Hindi Essay on “Raksha Bandhan or Rakhi ” , ”रक्षाबंधन या राखी ” Complete Hindi Essay for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.
रक्षाबंधन या राखी
Raksha Bandhan or Rakhi
भारत में बारहों महीने कोई-न-कोई त्योहार मनाया जाता है। हिंदू समाज के चार प्रमुख त्योहार हैं- रक्षाबंधन, विजयादशमी, दीपावली और होली। इन सब में रक्षाबंधन प्रमुख त्योहार है। इसकी परंपरा अत्यंत प्राचीन है। प्राय: सभी जाति-वर्ग के लोग इसे समान रूप से मनाते हैं।
रक्षाबंधन श्रावण मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है। इसे श्रावणी भी कहा है। इसका ब्राह्णों के लिए विशेष महत्व है। प्राचीन परपंरा के अनुसार ऋषि-मुनी यज्ञ करते थे। उस समय ऋषि-मुनि संबंद्ध राजा को अपनी धार्मिक क्रियाओं के लिए बचनबद्ध कराते थे। राजा उन्हें रक्षा का वचन देकर आशीर्वाद ग्रहण करते थे। इस तरह बहने अपने भाईयों की कलाईपर राखी बांधती हैं और बदले में भाई उनकी रक्षा करने का वचन देते हैं। यह मुख्यत: बहन-भाई का त्योहार है।
मध्यकाल में लोगों का जीवन पहले की भांति सुखमय न था, तब अपनी रक्षा के लिए बहनें अपने भाई की कलाई में रेशम के धागे का रक्षा-सूत्र बांधने लगी। मेवाड़ की महारानी कर्णावती ने बादशाह हुमायूं को भाई मानकर अपनी रक्षा के लिए राखी भेजी थी। उस उदार मुगल शासक ने उसे स्वीकार किया था। इसकी एक बहुत रोचक कहानी है।
लगभग चार सौ साल पहले की बात है। मेवाड़ के नरेश महाराणा संग्राम सिंह की मृत्यु हो गई थी। उनकी मृत्यु के बाद कुमार विक्रमादित्य सिंहासन पर बैठे। उस समय विक्रमादित्य बहुत छोटे थे। उन दिनों मेवाड़ के सरदारों में आपसी फूट चरम पर थी। अपने लिए सही मौका जानकर गुजरात के शासक बहादुरशाह ने मेवाड़ पर आक्रमण कर दिया। उस विपदा के समय में भी राजमाता कर्णावती घबराई नहीं।
उस समय दिल्ली में बादशाह हुमायूं का शासन था। महारानी कर्णावती ने उसके पास राखी और एक पत्र भेजा। पत्र में लिखा था ‘महाराज अब इस संसार में नहीं रही कुमार अभी बाल्यावस्था में हैं। राज्य में आपसी फूट है। गुजरात का शासक बहादुरशाह जो कभी महाराज के शरणागतों में था, किले पर चढ़ आया है। मैं रखाी भेज रही हूं। आप इसे स्वीकार करें। आप महाराज के सिंहासन की रक्षा करें। मैं तो अपने धर्म की रक्षा अज्नि द्वारा कर लूंगी।’
राखी और पत्र पाते ही हुमांयू ने अपनी बहन की रक्षा का संकल्प लिया तथा उसने अपनी विशाल सेना के साथ मेवाड़ के लिए कूच किया।
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