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Posts tagged "Hindi Paragraph" (Page 54)
मोबाइल फोन संपत्ति और विपत्ति Mobile Phone Sampatti aur Vipatti मोबाइल फोन–एक सुविधा या संपत्ति-मोबाइल फोन मनुष्य के हाथों में खेलने वाला चौबीसों घंटों का नौकर है। आज इसका उपयोग बहुत सस्ता हो गया है। केवल कुछ रुपयों में देश-विदेश में बातें हो सकती हैं। संदेश भेजना तो लगभग मफ्त है। कोई व्यक्ति एक-साथ सैकड़ों लोगों को कुछ ही मिनटों में संदेश भेज सकता है, वह भी बहुत कम मूल्य पर।...
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October 18, 2020 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
मैच फिक्सिग–एक कलंक Match Fixing-ek Kalank भ्रष्टाचार–भ्रष्टाचार मायावी राक्षस है। इसके दस नहीं, असंख्य सिर हैं। जब यह राक्षस खेलों में खेल दिखाता है तो अनेक करतब दिखाता है। मैच फिक्सिग भ्रष्टाचार रूपी दानव का नया पैंतरा है। कश्ती के बारे में फिक्सिंग की गाथाएँ पहले भी सनने में आती थीं। उसमें जीत-हार दो ही पहलवानों पर निर्भर होती है। अतः यदि एक को भी साध लिया जाए तो मैच का...
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October 18, 2020 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
भारतीय खेलों का वर्तमान और भविष्य Bharatiya Khelo ka Vartman aur Bhavishya खेल–विमुखता क्यों–आज भी भारत में बच्चे को खेलता देखकर माता-पिता के माथे पर चिंता की लकीरें खिंच जाती हैं। इस कारण यहाँ खेलों का वर्तमान तथा भविष्य रामभरोसे है। खेल संस्थानों में भी परंपरागत शिक्षा को महत्त्व मिलता जा रहा है। खेलों को प्रोत्साहन कैसे मिले–भारत में खेलों को प्रोत्साहन तभी मिल सकेगा, जबकि भारत सरकार अपनी शिक्षा-नीति और...
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October 18, 2020 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
संयुक्त परिवार की आवश्यकता Sanyukt Parivar ki Aavyashakta अर्थ–संयुक्त परिवार का अर्थ है-अपने कुनबे के साथ इकट्ठे जीवनयापन करना। इसका विलोम है-एकल परिवार, अर्थात् नि-पत्नी का अपने अविवाहित बच्चों के साथ जीवनयापन करना। हमारे अतीत ने हमें समह में रहना सिखाया। हम कबीलों में, नबों में और संयुक्त परिवारों में जिए। आज संयुक्त परिवार भी टूट गए हैं। हर आदमी अकेला हो गया है। यह अकेलापन अब इन खड़े कर रहा...
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October 18, 2020 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
महिला–सुरक्षा Mahila Suraksha नारी का दुखद जीवन–मैथिलीशरण गुप्त ने नारी की असहाय अवस्था पर आँसू बहाते हुए कहा था- अबला जीवन हाय! तुम्हारी यही कहानी। आँचल में है दूध, और आँखों में पानी।। सौ वर्ष पहले कही गई यह उक्ति आज भी ज्यों-की-त्यों सच है। कहने को भारत की नारी ने बहुत प्रगति की है। दीखने में वह पुरुष के कंधे से कंधा मिलाकर आगे बढ़ रही है। किंतु सच्चाई...
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October 18, 2020 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
कामकाजी नारी और उसकी समस्याएँ Kamkaji Nari aur Uski Samasya कामकाजी नारी यानि दोहरा कार्यभार–कामकाजी नारी का अर्थ है-धनोपार्जन में लगी नारी। ऐसी नारी दगने संकट झेलती है। उस पर दुगुने दायित्व होते हैं। उसे घर और बाहर-दोनों के बीच संतुलन बैठाना पड़ता है। उसे रसोई, चूल्हा-चौका, सफाई, साज-सज्जा का काम तो करना ही होता है। उसके परिवार के सदस्य यह सहन नहीं कर पाते कि वह नौकरी करके पुरुषों की...
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October 18, 2020 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
लड़का–लड़की एक समान Ladka Ladki Ek Saman लड़का–लड़की में असमानताएँ लड़का-लड़की की समानताओं को समझने से पहले उनकी असमानताओं को समझना अनिवार्य है। उनका जन्म, खान-पान, पाचन-तंत्र, बीमारी, इलाज, मृत्यु आदि लगभग एक-समान हैं। अंतर मात्र प्रजनन-तंत्र का है। उसमें भी वे दोनों सहयोगी हैं। दोनों में से किसी के बिना सृष्टि-तंत्र नहीं चल सकता। स्वभाव में अंतर लड़का-लड़की के मन में एक-जैसे भाव होते हैं। नारी में कोमलता, भावुकता, व्यवहार-कुशलता...
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October 18, 2020 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
सामाजिक जीवन में भ्रष्टाचार Samajik Jivan mein Bhrashtachar भ्रष्टाचार का बढ़ता स्वरूप-भारत के सामाजिक जीवन में आज भ्रष्टाचार का बोलबाला है। यहाँ का रिवाज़ है-रिश्वत लो और पकड़े जाने पर रिश्वत देकर छूट जाओ। नियम और कानून की रक्षा करने वाले सरकारी कर्मचारी सबसे बड़े भ्रष्टाचारी हैं। केवल तीन करोड़ में देश के सांसदों को खरीदना और उनका बिकना भ्रष्टाचार का सबसे शर्मनाक दृश्य है। भ्रष्टाचार का प्रवाह ऊपर से नीचे...
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October 18, 2020 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
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