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Hindi Essay on “Vishavshanti aur Bharat” , ”Bharat or Parmanu Shakti” Complete Hindi Essay for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.

विश्वशान्ति और भारत

भारत सदैव अध्यात्मवादी और शान्तिप्रिय राष्ट्र रहा है | यह निशिचत है कि संसार की सुख और समृद्धि केवल शांतिपूर्ण वातावरण में ही संभव है और भारत इसके लिए सदैव प्रयत्नशील रहा है | भारत ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ तथा ‘सर्वे भवन्तु सुखिन : सर्वे सन्तु निरामया : की कामना करने वाला राष्ट्र है जिसकी मूल भावना शान्ति स्थापित करने की है | ‘बहुजन हिताय’ की भावना  रखने वाला देश कभी दुसरे देश की हानि के सम्बन्ध में तो सोच भी नही सकता है | भारत विश्व शान्ति का प्रबल समर्थक है | किसी भी प्रकार के युद्ध , अणुशक्ति के विनाशकारी प्रयोग का वह सदैव विरोध करता रहा है |

विभिन्न राष्ट्रों के बीच परस्पर मतभेदों को वह शान्तिपूर्ण बातचीत द्वारा निपटाने में विश्वास रखता आया है | उसने इस प्रकार के प्रयास सदैव संयुक्त राष्ट्र संघ के माध्यम से किए | भारत ने राष्ट्र संघ के तत्वावधान में दक्षिण कोरिया, कांगो, मिस्त्र और वियतनाम में अपनी सेना भेजकर युद्ध विराम को सफल बनाने का प्रयास किया | परन्तु इसका यह तात्पर्य नही है कि भारत ने हर प्रकार के अन्याय व अत्याचार को हमेशा सहा है | जब कभी किसी ने हमारी शान्ति भंग करने का प्रयास किया है अथवा हम पर जबरदस्ती युद्ध थोपा है तो  हमने उसका मुंहतोड़ उत्तर दिया है , इतिहास इस बात का साक्षी है | हमने अपनी राष्ट्रीय सीमाओं का अतिक्रमण करने वाले को कभी बख्शा नही है और अपनी राष्ट्रीय सीमाओं का अतिक्रमण कर दुसरो के राज्यों को हथियाने का प्रयास भी नही किया है | आज संसार की महान शक्तियाँ तथा उनके पिछलग्गू छोटे-छोटे राष्ट्रों ने संसार को तीसरे विश्व युद्ध की और धकेल दिया है | अरब- इस्त्राइल युद्ध, वियतनाम युद्ध , रूस तथा हंगरी, दक्षिण अफ्रीका और नाम्बिया, तन्जानिया और युगांडा संघर्ष आदि समय समय पर विश्व शान्ति को भंग करते रहे है | आज विश्व युद्ध के कगार पर खड़ा है | भारत की सेनाएँ समय –समय पर अपनी सीमओं से बाहर भी जाती रही है परन्तु वे प्रमुखत: किन्ही युद्धग्रस्त देशो में शान्ति स्थापनार्थ ही गई है | यद्दपि हमारे देश की विदेश निति तटस्थता की है फिर भी भारत इस बात के प्रतिबद्ध है की विश्व में शान्ति की रक्षा के लिए भ सदैव वहाँ उपस्थित रहेगा जहाँ उसकी आवश्यकता होगी |

आज तो भारत स्वय पाकिस्तान से उलझा हुआ है | चीन और पाकिस्तान ने भारत की भूमि पर कब्जा जमाया हुआ है | इनको हल करने के लिए हम बातचीत का सहारा लेते है परन्तु फिर भी हमे स्वय को शक्तिशाली बनाना होगा तभी हम अपना प्रभाव दुसरे पर डाल सकते है और अपनी बात मनवा सकते है अन्यथा नही |

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