Varsha Ritu “वर्षा ऋतु” Hindi Essay, Nibandh 600 Words for Class 10, 12 Students.
वर्षा ऋतु
Varsha Ritu
मोटे तौर पर कहा जाए तो एक वर्ष में चार मौसम होते हैं-ग्रीष्म, वर्षा, शीत और बसन्त । ग्रीष्म ऋतु का अर्थ गर्मी का मौसम होता है। वर्षा ऋतु ग्रीष्म ऋतु की गर्मी के बाद बारिश लाती है। तब ठंडे महीनों का शीत ऋतु आता है। इसके बाद बसंत आता है, जब पेड़ों से पुरानी पत्तियों का झड़ना और नई पत्तियों का निकलना शुरू होता है। हालांकि शहरों में लोग वर्षा ऋतु को पसन्द नहीं करते हैं, किन्तु किसानों के लिए यह बहुत ही महत्त्वपूर्ण है। शहरों में यह ग्रीष्म ऋतु की गर्मी से राहत दिलाती है, ग्रामीणों और किसानों के लिए यह वरदान है क्योंकि उनकी फसल इसी पर निर्भर करती है। शहरी लोग इसे पसन्द नहीं करते हैं, किन्तु गाँवों में रहने वाले किसानों के लिए यह खुशहाली का अग्रदूत है। वर्षा अच्छी फसल के लिए आशा की किरणों का संदेशवाहक है।
वर्षा ऋतु एक मिश्रित वरदान है। यदि वर्षा अच्छी होगी तो फसल अच्छी होगी और भरपूर अनाज, जानवरों के लिए अधिक चारा तथा देश के लिए दूध का अधिक उत्पादन होगा। चारों तरफ हरियाली होगी और बंजर तथा सूखी भूमि हरी घासों से ढंक जाएगी। सिंचाई के लिए पानी की कोई कमी नहीं होगी। तालाब, झील, नदी इत्यादि पानी से भरे होंगे, जिससे नदियों में मछलियां भी बहुत होंगी। बंगाली लोग प्रसन्न होते हैं क्योंकि वे मछली खाते हैं। गर्मी से राहत पहुँचाने के अलावा वर्षा ऋतु देश की खाद्य समस्या के समाधान में एक हद तक मदद पहुँचाती है।
भारत में लोग वर्षा ऋतु का बहुत आनन्द उठाते हैं। लोग इस ऋतु में पिकनिक का आयोजन भी करते हैं। वे किसी बाग में जाते हैं। जहाँ उन्हें खूब सारे आम मिलते हैं। वे दूध की भी व्यवस्था करते हैं। ये दोनों चीजें वे हृदय की संतुष्टि के लिए वहाँ लेते हैं और इस पौष्टिक मिश्रण से अपने-आपको शक्तिशाली महसूस करते हैं। बच्चे कागज की नाव बना कर तैराने और एक-दूसरे पर पानी छिड़कने का आनन्द लेते हैं वे वर्षा के पानी में नहाकर ताजगी अनुभव करते हैं। महिलाओं का इस मौसम का आनन्द उठाने का अपना अलग तरीका है। वे एक स्थान में जमा होकर झूला झूलती हैं तथा संगत में गीत या लोकगीत गाती हैं। हरियाली की पृष्ठभूमि में, जब हल्की बूंदा-बांदी होती है, उनके गीत स्वयं में मनोहरी होते हैं और उनकी प्रसन्नता एवं उल्लास की कोई सीमा नहीं होती। किन्तु कभी-कभी वर्षा ऋतु एक भयानक दृश्य भी उत्पन्न करती है। रात में बादलों का गर्जन, बिजली का चमकना तथा गहरे काले बादलों द्वारा आसमान को ढँकना हमारे रोंगटे खड़े कर देता है। जब प्रचण्ड या मूसलाधार वर्षा होती है, तो यह कयामत के दिन जैसी अशुभ लगती है। बाढ़ इस देश की विभिन्न भागों की आम घटना है। इससे फसलों, मनुष्यों तथा जानवरों के जीवन का काफी नुकसान होता है। बाढ़ से घर ढह जाते हैं, जिससे इसके अन्दर रहने वाले पुरुषों, महिलाओं तथा बच्चों की जानें चली जाती है। फसलें बर्बाद हो जाती हैं। यातायात में रुकावट पैदा होती है। दूरसंचार व्यवस्था ठप्प हो जाती है। एक स्थान से दूसरे स्थान के लिए कोई संचार माध्यम नहीं रह जाता है। फसलों के भारी नुकसान और बर्बादी से देश में खाद्यान्न की कमी हो जात है, जिससे लोग इस मौसम को कोसते रहते हैं।
इस प्रकार वर्षा ऋतु, ग्रीष्म ऋतु की गर्मी से परेशान लोगों को राहत पहुँचाती है। कभी-कभी यह कुछ लोगों के लिए अभिशाप बन जाती है और जितनी क्षति उन्हें बाढ़ से हुई है, वे उसे उतना ही कोसते हैं। इस ऋतु में कई तरह के विषैले कीड़े पैदा हो जाते हैं, जो जीवन को नरक बना देते हैं। विद्यार्थियों के लिए भी यह ऋतु उनकी पढ़ाई के अनुकूल नहीं होती है।