Home » Posts tagged "Hindi Paragraph" (Page 9)

Sahitya aur Rajniti “साहित्य और राजनीति” Hindi Essay, Paragraph in 1000 Words for Class 10, 12 and competitive Examination.

Hindi-Essay-Hindi-Nibandh-Hindi
साहित्य और राजनीति Sahitya aur Rajniti साहित्य समाज का दर्पण ही नहीं होता बल्कि वह दिशा-निर्देशक और पथ-प्रदर्शक भी होता है। साहित्य की भांति राजनीति भी किसी स्वतंत्र राष्ट्र और सर्वसत्ता-सम्पन्न राष्ट्र के कार्यों, गतिविधियों का आईना बनकर उसका पथ-प्रदर्शन भी किया करती है। कार्य या उद्देश्य की दृष्टि से इस प्रकार की समानता रहते हुए भी दोनों में एक बुनियादी अन्तर है। साहित्य में भाव या हृदय पक्ष की प्रधानता...
Continue reading »

Samaj ke prati Sahityakaar ka Dayitva “समाज के प्रति साहित्यकार का दायित्व” Hindi Essay, Paragraph in 1000 Words for Class 10, 12

Hindi-Essay-Hindi-Nibandh-Hindi
समाज के प्रति साहित्यकार का दायित्व Samaj ke prati Sahityakaar ka Dayitva साहित्य को सत्यम् शिवम् एवं सुन्दरम् का त्रिवेणी स्वरूप कहा जाता है। इस त्रिवेणी का आह्वान साहित्यकार का प्रथम दायित्व माना गया है। साहित्य सहित की भावभूमि पर आधारित एक ऐसी विशिष्ट मानवीय सर्जना है जिसमें समाज का बहुविध रूपायन चित्रांकन अथवा शब्दांकन होता है। साहित्य के विविध रूप हैं-कविता, कहानी, नाटक, उपन्यास, आत्मकथा, जीवनी इत्यादि। इन समस्त विधाओं...
Continue reading »

Sahitya aur Kala “साहित्य और कला” Hindi Essay, Paragraph in 1000 Words for Class 10, 12 and competitive Examination.

Hindi-Essay-Hindi-Nibandh-Hindi
साहित्य और कला Sahitya aur Kala साहित्य, संगीत, कला-विहीन मानव साक्षात् पशुवत् है और वह पशु में भी उस पशु के समान है जो पूंछ और सींग से विहीन बिल्कुल कुरूप नजर आता है। साहित्य और कला का मानव विकास के इतिहास में अमूल्य योगदान है। डॉ. हरद्वारी लाल शर्म ने लिखा है- “हमारी अनुभूति का सारा अन्तः प्रदेश मुखर या शब्दमय नहीं होता। जितना भाग शब्दार्थ के माध्यम से ‘शरीरी’...
Continue reading »

Bhartiya Sanskriti” “भारतीय संस्कृति'” Hindi Essay, Paragraph in 1200 Words for Class 10, 12 and competitive Examination.

Hindi-Essay-Hindi-Nibandh-Hindi
भारतीय संस्कृति Bhartiya Sanskriti मुहम्मद इकबाल ने लिखा है- “कुछ बात है कि हस्ती मिटती नहीं हमारी सदियों रहा है दुश्मन दौरे जहाँ हमारा तथा- यूनान मिस्र रोमां सब मिट गए जहाँ से अब तक मगर है बाकी नामोनिशां हमारा।” क्या मुहम्मद इकबाल की ये पंक्तियां देशभक्ति से प्रेरित भावोच्छ्वास मात्र है अथवा इसमें कुछ तथ्य है? यदि वास्तव में इन पंक्तियों में कुछ सार नहीं होता तो जाति से मुसलमान...
Continue reading »

Suryakant Tripathi “Nirala” “सूर्यकान्त त्रिपाठी ‘निराला'” Hindi Essay, Paragraph in 700 Words for Class 10, 12 and competitive Examination.

Hindi-Essay-Hindi-Nibandh-Hindi
सूर्यकान्त त्रिपाठी ‘निराला’ Suryakant Tripathi “Nirala” अपनी स्वच्छन्द प्रकृति के अनुरूप काव्य को भी स्वछन्द बनाने वाले स्वर्गीय ‘निराला’ जी हिन्दी साहित्य के अनूठे व्यक्ति थे। आपने ही सर्वकाय काव्य में छन्द बन्धन को तोड़कर मुक्त छन्द कविता का प्रणयन किया। तात्पर्य यह कि केवल गीतात्मक काव्य ही उनका मूलाधार बना। आपकी प्रारम्भिक रचनाओं में छायावादी प्रकृति प्रेम और मधुर कल्पना के दर्शन होते हैं। यथा- सखि, बसन्त आया। आदृत वाणी-उर...
Continue reading »

Sahitya aur Vigyan “साहित्य और विज्ञान” Hindi Essay, Paragraph in 700 Words for Class 10, 12 and competitive Examination.

Hindi-Essay-Hindi-Nibandh-Hindi
साहित्य और विज्ञान Sahitya aur Vigyan सामान्य रूप से देखने पर साहित्य और विज्ञान दोनों के कार्य क्षेत्र अलग-अलग प्रतीत होते हैं, किन्तु सत्य यह है कि ये दोनों अपने मूल उद्देश्य की दृष्टि से मानव-समाज की सेवा में लगे हुए हैं। अपने मूल रूप में साहित्य एक ललित कला और विज्ञान को उपयोगी कला के अन्तर्गत रखा जा सकता है। दोनों का रचनात्मक उद्देश्य मानव-जीवन और समाज का उत्कर्ष करना...
Continue reading »

Hindi ke Vikas mein Yogdaan “हिन्दी के विकास में योगदान” Hindi Essay, Paragraph in 1000 Words for Class 10, 12 and competitive Examination.

Hindi-Essay-Hindi-Nibandh-Hindi
हिन्दी के विकास में योगदान Hindi ke Vikas mein Yogdaan हिन्दी के इतिहास के अध्ययन करने पर यह तथ्य स्पष्ट हो जाता है कि विगत हजार वर्षों से ऐसे लेखकों ने हिन्दी में श्रेष्ठ रचनाएँ प्रस्तुत की हैं जिनकी मातृभाषा हिन्दी नहीं थी। पंजाब, गुजरात, महाराष्ट्र, बंगाल, आंध्र और कर्नाटक तक के लोगों का हिन्दी के प्रति विशिष्ट अवदान रहा है। हिन्दी के आदिकाल से आज तक ऐसे लोग हिन्दी में...
Continue reading »

Sahitya aur Dharam “साहित्य और धर्म” Hindi Essay, Paragraph in 800 Words for Class 10, 12 and competitive Examination.

Hindi-Essay-Hindi-Nibandh-Hindi
साहित्य और धर्म Sahitya aur Dharam साहित्य को मानव-जीवन की कोमल-कान्त आन्तरिक भावनाओं का वाहक माना गया है, हालाँकि उनका आधार जीवन का ऊबड़-खाबड़, कठोर और यथार्थ धरातल ही हुआ करता है। इसके विपरीत धर्म का सम्बन्ध भी वस्तुतः मानव मन की कोमल, भावुक और एक सीमा तक चमत्कार प्रिय भावनाओं से ही हुआ करता है, यद्यपि वे भावनाएँ जागतिक धरातल पर आधारित न होकर तरह-तरह के आलौकिक या पारलौकिक विश्वासों,...
Continue reading »