Hindi Essay/Paragraph/Speech on “Grigori Rasputin” , ”रास्पुटिन” Complete Hindi Essay for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.
रास्पुटिन
Grigori Rasputin
रूस : रहस्यवादी, अलौकिक व्यक्तित्व
जन्म : 1871 मृत्यु : 1916
उन्नीसवीं शताब्दी के महान रहस्यवादी एवं अलौकिक प्रतिभासंपन्न व्यक्तियों में रूस के ग्रेगोर रास्पुटिन का नाम प्रमुख है।
रास्पटिन का जन्म सन् 1871 में एक किसान के यहां हुआ था। अपनी कठोर धार्मिक प्रवृत्ति एवं कुछ सफल पूर्ण घोषणाओं के कारण वह एक साधु एवं भविष्यवक्ता माना जाने लगे। यह सत्य है कि वह असाधारण प्रतिभा के धनी थे, किंतु उन्होंने अपनी प्रतिभा का गलत उपयोग किया, जिसके कारण उन्हें अंत में काफी कष्ट झेलने पड़े।
अपने क्षेत्र के किसानों एवं मजदूरों में अपना प्रभुत्व जमाकर रास्पुटिन बड़े साहस एवं चतुराई के साथ पीटर्सबर्ग स्थित रूसी जार के महल में पहुंच गए। रास्पुटिन ने जार निकोलस . द्वितीय के रोगी पुत्र एलेक्सिस के कष्टों को आश्चर्यजनक ढंग से कम कर दिया। एलेक्सिस हीमोफीलिया नामक असाध्य रोग से ग्रस्त था। रास्पुटिन की इस सेवा से प्रसन्न होकर जार ने उसे अपने महल में उच्च स्थान दे दिया। धीरे-धीरे रास्पुटिन के आदेश ही कानून होने लगे। उनका जार तथा उनकी पत्नी पर अत्यधिक प्रभाव था। रास्पुटिन सन् 1906 के बाद काफी शक्तिशाली हो चुके थे। वह अब मदांध हो गए। किसी को भी दंड देना या अपमानित कर देना उनका बाएं हाथ का खेल हो गया। इसलिए उनके विरोधी एवं शत्रुओं ने उनकी हत्या का षड्यंत्र रचा। पहले उसे जहर दिया गया और फिर गोली मार दी गई। किंतु वह जब गोली लगने पर भी जीवित रहे, तो उन्हें निर्दयतापूर्वक अन्य तरीकों से मार दिया गया। गोली लगने पर भी रास्पुटिन कैसे बच पाए थे, यह आज तक बहुत बड़ा रहस्य है। इसे उसकी अद्भुत शक्तियों का कारण भी माना जाता है। उनकी कई दुष्ट प्रवृत्तियां सन् 1917 की रूसी क्रांति का कारण बनी। लोग उनसे बहुत त्रस्त थे. लेकिन सन् 1916 में उनकी मृत्यु के साथ उन्हें भी मुक्ति मिल गई।
यदि रास्पुटिन अपनी प्रतिभा का उपयोग जनहित में करते, तो आज वह एक महान व्यक्ति माने जाते।