ा और ऐस्टरहेजी विदेश भाग गया।

ड्रेफस ने प्रथम विश्वयुद्ध में पराक्रम दिखाया, जिसके लिए उसे सर्वोच्च फ्रांसीसी सम्मान ‘लीजन ऑफ ऑनर’ प्रदान किया गया। सन् 1935 में ड्रेफस का 76 वर्ष की आयु में देहांत हो गया।

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