Hindi Essay/Paragraph/Speech on “Chou En-Lai” , ”चाउ एन लाइ” Complete Hindi Essay for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.
चाउ एन लाइ
Chou En-Lai
चीन : प्रभावशाली कूटनीतिज्ञ
जन्म : 1898 मृत्यु : 1976
चाउ एन लाइ चीन के सर्वशक्तिमान राजनेताओं में से एक रहे हैं। वह 25 वर्ष तक माओत्से तंग के विश्वस्त सहयोगी और चीनी गणतंत्र के द्वितीय सर्वोच्च पद पर बने रहे। ची में अपने ढंग के साम्यवाद की स्थापना में उनका महत्त्वपूर्ण योगदान था। सन् 1949 में माओ ने चाउ को उनके विदेशों में व्यापक अनुभव तथा अनेक विदेशी भाषाओं के ज्ञान के कारण चीनी गणतंत्र का प्रधानमंत्री तथा विदेशमंत्री नियुक्त किया। उन्होंने देश के घटनाचक्र में महत्त्वप भमिका अदा की। सन् 1958 से जीवनपर्यन्त वह मंत्रिपरिषद् के अध्यक्ष रहे। माओ और चाउ जैसे सफल राजनैतिक सहयोग के उदाहरण इतिहास मे कम ही हैं। अपने अंतिम दिनों में माओ केवल प्रेरणा देने का कार्य करते और चाउ उनके विचारों को व्यावहारिक रूप देते थे।
चाउ एन लाइ का जन्म दक्षिण चीन में मांचू राजपरिवार से संबद्ध एक उच्चाधिकारी के घर में हुआ था। उन्होंने अमरीकी मिशन स्कूल में शिक्षा प्राप्त की। यूरोप के अनेक देश की यात्राएं कीं। मार्शल च्यांग काई शेक के हट जाने पर चीन के लिए अन्य देशों का समर्थन जुटाने में वह लगे रहे। इसी अवधि में वह रूस की क्रांति एवं साम्यवाद से प्रभावित हुए। उन्होंने चीन के नगरों और गांवों में कम्युनिस्ट पार्टियां संगठित की। माओ के प्रसिद्ध ‘लांग मार्च में चाउ उनके साथ थे।
चाउ एन लाइ वास्तव में चीन के अत्यंत प्रभावशाली तथा कूटनीतिज्ञ राजनेता थे। भारत की यात्रा करके उसे घनिष्ट मित्र घोषित कर हिंदी चीनी भाई-भाई’ का नारा देने वाले चाउ एन लाई के शासन्काल में ही भारत पर चीनी आक्रमण भी हुआ था, जो शायद उनकी खतरनाक दगाबाजी कूटनीति का ही परिचायक था। पं. नेहरू ने उन्हें मित्र मानकर ‘पंचशील सिद्धांत’ का निर्माण किया था। चीन का भारत पर आक्रमण तथा तिब्बत पर अधिकार मित्र की पीठ में छुरा घोंपने जैसे कार्य थे। चीन के इस दिग्गज साम्यवादी नेता ने सन् 1976 में इस संसार से विदा ली।