Hindi Letter “Patni ko Paramarsh”, “पत्नी को परामर्श” Hindi Letter for Class 10, Class 12 and Graduate Classes
पत्नी को परामर्श
Patni ko Paramarsh
मेरी प्रिय अनु,
तुम अक्सर मुझे बताती रहती हो कि तुम्हारी सास तुम्हारे प्रति इतना अच्छा व्यवहार नहीं करती जितनी तुम आशा करती थीं। यद्यपि मेरी बहन तुम्हें चाहती है मगर माँ तुम्हारी छोटी-मोटी गलतियांे को उस तरह नजर अन्दाज नहीं कर जातीं जैसे अपनी सगी बेटी का करती हैं। यह एक स्वाभाविक बात है मेरी प्रिय। और पति-पत्नी के मधुर सम्बन्धों के हित के लिए मेरा परामर्श है कि तुम्हें इसे बरदाश्त करना होगा।
तुम इस बात से तो सहमत ही होगी कि गलती करना इन्सान का स्वभाव है। तुम्हें यह तो विश्वास है कि हम पति-पत्नी के बीच पूर्ण सामंजस्य है। हम एक दूसरे के प्रति समर्पित हैं, इन स्थितियों में तुम्हें मेरी माताजी और बहन के छोटे-मोटे शुष्क व्यवहार पर ज्यादह सोच नहीं करनी चाहिए।
मैं इस बात का भी विश्वास करता हूँ कि तुम अपनी ओर से उनके प्रति वहीं व्यवहार नहीं अपनाओगी जैसा वे तुम्हारे लिए अपनाते हैं। तुम्हारा ऐसा करना हमारे निजी जीवन के लिए हितकार रहेगा। पति-पत्नी के मधुर सम्बन्धांे में गृहस्थ जीवन के यह उतार-चढ़ाव तो सभी के जीवन में आते हैं, उसमें समझदारी के साथ सामंजस्य करने का प्रयत्न करो।
ढेरांे प्यार के साथ।
तुम्हे ढेरांे प्यार करने वाला,
विश्व बंधु
उपरोक्त का उत्तर
मुझे हदय से प्यार करने वाले मेरे पतिदेव,
तुम्हारे पत्र ने मुझे साहस बँधाया है। मैंने इसे कम से कम एक दर्जन बार पढ़ा और हर बार उसमें नई रोशनी नजर आयी।
मैं तुम्हें हर प्रकार से खुश देखना चाहती हूँ। मैं अपने पति के खुश देखने के लिए कोई भी त्याग करने को तैयार हूँ।
तुम्हारी और सिर्फ तुम्हारी,
अनुराधा