Hindi Essay/Paragraph/Speech on “Mahangai – Samasya aur Samadhan”, “महंगाई – समस्या और समाधान” Complete Essay, Speech for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.
महंगाई – समस्या और समाधान
Mahangai – Samasya aur Samadhan
स्वाधीनता पूर्व हमारे देश को सोने की चिड़िया के नाम से जाना जाता था। जिसे लूटने बार बार विदेशी हमारे देश में आते थे और लूट-खसोट कर चले जाते थे। जिस कारण हमारे देश की आर्थिक स्थिति गड़बड़ा गई। जैसे तैसे देश पुरानी बातों को पीछे छोड़कर आगे बढ़ने लगा और आज सौभाग्य से हमारे देश का नाम विकासशील देशों के साथ लिया जाता है।
एक विकासशील देश के पास कई सारी समस्याएँ होती हैं, उसी तरह हमारे आधुनिक भारत के पास भी अनेक समस्याएँ हैं जिनमें महंगाई एक प्रमुख समस्या है।
महंगाई का अर्थ है किसी की आर्थिक स्थिति में चोट पड़ना अर्थात् आमदनी के मुकाबले खर्चे बड़े होना या फिर किसी वस्तु की माँग अधिक होने पर उसकी कीमतों में उछाल आना। हम मोटे तौर पर यह कह सकते हैं कि जिस स्तर पर महंगाई बढ़ रही है उस स्तर पर अगर आमदनी भी बढ़ने लगे तो महंगाई अपने आप खत्म हो जाएगी।
अगर हम सरकारी आकड़ों को देखेंगे तो हम यह कह सकते हैं कि विश्व में महंगाई का स्तर किस हद तक बढ़ चुका है। जिस पर शायद ही वह नियंत्रण पा सकें। पर हमारे देश के आंकड़ों की अलग ही कहानी है। हाल ही में किए गए सर्वेक्षण के अनुसार काफी हद तक भारत में महंगाई पर काबू पा लिया गया है पर अगर हम आंकड़ों के अलावे हकीकत में देखें तो नजारा कुछ और ही रहेगा।
बढ़ती जनसंख्या, बेरोजगारी को भी हम इसका मुख्य कारण कह सकते हैं।
एक आम आदमी की बस तीन ही जरूरते हैं रोटी, कपड़ा और मकान। पर आज के इस दौर में कुछ बेचारों को कुछ भी नहीं मिल पा रहा है, जिस के पास है। जरूरत से ज्यादा है और किसी के पास जरूरत का भी नहीं है।
महंगाई की मार हर कोई झेल रहा है फिर चाहे वह नवजात शिशु हो या मृतक। इस महंगाई को देखते हुए जनता अपनी दैनिक आवश्यकताओं में कटौती करने को विवश हो गई है। आज इस समस्या का जिक्र हर एक की जुबान पर है।
भारत के लिए तो महंगाई एक चुनावी मुद्दा है जो सत्ता में रहता है उसके लिए विपक्ष इसी हथियार को थामे रहता है।
महंगाई का मुख्य कारण है उत्पादन और माँग के बीच की खाई। सरकार को चाहिए की वह इस खाई को दूर करने के लिए आवश्यक कदम उठाए। जनता को उक्त विषय से अवगत करवा कर प्रशिक्षित करे।
कालाबाजारी व जमाखोरी भी सीधे तौर पर महंगाई के कारण हैं। आज कल आवश्यक की वस्तुएँ बाजार में तो नहीं पर हाँ जमाखोरों के गोदामों में आप को बेहिन्ता अवश्य मिलेंगे जिस कारण बाजार में बचे हुए माल की कीमत बढ़ जाती है। और वह महंगाई का कारण बनती है। इसलिए सरकार और हर भारतीय नागरिक का कर्तव्य है कि वह आवश्यकता से अधिक का संचयन करे और यदि कोई करता है तो उसकी जाकारी सरकारी अफसरों को दे।
अगर सरकार केवल पेट्रोल या डीजल की मूल्य में वृद्धि करती है तो अपने आप हर वस्तु की कीमत में वृद्धि हो जाती है। सरकार को चाहिए कि वह उनकी कीमतें बढ़ाए साथ ही अन्य विकल्प भी देख ले।
आतंकवादी हमले भी महंगाई के मुख्य कारण हैं। वह तो हमला करके चले जाते हैं पर देश की अर्थव्यवस्था बिगड़ जाने से वह सैकड़ो वर्ष पीछे चला जाता है। इसलिए सरकार को चाहिए कि वह सभी आतंकवादी संगठनों पर अपनी पैनी निगाह बनाए रखे ताकि हमारी सुरक्षा के साथ महंगाई पर असर न पड़े।
भ्रष्टाचार, बंद, हड़ताल भी महंगाई के मुख्य कारण हैं, सरकार को चाहिए कि इन सब से बचे और हमें भी बचाए।
बढ़ती महंगाई पर अंकुश लगाने के लिए सक्रिय राष्ट्रीय नीति की आवश्यकता है। इस समस्या का समाधान इतना सरल नहीं है। सरकार को अपने सरकारी खर्चे पर कटौती करना पड़ेगा, हर मानव का धर्म हो कि वह धर्म के मार्ग पर चले। जो सरकारी नौकर अपना काम न करें और सरकार को दधारू गाय समझकर बस मेवा काटते रहें। उनके खिलाफ कार्यवाही करना चाहिए। आए दिन जो अवकाश की घोषणा, बंद का आह्वान हो रहा है, सरकार को इस पर अंकुश लगाना चाहिए। इन सब के अलावा सरकार को वह हर संभव कोशिश करनी चाहिए जिससे उत्पादन और माँग के बीच की खाई मिट सके।